खरगोन। संकट की घड़ी में एक तरफ गरीब और असहाय लोगों को केंद्र और प्रदेश सरकार उचित मूल्य की दुकानों से निःशुल्क गेंहू, चावल का वितरण करवा रही है, तो वहीं दूसरी ओर शासकीय कर्मचारी सरकार का सहयोग करने के बजाय, निःशुल्क राशन के एवज में पैसा लेकर शासकीय कर्मचारियों को ही राशन दे रहे हैं. नावघाट खेड़ी स्थित उचित मूल्य की दुकान पर एक मामला सामने आया है, जहां खाद्य अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर पंचनामा बनाया.
खरगोन जिले के बड़वाह स्थित नावघाट खेड़ी पंचायत में आने वाली उचित मूल्य की दुकान पर शुक्रवार सुबह स्थानीय युवाओं ने गरीबों को मिलने वाला राशन शासकीय कर्मचारी को बेचने का आरोप लगाया. इस सूचना पर जब मीडियाकर्मी ने राशन दुकान संचालक बादाम चौहान से जानकरी चाही, तो उन्होंने कबूल किया कि मेरे द्वारा नावघाट खेड़ी पोस्ट ऑफिस में पदस्थ जितेंद्र को 200 रुपये नगद लेकर 50 किलो चावल दिया गया है.
आपको बता दें कि, इस मामले में खाद्य अधिकारी अमिताभ शुक्ला को सूचना देकर राशन दुकान पर जांच के लिए बुलाया गया, जहां अधिकारी शुक्ला ने आकर स्टॉक चेक कर पंचनामा बनाया. इस दौरान स्टॉक में 10 लीटर केरोसिन कम होना पाया गया. इस दौरान नावघाट खेड़ी रहवासियों ने बताया कि, चौहान ने पोस्ट ऑफिस के शासकीय कर्मचारी को बिना पर्ची के 50 किलो चावल दिए हैं, वहीं गांव की एक गरीब महिला को पर्ची के अभाव में राशन देने से मना कर भगा दिया गया.
उचित मूल्य की दुकान पर आने वाले लोगों को शोसल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं करवाया जा रहा है, जिससे गांव में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ सकता है.