खरगोन। भारत में योगाभ्यास की परंपरा तकरीबन 5 हजार साल पुरानी है. योग को शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है. इस प्राचीन पद्धति के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाता है. कल दुनियाभर में छठा इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाएगा. भारत में इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. देश भर में इंटरनेशनल योग दिवस मनाने से पहले लोग योगा की प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस मौके पर खरगोन के बहुत से लोग, 'करें योग, रहे निरोग' का मंत्र अपना कर निरोगी जीवन बिता रहे हैं.
इन्होंने अपनाया योग
विंध्य विहार कॉलोनी के रहने वाले ओम प्रकाश भावसार ने बताया कि, मुझे पेशाब में जलन के साथ पथरी की शिकायत थी. खरगोन और गुजरात के डॉक्टरों को दिखाया था, सभी ने ऑपरेशन की बात कही, लेकिन उन्होंने योग गुरु से सम्पर्क किया, जहां उन्होंने योग क्लास ज्वाइन की और दो माह में आराम मिल गया. अब वे लगातार योग रहे हैं, जिसके बाद तमाम छोटी- बड़ी बीमारियों से राहत मिल गई है. रोजाना योग करने वाले एचएल पाटिल बताते हैं की, कोरोना में भी योग से आराम मिलता है. योग के माध्यम से शरीर के हर अंग को ऑक्सीजन पहुंचती है. फेफड़े पर कोरोना की मार अधिक पड़ती है. वही एसके आटोदे ने बताया की, वे 'करें योग रहे निरोग' के तर्ज पर हम अपने जीवन में बदलाव लाए पाए हैं और आज दवा मुक्त हैं. उन्होंने सभी से योग कर स्वस्थ्य रहने की अपील भी की.
खुद स्वस्थ हुए, अब दे रहे निःशुल्क क्लास
योग गुरु ओंकारलाल सुगन्धि ने बताया कि, वे साल 2015 से योग कर रहे हैं और योग क्लास संचालित कर रहे हैं. वे खुद डाइबिटीज और ब्लड प्रेशर से परेशान थे, घाव होते थे, तो महीनों तक नहीं सही होते थे. जब से उन्होंने योग अपनाया है घाव होने की शिकायत दूर हो गई और अगर कभी चोट लग भी जाती है, तो जल्दी ठीक हो जाती है. ओंकारलाल सुगन्धि ने कहा की, उन्होंने योग और खान पान के माध्यम से जीवन को स्वस्थ बनाया है. 'करें योग रहे निरोग' के माध्यम से दवा मुक्त जीवन जी रहे हैं. साथ ही निःशुल्क योग क्लास का संचालन कर रहे है.