खरगोन। जिले के मंडलेश्वर में 4 साल पहले बनकर तैयार हुए फिल्टर प्लांट से आज पूरे नगर में शुद्ध जल का दिया जा रहा है. शासन, नगर परिषद व निर्माण कंपनी प्राची इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड के बीच हुए अनुबंध के अनुसार फिल्टर प्लांट शुरू होने से लेकर अगले 5 सालों तक संचालन की जिम्मेदारी कंपनी की है, जिसका निर्वाहन करते हुए कंपनी को 4 साल पूरे हो चुके हैं, अब सिर्फ एक साल बचा है.
अनुबंध के तहत ठेकेदार द्वारा किए जाने वाले कार्यों का भुगतान नगर परिषद द्वारा किया जाना तय है. इसके अलावा कंपनी द्वारा प्रतिमाह होने वाले मेंटेनेंस का खर्च भी नगर परिषद को देना है, लेकिन कंपनी और नगर परिषद के बीच मेंटेनेंस राशि के भुगतान को लेकर आए दिन विवाद खड़ा हो रहा है, जिसका खामियाजा फिल्टर प्लांट पर कार्यरत कंपनी के 11 कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. हाल यह है कि कंपनी को नगर परिषद से राशि नहीं मिलने पर कंपनी द्वारा कर्मचारियों को वेतन नहीं दी जा रहा है.
वेतन नहीं तो काम नहीं
गुरुवार को फिल्टर प्लांट पर कार्यरत कंपनी के 11 कर्मचारियों को विगत 2 से 3 माह से वेतन नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने ठेकेदार के कहने पर फिल्टर प्लांट पर मशीनें बंद करके काम काज पूरी तरह बंद कर दिया. कंपनी के ठेकेदार ने यह कहकर वेतन देने से इनकार कर दिया कि नगर परिषद से भुगतान नहीं हो रहा है, परिषद से भुगतान होगा तब वेतन दिया जाएगा. कर्मचारियों ने काम बंद किया तो ठेकेदार ने कर्मचारियों को नगर परिषद भेज दिया, जबकि नगर परिषद ने कंपनी के कर्मचारी होने का हवाला देकर वहां से भगा दिया.
इंजीनियर के कहने पर हुआ चालू
तकरीबन 3 घंटे प्लांट बंद रहने के बाद नगर परिषद के इंजीनियर हिमांशु सिंह ने प्लांट आकर कर्मचारियों से बातचीत की. बातचीत के दौरान प्लांट चालू करने को लेकर इंजीनियर व कर्मचारियों के बीच बहस भी हुई. चूंकि ठेकेदार द्वारा भी नगर परिषद से भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियों को प्लांट चालू करने से मना कर दिया गया था. लगभग 1 घंटे चली बहस के बाद इंजीनियर ने कर्मचारियों को डेढ़ सप्ताह के भीतर एक माह के वेतन देने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही इंजीनियरिंग सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की सूची खाता नंबर सहित नगर परिषद को दें ताकि वेतन राशि खातों में डाली जा सके.
कंपनी के 1 करोड़ 62 लाख बाकी
इधर प्राची इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) जीतेंद्र उपाध्याय ने बताया, 4 जून 2020 को प्लांट का संचालन, संधारण करते हुए 4 वर्ष पूर्ण हो गए हैं. किए गए संचालन, संधारण की राशि 71.89 लाख रुपये बनती है, लेकिन नगर परिषद द्वारा 10.27 लाख रुपये का ही भुगतान किया है, 61.62 लाख रुपये बाकी है. हमनें नगर परिषद को बार - बार पत्रों के माध्यम से भुगतान की मांग की लेकिन परिषद बचे हुए कार्य बताकर टाल देती है, जबकि हमने पूरा काम किया है. उक्त राशि के अलावा फाइनल बिल राशि 55 लाख और सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि 46 लाख कुल 1 करोड़ 62 लाख 62 हजार बकाया है, जो नगर परिषद नहीं दे रहा है.
प्लांट बंद करने की चेतावनी
उल्लेखनीय है की उक्त राशि के भुगतान संबंध में बुधवार 7 जुलाई 2020 को भी कंपनी ने नगर परिषद को पत्र लिखा था, जिसमें कंपनी ने प्लांट बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा था की संचालन, संधारण के लिए स्टाफ लगा हुआ है साथ ही पानी शुद्धिकरण के लिए सामग्री उपयोग हो रही है, लेकिन भुगतान नहीं होने से कठिनाई हो रही है, इसके बार - बार निवेदन करने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है इसलिए योजना को बंद किया जा रहा है. योजना (फिल्टर प्लांट) बंद होने के बाद नगरवासियों को होने वाली समयस्याओं की जवाबदारी निकाय की होगी.
इंजीनियर नगर परिषद हिमांशु सिंह का कहना है, 'प्लांट चालू करवा दिया है, डेढ़ सप्ताह में कमर्चारियों को 1 माह का वेतन नगर परिषद से दे दिया जाएगा, वेतन की राशि कंपनी को भुगतान होने वाली राशि में जोड़ी जाएगी.'
इस मामले में प्राची इंफ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर जितेंद्र उपाध्याय का कहना है, 'शहर में प्लांट से पानी वितरण करते हुए 4 साल हो चुके हैं, हमनें पूरा काम किया है, 1 करोड़ 63 लाख रुपये का भुगतान बाकी है, जो नगर परिषद द्वारा नहीं किया जा रहा है. नगर परिषद हमें भुगतान करती है तो कर्मचारियों को वेतन दे पाएंगे.'