खरगोन। सड़क किनारे दुकान लगाकर शिद्दत से बूट पॉलिश कर रहे शख्स को देखकर क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि उसकी पत्नी अच्छी-खासी सरकारी नौकरी करती होगी. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि बूट पॉलिश करने वाले संतोष बछाने की पत्नी, हेमलता बछाने महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत हैं.
बेहद गरीब परिवार में रहकर उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है वो काबिल-ए-गौर है. प्रेमलता बचपन से ही पढ़-लिखकर ऐसा मुकाम हासिल करना चाहती थीं, जो उन्हें और उनके परिवार को इज्जत दिला सके, लेकिन उनकी राह में आड़े आ रही थी, उन्हें विरासत में मिली गरीबी. ऐसे में उनके पति संतोष ने उनका साथ दिया. संतोष ने हेमलता की पढ़ाई पूरी कराने के लिए जी-तोड़ मेहनत की और उन्हें सरकारी नौकरी दिलाकर ही माने.
वहीं अपनी पत्नी की कामयाबी पर संतोष को भी गर्व है. वे कहते हैं कि मैं पत्नी के पर्यवेक्षक बनने से बेहद खुश हूं. मैंने जूते पॉलिश कर उसकी पढ़ने की इच्छा पूरी की, जिसका ईनाम मुझे पत्नी की नौकरी के रूप में मिला.
हेमलता और संतोष की कहानी बताती है कि अगर लगन हो तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियां भी आपका रास्ता नहीं रोक सकतीं. तमाम मुश्किलों के बावजूद जिन संघर्षों के बीच हेमलता ने ये मुकाम हासिल किया, वो उनके हौसले की मिसाल है.