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सहकारी समिति ने किसानों को दिया घटिया सोयाबीन बीज, नहीं उगे पौधे - SDM Anand Singh Rajawat

खरगोन जिले की महेश्वर तहसील के चोली गांव में सोयाबीन की बोवनी करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने सहकारी समिति से जो जो बीज लिया था, वो खेतों में जमा ही नहीं. इस बीज की अनुमानित कीमत करीब 22 लाख रुपए बताई जा रही है.

Investigation team reached the farm
खेत पर पहुंचा जांच दल
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Published : Jun 20, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 8:32 PM IST

खरगोन। कोरोना और लॉकडाउन की मार ने रबी के सीजन को तो खत्म कर ही दिया. लेकिन अभी भी उनकी समस्याएं खत्म नहीं हुई हैं. अब ये संकट खरीफ की फसल पर भी मंडराने लगा है. अबकी बार समस्या सोयाबीने के बीज को लेकर है. महेश्वर तहसील के चोली गांव के किसान आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित संस्था से सोयाबीन का जो बीज लिया, वो खेतों पांच दिन बीत जाने के बाद भी नहीं उगा, जिसकी वजह से किसान सकते में पड़ गए हैं. किसानों ने एक-दूसरे में चर्चा की, तो पता लगा कि सभी की हालत एक सी है. किसी के बीज नहीं उगे हैं.

किसानों को घटिया सोयाबीन बीज का वितरण

एसडीएम से की शिकायत

जिसके बाद किसानों ने मामले की शिकायत एसडीएम से की. एसडीएम आनंद सिंह राजावत ने जांच के लिए टीम बनाकर भेजी. जिसमें महेश्वर तहसीलदार देवदत्त शर्मा कृषि अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां समिति प्रबंधक से चर्चा कर खेतों का मुआयना भी किया. जांच के बाद तहसीलदार ने भी माना कि, बीज खराब था. सोयाबीन मिट्टी में ही सड़ गया है.

Investigation team
जांच टीम

किसानों को हुआ भारी नुकसान

किसान महेंद्र पटेल ने बताया कि, उन्होंने सहकारी समिति से सोयाबीन का बीज लेकर करीब 15 बीघा जमीन में बोया था. जिसमें सोयाबीन का एक दाना भी अंकुरित नहीं हुआ है.किसान अब अगर बाजारों से बीज लेते हैं, तो उन्हें डबल घाटा हो जाएगा. बताया जा रहा है कि, इस साल 30 किलो सोयाबीन की एक बोरी दो हजार रुपए में मिल रही है.

किसान गजानंद ठाकुर का कहना है कि,उन्होंने भी 10 बीघे जमीन में सोयाबीन बोया था. बीज खराब होने की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ. उन्होंने सहकारी समिति से कर्ज लेकर बीज खरीदा है. अब नया बीज बाजार से कैसे खरीदेंगे. तब तक बोवनी का समय ही निकल जाएगा. किसानों ने जिला प्रशासन ने मदद की गुहार लगाई है.

उग्र प्रदर्शन की चेतावनी

वहीं गौरव सिंह ठाकुर ने कहा कि, किसानों के नुकसान की भरपाई प्रशासन को कंपनी से करवानी चाहिए. साथ ही सरकार और प्रशासन ने जल्द ही किसानों को 2 दिन में बीज उपलब्ध करवाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो, एसडीएम कार्यालय पर गांव के किसान उग्र धरना प्रदर्शन करेंगे. हालांकि तहसीलदार देवदत्त शर्मा ने बालाजी बीज उत्पादक सहकारी संस्था पर कार्रवाई करने की बात कही है.

सोयाबीन की इन किस्मों का हुआ वितरण

JS 9560 किस्म की कुल 866 बोरी.

JS 9305 किस्म की कुल 107 बोरी.

JS 335 किस्म की 130 बोरी.

इस तरह करीब कुल 1103 सोयाबीन की बोरी समिति की तरफ से किसानों को वितरित की गई. एक बोरी की वजन 30 किलोग्राम होता है. इस पूरे बीज की कीमत करीब 22 लाख रुपए है.

खरगोन। कोरोना और लॉकडाउन की मार ने रबी के सीजन को तो खत्म कर ही दिया. लेकिन अभी भी उनकी समस्याएं खत्म नहीं हुई हैं. अब ये संकट खरीफ की फसल पर भी मंडराने लगा है. अबकी बार समस्या सोयाबीने के बीज को लेकर है. महेश्वर तहसील के चोली गांव के किसान आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित संस्था से सोयाबीन का जो बीज लिया, वो खेतों पांच दिन बीत जाने के बाद भी नहीं उगा, जिसकी वजह से किसान सकते में पड़ गए हैं. किसानों ने एक-दूसरे में चर्चा की, तो पता लगा कि सभी की हालत एक सी है. किसी के बीज नहीं उगे हैं.

किसानों को घटिया सोयाबीन बीज का वितरण

एसडीएम से की शिकायत

जिसके बाद किसानों ने मामले की शिकायत एसडीएम से की. एसडीएम आनंद सिंह राजावत ने जांच के लिए टीम बनाकर भेजी. जिसमें महेश्वर तहसीलदार देवदत्त शर्मा कृषि अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां समिति प्रबंधक से चर्चा कर खेतों का मुआयना भी किया. जांच के बाद तहसीलदार ने भी माना कि, बीज खराब था. सोयाबीन मिट्टी में ही सड़ गया है.

Investigation team
जांच टीम

किसानों को हुआ भारी नुकसान

किसान महेंद्र पटेल ने बताया कि, उन्होंने सहकारी समिति से सोयाबीन का बीज लेकर करीब 15 बीघा जमीन में बोया था. जिसमें सोयाबीन का एक दाना भी अंकुरित नहीं हुआ है.किसान अब अगर बाजारों से बीज लेते हैं, तो उन्हें डबल घाटा हो जाएगा. बताया जा रहा है कि, इस साल 30 किलो सोयाबीन की एक बोरी दो हजार रुपए में मिल रही है.

किसान गजानंद ठाकुर का कहना है कि,उन्होंने भी 10 बीघे जमीन में सोयाबीन बोया था. बीज खराब होने की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ. उन्होंने सहकारी समिति से कर्ज लेकर बीज खरीदा है. अब नया बीज बाजार से कैसे खरीदेंगे. तब तक बोवनी का समय ही निकल जाएगा. किसानों ने जिला प्रशासन ने मदद की गुहार लगाई है.

उग्र प्रदर्शन की चेतावनी

वहीं गौरव सिंह ठाकुर ने कहा कि, किसानों के नुकसान की भरपाई प्रशासन को कंपनी से करवानी चाहिए. साथ ही सरकार और प्रशासन ने जल्द ही किसानों को 2 दिन में बीज उपलब्ध करवाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो, एसडीएम कार्यालय पर गांव के किसान उग्र धरना प्रदर्शन करेंगे. हालांकि तहसीलदार देवदत्त शर्मा ने बालाजी बीज उत्पादक सहकारी संस्था पर कार्रवाई करने की बात कही है.

सोयाबीन की इन किस्मों का हुआ वितरण

JS 9560 किस्म की कुल 866 बोरी.

JS 9305 किस्म की कुल 107 बोरी.

JS 335 किस्म की 130 बोरी.

इस तरह करीब कुल 1103 सोयाबीन की बोरी समिति की तरफ से किसानों को वितरित की गई. एक बोरी की वजन 30 किलोग्राम होता है. इस पूरे बीज की कीमत करीब 22 लाख रुपए है.

Last Updated : Jun 20, 2020, 8:32 PM IST
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