खरगोन। आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होना है. जिसक शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इससे पहले इसको लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है, हर कोई राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रहा है. 1992 में हुए राम मंदिर निर्माण आंदोलन में कई ऐसे कांग्रेसी भी थे, जिन्होंने हिस्सा लिया. जिनमें एक थे तात्कालिक जिला महासचिव व पूर्व विधायक परसराम डंडीर. परसराम डंडीर ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
आज श्रीराम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है. जिसको लेकर डंडीर ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी राम मंदिर का विरोध नहीं किया. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अयोध्या में राम मंदिर में पूजा की. हमारा विरोध सिर्फ बीजेपी की नीतियों से है. उनका कहना है कि राजीव गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आएगा, वो फैसला सभी को मानना होगा और आज हुआ भी यही है.
परसराम डंडीर ने बीजेपी की नीतियों पर तंज कसते हुए कहा कि 1992 में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन के जो नेतृत्व कर्ता थे, जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, उमा भारती जैसे नेतृत्व को जिन पर कई केस चल रहे हैं. उन लोगों को आज की बीजेपी ने हासिये पर रख दिया है.
रघुवंशी वंशजों की भी हुई उपेक्षा
पूर्व विधायक ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला फाइनल होने वाला था. तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि श्रीराम के वंशज कहां हैं. जिसके बाद रघुवंशी समाज के लोगों ने हलफ नामे दिए, तब जाकर आज अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन हो रहा है. लेकिन जिनके हलफनामे पर श्रीराम मंदिर बनने का रास्ता खुला, आज बीजेपी ने श्रीराम के वंशजों को भी दर किनार कर दिया. बीजेपी धर्म और राजनीति को एक करती है, जहां भी राजनीति के लिए धर्म का उपयोग हुआ है, वहां देश की हानि हुई है. कांग्रेस को बीजेपी की नीतियों से विरोध है.