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तीन अधिकारी निलंबित, चार आरक्षक लाइन अटैच - बलवाड़ा थाना के चार पुलिसकर्मी निलंबित

खरगोन में झूठी कार्रवाई करने के मामले में एसपी ने चार अधिकारी को निलंबित कर दिया है. जबकि तीन सिपाही को लाइन अटैच कर दिया है.

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खरगोन
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Published : Jan 21, 2021, 4:21 PM IST

खरगोन। जिले में अवैध शराब की बिक्री में माफियाओं के साथ पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. ऐसा ही एक मामला बलवाड़ा थाना क्षेत्र के काटकूट में सामने आया है. जहां स्थानीय पुलिस ने शराब तस्करी से जुड़े व्यक्ति से सांठगांठ कर झूठा मामला दर्ज कर लिया. जांच में सच्चाई सामने आने पर एसपी ने बलवाड़ा टीआई भारतसिंह रावत सहित काटकूट चौकी प्रभारी लखमेसिंह सोलंकी, एएसआई जशवंत भरलाय को सस्पेंड कर दिया. वहीं चौकी के एएसआई अयोध्या प्रसाद गुप्ता, आरक्षक देवेंद्र लोधी, गब्बरसिंह और लोकेंद्र को लाइन अटैच किया है.

काटकूट चौकी पर बड़ेल सरंपच मुन्ना जायसवाल के बेटे शैलेंद्र जायसवाल के खिलाफ अवैध शराब और मारपीट का मामला काटकूट के रहने वाले कमल उर्फ कचरु जाट और योगेश जाट ने दर्ज कराया था. यह पूरा मामला फर्जी था और उसमें पुलिस ने कमल जाट का साथ देते हुए मुन्ना के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की थी. बाद में मुन्ना जायसवाल ने राजनीति पॉवर का इस्तेमाल करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत कराया. इसमें पुलिस ने दबाव में आकर कमल जाट और अन्य पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बड़वाह और मंडलेश्वर एसडीओपी द्वारा की गई जांच में पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह गलत साबित हुई.

यह है मामला

स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक बलवाड़ा और काटकूट क्षेत्र अवैध शराब का गढ़ है. यहां सालभर पहले देवास के शराब ठेकेदार द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से शराब सप्लाई की जा रही थी. शराब ठेकेदार से पहले मुन्ना जायसवाल और शैलेंद्र जायसवाल जुड़े थे. उसी की सहायता से क्षेत्र में यह धंधा चल रहा था. कुछ समय तक ऐसा ही चलता रहा और फिर ठेकेदार के कान्ट्रेक्ट में कमल जाट भी आ गया और वह भी इस धंधे में ठेकेदार की मदद करने लगा. जायसवाल और जाट एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगे और मामला रंजिश में बदल गया.

मारपीट कर गाड़ी में रख दी शराब

छह आरोपियों ने मुन्ना के बेटे योगेश के साथ मारपीट की और उसकी गाड़ी में जबरदस्ती शराब रख दी. इतना ही नहीं देशी कट्टे से फायरिंग की और कट्टा गाड़ी में पटक दिया था. पुलिस को सूचना देकर झूठी शिकायत दर्ज करा दी थी. बाद में मुन्ना ने आईजी और एसपी को शिकायत की थी. वहीं एएसपी ग्रामीण जितेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि आबकारी एक्ट के तहत बलवाड़ा थाना पर कार्रवाई की गई थी. जिसमे पकड़े गए लोगों द्वारा एक शिकायत की गई थी. पुलिस द्वारा जबरन फंसाने का आरोप लगाया था.जांच में त्रुटि पूर्ण कार्रवाई होना पाई गई. जिस पर शैलेन्द्र सिंह द्वारा थाना प्रभारी सहित चौकी प्रभारी और आरक्षकों को निलंबित किया है.

खरगोन। जिले में अवैध शराब की बिक्री में माफियाओं के साथ पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. ऐसा ही एक मामला बलवाड़ा थाना क्षेत्र के काटकूट में सामने आया है. जहां स्थानीय पुलिस ने शराब तस्करी से जुड़े व्यक्ति से सांठगांठ कर झूठा मामला दर्ज कर लिया. जांच में सच्चाई सामने आने पर एसपी ने बलवाड़ा टीआई भारतसिंह रावत सहित काटकूट चौकी प्रभारी लखमेसिंह सोलंकी, एएसआई जशवंत भरलाय को सस्पेंड कर दिया. वहीं चौकी के एएसआई अयोध्या प्रसाद गुप्ता, आरक्षक देवेंद्र लोधी, गब्बरसिंह और लोकेंद्र को लाइन अटैच किया है.

काटकूट चौकी पर बड़ेल सरंपच मुन्ना जायसवाल के बेटे शैलेंद्र जायसवाल के खिलाफ अवैध शराब और मारपीट का मामला काटकूट के रहने वाले कमल उर्फ कचरु जाट और योगेश जाट ने दर्ज कराया था. यह पूरा मामला फर्जी था और उसमें पुलिस ने कमल जाट का साथ देते हुए मुन्ना के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की थी. बाद में मुन्ना जायसवाल ने राजनीति पॉवर का इस्तेमाल करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत कराया. इसमें पुलिस ने दबाव में आकर कमल जाट और अन्य पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बड़वाह और मंडलेश्वर एसडीओपी द्वारा की गई जांच में पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह गलत साबित हुई.

यह है मामला

स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक बलवाड़ा और काटकूट क्षेत्र अवैध शराब का गढ़ है. यहां सालभर पहले देवास के शराब ठेकेदार द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से शराब सप्लाई की जा रही थी. शराब ठेकेदार से पहले मुन्ना जायसवाल और शैलेंद्र जायसवाल जुड़े थे. उसी की सहायता से क्षेत्र में यह धंधा चल रहा था. कुछ समय तक ऐसा ही चलता रहा और फिर ठेकेदार के कान्ट्रेक्ट में कमल जाट भी आ गया और वह भी इस धंधे में ठेकेदार की मदद करने लगा. जायसवाल और जाट एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगे और मामला रंजिश में बदल गया.

मारपीट कर गाड़ी में रख दी शराब

छह आरोपियों ने मुन्ना के बेटे योगेश के साथ मारपीट की और उसकी गाड़ी में जबरदस्ती शराब रख दी. इतना ही नहीं देशी कट्टे से फायरिंग की और कट्टा गाड़ी में पटक दिया था. पुलिस को सूचना देकर झूठी शिकायत दर्ज करा दी थी. बाद में मुन्ना ने आईजी और एसपी को शिकायत की थी. वहीं एएसपी ग्रामीण जितेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि आबकारी एक्ट के तहत बलवाड़ा थाना पर कार्रवाई की गई थी. जिसमे पकड़े गए लोगों द्वारा एक शिकायत की गई थी. पुलिस द्वारा जबरन फंसाने का आरोप लगाया था.जांच में त्रुटि पूर्ण कार्रवाई होना पाई गई. जिस पर शैलेन्द्र सिंह द्वारा थाना प्रभारी सहित चौकी प्रभारी और आरक्षकों को निलंबित किया है.

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