खरगोन। लॉकडाउन में आरोपियों ने महेश्वर जल विद्युत परियोजना के गोदाम से करोड़ों के माल पर हाथ साफ कर दिया. परियोजना प्रबंधन ने मार्च एवं अप्रैल में तत्कालीन मण्डलेश्वर पुलिस थाना को परियोजना के गोदाम से चोरी होने की लिखित शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन तत्कालीन थाना प्रभारी ने चोरी की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया. लॉकडाउन के पूर्व कॉम्पेक्ट इंटरनेशनल सिक्योरिटी एजेंसी, जो महेश्वर जल विद्युत परियोजना की अधिकृत सिक्योरिटी एजेंसी थी, परियोजना प्रबंधन द्वारा एग्रीमेंट खत्म कर दिया गया. जिससे परियोजना की सुरक्षा पूरी तरह से खत्म हो गयी. जिसके चलते लॉकडाउन के दौरान आरोपियों ने मौका पाते ही की चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया.
एसपी ने मांगी रिपोर्ट
लॉकडाउन के दौरान परियोजना के गोदाम से करोड़ों की कीमत के एल्युमिनियम एवं तांबे के तार आरोपी लेकर फरार हो गए थे. उस समय पुलिस ने दो आरोपियों को चोरी के शक के आधार पर गिरफ्तार किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें बिना किसी ठोस सबूत क छोड़ दिया. जब मामला एसपी के पास पहुंचा तो पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की रिपोर्ट एसडीओपी से मांगी है. वहीं एसडीओपी मान सिंह ठाकुर ने बताया कि उक्त मामले की जांच की जा रही है और तथ्य एवं साक्ष्य खंगाले जा रहे हैं.
श्रृंखलाबद्ध तरीके से हुई चोरियां
परियोजना से सम्बंधित कर्मचारी राजेश सिटोले एवं शारदे ने बताया कि लॉक डाउन में गोदाम के साथ साथ सम्पूर्ण परियोजना परिसर में सिक्योरिटी नही थी जिसके चलते चोरों ने कई चरणों मे गोदाम में रखे करोड़ो की कीमत के एल्युमिनियम एवं तांबे के तार, लोहे की भारी भरकम प्लेट सहित कई बहुमूल्य समान चोरी किया। कई बार हमने ही अपनी गश्त में चोरों को सामान ले जाते देखा। हमे दूर से देख कर चोर समान वही छोड़ कर भागे।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
महेश्वर जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि इन चोरियों की लिखित में शिकायते पुलिस से एक बार नहीं बल्कि तीन बार की है लेकिन दो बार तो हमारे आवेदन लेकर खानापूर्ति कर दी गई. वहीं मामले में थाना प्रभारी भारत सिंह रावत ने कहा कि मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है. उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर परियोजना के गोदाम का मौका मुआयना भी किया है और गोदाम की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों से भी पूछताछ की है जल्द ही टीम का गठन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.