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पिता की अंतिम यात्रा को बेटियों ने दिया कंधा, श्मशान में मुखाग्नि भी दी

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Published : Nov 12, 2019, 9:14 PM IST

खरगोन में एक परिवार की बेटियों ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में उन्हें मुखाग्नि देकर समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया.

बेटियों ने किया पिता अंतिम संस्कार

खरगोन। जिले के एक परिवार की बेटियों ने समाज की पुरानी परंपरा को तोड़कर एक मिसाल पेश की है. इन बेटियों ने अपने दिवंगत पिता को शवयात्रा में कंधा देकर उन्हें मुखाग्नि दी और समाज के सभी लोगों के सामने एक उदाहरण पेश किया है.

बेटियों ने किया पिता अंतिम संस्कार

सोमवार रात को सिंचाई विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर जयप्रकाश जायसवाल की मौत हो गयी. उनका कोई बेटा नहीं होने की वजह से उनकी बेटियों ने उनका अंतिम संस्कार किया. उनके इस निर्णय में समाज के लोगों ने भी उनका साथ दिया और उनकी इस सोच को सराहा.

खरगोन। जिले के एक परिवार की बेटियों ने समाज की पुरानी परंपरा को तोड़कर एक मिसाल पेश की है. इन बेटियों ने अपने दिवंगत पिता को शवयात्रा में कंधा देकर उन्हें मुखाग्नि दी और समाज के सभी लोगों के सामने एक उदाहरण पेश किया है.

बेटियों ने किया पिता अंतिम संस्कार

सोमवार रात को सिंचाई विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर जयप्रकाश जायसवाल की मौत हो गयी. उनका कोई बेटा नहीं होने की वजह से उनकी बेटियों ने उनका अंतिम संस्कार किया. उनके इस निर्णय में समाज के लोगों ने भी उनका साथ दिया और उनकी इस सोच को सराहा.

Intro:आज के जमाने में बेटियां किसी से कम नहीं है। ताजा उदाहरण सामने आया जिसमें पुत्र के ना होने पर दिवंगत पिता को बेटियों ने कांधा देकर दिवंगत पिता को मुखाग्नि देकर जयसवाल समाज की परंपरा को तोड़ एक मिसाल पेश की।


Body:बीती रात खरगोन जिले के सिंचाई विभाग रिटायर्ड इंजीनियर जयप्रकाश जायसवाल का देहावसान हो गया। उन्होंने अपने चार बेटियों को बेटे के समान ही शिक्षा देकर स्वावलंबी बनाया था । बेटे के न होंने से बेटियों ने शवयात्रा में कंधा देकर मुखाग्नि दी। जयप्रकाश की बड़ी बेटी मंजुला ओर बिंदु ने बताया कि हमे पिता ने बेटे की तरह छूट देकर हमे अपने पैरों पर खड़ा किया। साथ ही छूट के साथ अनुशासन भी सिखाया । वही मझली बेटी बिंदु ने कहा कि उनके जाने के बाद अब एहसास हुआ है कि हमारे पिता कितने अच्छे थे जिन्होंने छूट के साथ अनुशासन में रहना सिखाया।
बाइट- मंजुला जायसवाल बेटी
बाइट- बिंदु जायसवाल बेटी
वही समाज के सुभाष जायसवाल ने बताया कि खरगोन निवासी जयप्रकाश जायसवाल सिचाई विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर थे। उनके यहां बेटा नही था। इसलिए पुत्रों के समान पुत्रियों को पाला औऱ आज देहांत के बाद पुत्रियों ने पुरानी परम्पराओ को तोड़ते हुए। पुत्र के समान शव यात्रा को कंधा देकर मुखाग्नि दी।
बाइट- सुभाष जायसवाल समाजजन



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