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स्ट्रांग रूम में लगी आग से उठीं सियासी लपटें, एक बार फिर गरमाया लोकसभा चुनाव में धांधली का मुद्दा

खरगोन के पीजी कॉलेज में बने विधानसभा क्षेत्र 185 के स्ट्रांग रूम में आग लगने से सूबे की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने इस मामले में सवाल उठाए हैं. वहीं कलेक्टर अनुग्रह पी ने जांच की बात कही है.

Fire in strong room
स्ट्रांग रूम में लगी आग
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Published : Oct 7, 2020, 5:40 PM IST

खरगोन। पीजी कॉलेज में बने विधानसभा क्षेत्र 185 के स्ट्रांग रूम में दोपहर एक बजे अचानक आग लग गई, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और ईवीएम की जांच की. कलेक्टर अनुग्रह पी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग से ईवीएम को कोई नुकसान नहीं हुआ है. मामले की जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की गई है. जो शाम तक अपनी रिपोर्ट देगी. इसकी सूचना राज्य शासन और केंद्र स्तर सहित निर्वाचन आयोग को भी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम के बाहर लगा एक बोर्ड भी जला है. इस जांच टीम में ईवीएम एक्सपर्ट भी शामिल हैं.

स्ट्रांग रूम में लगी आग

कांग्रेस ने लगाए आरोप

हालांकि कांग्रेस ने इस मामले पर राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. खरगोन विधायक रवि जोशी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में हमारी जीत तय थी, लेकिन काउंटिंग में हम हार गए, जिसको लेकर हमारे द्वारा पिटीशन दायर की गई थी. अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लिहाजा इस घटना से षड्यंत्र की बू आ रही है. उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की है.

विवाद का मुद्दा

बता दें कांग्रेस ने रतलाम और खरगोन लोकसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था, जिसके बाद ये मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया. याचिकाओं में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में पड़े वोटों के आंकड़े और इनसे जुड़ी वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का मतगणना के वक्त कायदों के मुताबिक मिलान नहीं किया गया. इससे नजदीकी प्रतिद्वंदियों को अनुचित चुनावी फायदा मिला. वर्ष 1951 के लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर याचिकाओं में लोकसभा सदस्यों के रूप में रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर और खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इसे शून्य घोषित करने की गुहार लगाई गई थी.

खरगोन। पीजी कॉलेज में बने विधानसभा क्षेत्र 185 के स्ट्रांग रूम में दोपहर एक बजे अचानक आग लग गई, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और ईवीएम की जांच की. कलेक्टर अनुग्रह पी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग से ईवीएम को कोई नुकसान नहीं हुआ है. मामले की जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की गई है. जो शाम तक अपनी रिपोर्ट देगी. इसकी सूचना राज्य शासन और केंद्र स्तर सहित निर्वाचन आयोग को भी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम के बाहर लगा एक बोर्ड भी जला है. इस जांच टीम में ईवीएम एक्सपर्ट भी शामिल हैं.

स्ट्रांग रूम में लगी आग

कांग्रेस ने लगाए आरोप

हालांकि कांग्रेस ने इस मामले पर राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. खरगोन विधायक रवि जोशी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में हमारी जीत तय थी, लेकिन काउंटिंग में हम हार गए, जिसको लेकर हमारे द्वारा पिटीशन दायर की गई थी. अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लिहाजा इस घटना से षड्यंत्र की बू आ रही है. उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की है.

विवाद का मुद्दा

बता दें कांग्रेस ने रतलाम और खरगोन लोकसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था, जिसके बाद ये मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया. याचिकाओं में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में पड़े वोटों के आंकड़े और इनसे जुड़ी वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का मतगणना के वक्त कायदों के मुताबिक मिलान नहीं किया गया. इससे नजदीकी प्रतिद्वंदियों को अनुचित चुनावी फायदा मिला. वर्ष 1951 के लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर याचिकाओं में लोकसभा सदस्यों के रूप में रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर और खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इसे शून्य घोषित करने की गुहार लगाई गई थी.

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