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लॉकडाउन के दौरान आरक्षक की बेटी का जन्म, वीडियो कॉल के जरिए देखा बच्ची का चेहरा

खरगोन जिले के मण्डलेश्वर नगर के थाने में पदस्थ आरक्षक रवि कुशवाह के यहां 16 अप्रैल को बच्ची का जन्म इंदौर के निजी अस्पताल में हुआ. वहीं आरक्षक ने अपना कर्तव्य निभाते हुए वर्दी के फर्ज को पहली प्राथमिकता दी है और अपनी बेटी को वीडियो कॉल के जरिए देखा.

Constable saw daughter's face from video calling, Priority given to duty in khargone
लॉकडाउन के दौरान आरक्षक की बेटी का जन्म
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Published : May 6, 2020, 3:42 PM IST

खरगोन। कोरोना संक्रमण की जंग में कोरोना योद्धा लगातार लगे हुए हैं. इसी बीच खरगोन जिले के मण्डलेश्वर नगर के थाने में पदस्थ आरक्षक रवि कुशवाह के यहां 16 अप्रैल को बच्ची का जन्म इंदौर के निजी अस्पताल में हुआ. वहीं आरक्षक ने अपना कर्तव्य निभाते हुए वर्दी के फर्ज को पहली प्राथमिकता दी है और अपनी बच्ची को केवल वीडियो कॉलिंग के जरिए देखा.

आरक्षक रवि कुशवाह ने जानकरी देते हुए बताया कि 16 अप्रैल को बच्ची का जन्म हुआ था. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का दुख है कि वो ऐसे समय में अपनी पत्नी मोना के साथ नहीं थे. रवि ने कहा कि बेटी के जन्म से अब तक उसे वीडियो कॉल के माध्यम से ही देख रहा हूं.

पहले कर्तव्य फिर परिवार

कुशवाह ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के पूर्व ही अपनी पत्नी को माता-पिता के पास इंदौर भेज दिया था. वहीं निजी अस्पताल में बच्ची का जन्म हुआ है. अस्पताल से छुट्टी हो जाने के बाद एक बार नवजात बच्ची की तबियत भी खराब हुई. जिसके कारण बच्ची को फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया गया. फिलहाल पत्नी और बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और इंदौर में माता-पिता के पास है.

आरक्षक कुशवाह ने कहा कि बच्ची के जन्म के बाद पहली बार घर आगमन के सभी रीति-रिवाज उनकी अनुपस्थिति में संपन्न हुई है. बच्ची के जन्म के बाद उन्हें इंदौर जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन ऐसे परिस्थितियों में बच्ची को करीब से देखने को ही नहीं मिलता. जिसके कारण रवि घर नहीं जा सके.

खरगोन। कोरोना संक्रमण की जंग में कोरोना योद्धा लगातार लगे हुए हैं. इसी बीच खरगोन जिले के मण्डलेश्वर नगर के थाने में पदस्थ आरक्षक रवि कुशवाह के यहां 16 अप्रैल को बच्ची का जन्म इंदौर के निजी अस्पताल में हुआ. वहीं आरक्षक ने अपना कर्तव्य निभाते हुए वर्दी के फर्ज को पहली प्राथमिकता दी है और अपनी बच्ची को केवल वीडियो कॉलिंग के जरिए देखा.

आरक्षक रवि कुशवाह ने जानकरी देते हुए बताया कि 16 अप्रैल को बच्ची का जन्म हुआ था. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का दुख है कि वो ऐसे समय में अपनी पत्नी मोना के साथ नहीं थे. रवि ने कहा कि बेटी के जन्म से अब तक उसे वीडियो कॉल के माध्यम से ही देख रहा हूं.

पहले कर्तव्य फिर परिवार

कुशवाह ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के पूर्व ही अपनी पत्नी को माता-पिता के पास इंदौर भेज दिया था. वहीं निजी अस्पताल में बच्ची का जन्म हुआ है. अस्पताल से छुट्टी हो जाने के बाद एक बार नवजात बच्ची की तबियत भी खराब हुई. जिसके कारण बच्ची को फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया गया. फिलहाल पत्नी और बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और इंदौर में माता-पिता के पास है.

आरक्षक कुशवाह ने कहा कि बच्ची के जन्म के बाद पहली बार घर आगमन के सभी रीति-रिवाज उनकी अनुपस्थिति में संपन्न हुई है. बच्ची के जन्म के बाद उन्हें इंदौर जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन ऐसे परिस्थितियों में बच्ची को करीब से देखने को ही नहीं मिलता. जिसके कारण रवि घर नहीं जा सके.

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