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खरगोन : कपास नहीं खरीदे जाने से किसान परेशान - non purchase of cotton

खरगोन में किसानों का कपास रिजेक्ट किए जाने का मामला सामने आया है. किसानों का कहना है कि सीसीआई और व्यापारियों में सांठगांठ हैं जिससे ये खरीदी नहीं कर रहे हैं. इससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

non purchase of cotton
कपास खरीदी नहीं
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Published : May 28, 2020, 2:17 AM IST

खरगोन। मध्य प्रदेश सरकार किसानों की उपज का पूरा दाम और धान का एक-एक दाना खरीदने की बात कर रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. किसान जिनिंग स्थित कपास खरीदी केंद्र पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला जहां किसानों का कपास रिजेक्ट किया गया.

कपास खरीदी नहीं

जिले के किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. सीसीआई द्वारा व्यापारियों से पूछकर किसानों का कपास रिजेक्ट किए जाने से किसानों ने हंगामा किया. किसानों का आरोप है कि कपास खरीदी का आखिरी दिन होने के बाद भी सीसीआई द्वारा कपास रिजेक्ट कर दिया गया. उनका कहना है कि उन के ऊपर दोहरी मार पड़ रही है. एक ओर उचित भाव नहीं मिल रहा है और दूसरी ओर कपास को बेचने जाने की समस्या है.

किसान श्याम ने बताया कि सरकार की ओर से सीसीआई कपास की खरीदी करती है लेकिन सीसीआई ने लगभग डेढ़ सौ से 200 किसानों के ट्रैक्टरों को रिजेक्ट करते हुए कपास नहीं लेने की बात कही है.

किसानों ने आरोप लगाया कि सीसीआई और व्यापारियों की सेटिंग जिससे होती है, उनका माल खरीद लिया जाता है. छोटे और मध्यम किसानों को समस्या आती है. इस फसल को बेच कर किसान अगली फसल के लिए बीज खरीदता है. किसानों ने सीसीआई पर नाइंसाफी का आरोप भी लगाया है. वहीं एक अन्य किसान ने बताया कि यहां छोड़े गए कपास की स्थिति इतनी भी खराब नहीं है कि सीसीआई खरीद ना सके.

खरगोन। मध्य प्रदेश सरकार किसानों की उपज का पूरा दाम और धान का एक-एक दाना खरीदने की बात कर रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. किसान जिनिंग स्थित कपास खरीदी केंद्र पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला जहां किसानों का कपास रिजेक्ट किया गया.

कपास खरीदी नहीं

जिले के किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. सीसीआई द्वारा व्यापारियों से पूछकर किसानों का कपास रिजेक्ट किए जाने से किसानों ने हंगामा किया. किसानों का आरोप है कि कपास खरीदी का आखिरी दिन होने के बाद भी सीसीआई द्वारा कपास रिजेक्ट कर दिया गया. उनका कहना है कि उन के ऊपर दोहरी मार पड़ रही है. एक ओर उचित भाव नहीं मिल रहा है और दूसरी ओर कपास को बेचने जाने की समस्या है.

किसान श्याम ने बताया कि सरकार की ओर से सीसीआई कपास की खरीदी करती है लेकिन सीसीआई ने लगभग डेढ़ सौ से 200 किसानों के ट्रैक्टरों को रिजेक्ट करते हुए कपास नहीं लेने की बात कही है.

किसानों ने आरोप लगाया कि सीसीआई और व्यापारियों की सेटिंग जिससे होती है, उनका माल खरीद लिया जाता है. छोटे और मध्यम किसानों को समस्या आती है. इस फसल को बेच कर किसान अगली फसल के लिए बीज खरीदता है. किसानों ने सीसीआई पर नाइंसाफी का आरोप भी लगाया है. वहीं एक अन्य किसान ने बताया कि यहां छोड़े गए कपास की स्थिति इतनी भी खराब नहीं है कि सीसीआई खरीद ना सके.

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