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आम बजट 2020 पर टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल से बातचीत

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Published : Feb 1, 2020, 6:38 PM IST

बजट 2020 पर राष्ट्रीय टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने कहा कि उद्योगपति सक्षम हैं उन्हें किसी शासकीय सहयोग की जरूरत नहीं है, वो भी कमाई करेंगे और देश को भी चलाएंगे, यही इस बजट में नजर आ रहा है.

Analysis of Kailash Aggarwal on general budget 2020
आम बजट 2020 पर कैलाश अग्रवाल का एनालिसिस

खरगोन। बजट 2020 पर राष्ट्रीय टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने कहा कि उद्योगपति सक्षम है, उन्हें किसी शासकीय सहयोग की जरूरत नहीं है, वो भी कमाई करेंगे और देश को भी चलाएंगे, यही इस बजट का उद्देश्य है. उन्होंने बजट 2020 को औसत बजट बताया है, हालांकि उन्होंने इसके कुछ हिस्सों को दूरगामी परिणाम वाला माना है.

आम बजट 2020 पर कैलाश अग्रवाल का एनालिसिस


कैलाश अग्रवाल बजट एनालिसिस करते हुए ईटीवी से खास बातचीत में कहा की यह बजट ऐसा है, जिसमें उद्योगपतियों को सक्षम माना गया है. सरकार मान कर चल रही है कि उद्योगपति अपने आपको भी सम्भाल लेंगे और देश भी चला लेंगे. इसके लिए मोदी सरकार धन्यवाद के पात्र है. उन्होंने बताया टेक्सटाइल्स के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है, हालांकि टेक्निकल टेक्सटाइल्स के लिए 1480 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जो की हम आयात करते हैं.


कैलाश अग्रवाल ने कहा कि कुल मिला कर देखे तो देश को मेक इन इंडिया की तरफ ले जाने की कोशिश है. साथ ही इंफ्रास्टक्चर, स्वास्थ्य, कृषि को विशेष महत्व दिया है. इसे एक अच्छा बजट कह सकते हैं. आयकर के बारे में उन्होंने कहा कि नए बजट ने टैक्स को लेकर दिया गया विकल्प बेहतर है, सामान्य व्यक्ति को इससे फायदा होगा.


बजट के बाद सुझाव देते हुए कैलाश अग्रवाल ने कहा कि उद्योगपति होने के नाते हमारा सुझाव है कि जिला स्तर पर उद्योगों के लिए प्लानिंग की जाए. जरूरी नहीं की सब कुछ बजट से ही हो. अगर सरकार ऐसा करती है तो कुछ हद तक बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा की यह बजट एक मिलाजुला बजट है, जिसमें कुछ पाया भी नहीं और खोया भी नहीं. सरकार के बजट में लॉन्ग टर्म की योजना हैं, जिससे तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा.

खरगोन। बजट 2020 पर राष्ट्रीय टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने कहा कि उद्योगपति सक्षम है, उन्हें किसी शासकीय सहयोग की जरूरत नहीं है, वो भी कमाई करेंगे और देश को भी चलाएंगे, यही इस बजट का उद्देश्य है. उन्होंने बजट 2020 को औसत बजट बताया है, हालांकि उन्होंने इसके कुछ हिस्सों को दूरगामी परिणाम वाला माना है.

आम बजट 2020 पर कैलाश अग्रवाल का एनालिसिस


कैलाश अग्रवाल बजट एनालिसिस करते हुए ईटीवी से खास बातचीत में कहा की यह बजट ऐसा है, जिसमें उद्योगपतियों को सक्षम माना गया है. सरकार मान कर चल रही है कि उद्योगपति अपने आपको भी सम्भाल लेंगे और देश भी चला लेंगे. इसके लिए मोदी सरकार धन्यवाद के पात्र है. उन्होंने बताया टेक्सटाइल्स के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है, हालांकि टेक्निकल टेक्सटाइल्स के लिए 1480 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जो की हम आयात करते हैं.


कैलाश अग्रवाल ने कहा कि कुल मिला कर देखे तो देश को मेक इन इंडिया की तरफ ले जाने की कोशिश है. साथ ही इंफ्रास्टक्चर, स्वास्थ्य, कृषि को विशेष महत्व दिया है. इसे एक अच्छा बजट कह सकते हैं. आयकर के बारे में उन्होंने कहा कि नए बजट ने टैक्स को लेकर दिया गया विकल्प बेहतर है, सामान्य व्यक्ति को इससे फायदा होगा.


बजट के बाद सुझाव देते हुए कैलाश अग्रवाल ने कहा कि उद्योगपति होने के नाते हमारा सुझाव है कि जिला स्तर पर उद्योगों के लिए प्लानिंग की जाए. जरूरी नहीं की सब कुछ बजट से ही हो. अगर सरकार ऐसा करती है तो कुछ हद तक बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा की यह बजट एक मिलाजुला बजट है, जिसमें कुछ पाया भी नहीं और खोया भी नहीं. सरकार के बजट में लॉन्ग टर्म की योजना हैं, जिससे तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा.

Intro:उद्योगपति सक्षम है उन्हें किसी शासकीय सहयोग की जरूरत है। वो भी कमाई करेंगे और देश को भी चलाएंगे यह बजट का मकसद है। यह कहना था राष्ट्रीय टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल का। कैलाश अग्रवाल बजट को रोजगारोन्मुखी और मिला जुला बताया।


Body:पोस्टल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल बजट एनालिसिस करते हुए ईटीवी से खास बातचीत करते हुए की यह बजट ऐसा है कि जिसमें उद्योगपति यों को सक्षम मानते हुए मंशा यह है कि उद्योगपति अपने आपको भी सम्भाल लेंगे और देश भी चला लेंगे। इसके लिए मोदी सरकार धन्यवाद के पात्र है। इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नही किया है। हालांकि टेक्निकल टेक्सटाइल्स के लिए 1480 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। टेक्नीकल टेक्सटाइल्स कि जो वस्तुए है। वह हम बाहर से आयात करते है। कुल मिला कर देखे तो देश को मेक इन इंडिया की तरफ लेजाने की कोशिश है। साथ ही इंफ्रास्टक्चर स्वस्थ कृषि को विशेष महत्व दिया है। इसे एक अच्छा बजट कह सकते है।आयकर में देखें तो जो छूट थी। उसे वापस लेते हुए एक अच्छा विकल्प दिया है। जिसमे जिनकी आय दस लाख तक है। तो उन्हें मामूली अंतर लगेगा। इस बजट में मध्यम वर्ग को कोई बड़ा लाभ होगा ऐसा नही कहा जा सकता है। उद्योगपति होने के नाते हमारा सुझाव है कि जिला स्तर पर उद्योगों के लिए प्लानिंग की जाए । जरूरी नही की वह बजट से ही हो। अगर सरकार में माध्यम से जिले उद्योग डलते है तो कुछ हद तक बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। सरकार ने बजट में स्वस्थय को लेकर कहा कि जिला स्तर पर एक अस्पताल और ट्रेनिंग सेंटर होगा। जो स्वास्थ्य,वैज्ञानिक, और कंप्यूटर साइंस कृषि के लिए अच्छे कदम उठाए गए है । जिससे कृषकों को लाभ होगा।महंगाई को लेकर कहा कि इस बजट से न महंगाई कम होगी न बढ़ेगी। सरकार का एक वर्ष गुजर जाएगा क्योकि सरकार ने देश कि अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए है। यह बजट एक मिलाजुला बजट है। जिसमे कुछ पाया भी नही और खोया भी नही है। सरकार की योजनाएं लांग टर्म होती है शॉटटर्म नही होती है। बजट में लॉन्ग टर्म की योजना है। जिससे तत्काल कोई असर नही पड़ेगा।
1-2-1 कैलाश अग्रवाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष टेक्टाइल्स एसोसिएशन
एक नजर में बजट के अन्य प्रावधान-
*कृषि के लिए 16 बिंदुओं द्वारा सब्सिडी और सहायता
* स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक जिले में अस्पताल और ट्रेनिंग सेंटर
* रोजगार के लिए प्रत्येक जिले में आईटीआई सेंटर
* जीएसटी के लिए अप्रैल से नया फॉर्म
* कृषि और हॉर्टिकल्चर उत्पादों के लिए निर्यात
* चीन पर आधारित डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना
* शिक्षा के लिए एफडीआई को मंजूरी
* स्पेसिफाई शिक्षा फॉरेंसिक पुलिस विश्वविद्यालय खोलने की बात कही है।


Conclusion:
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