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खरगोन के युवा को 10 साल से अनोखा शौक, 180 देशों की मुद्रा और एंटीक सामान का किया कलेक्शन

खरगोन। शहर के एक युवक को ऐतिहासिक और प्राचीन मुद्राओं के कलेक्शन का अनोखा शौक है. इस शौक को रखने वाले युवक के कलेक्शन में आज कई देसी और विदेशी प्राचीन मुद्राओं के साथ भारत की शुरुआती मुद्रा कौड़ी भी शामिल है. इस अनोखे शौक को रखने वाले युवक का नाम है मिलन महाजन, जोकि खरगोन के सराफा बाजार में रहते हैं.

खरगोन के युवा को 10 साल से अनोखा शौक, 180 देशों की मुद्रा और एंटीक सामान का किया कलेक्शन
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Published : Mar 23, 2019, 5:51 AM IST

खरगोन। शहर के एक युवक को ऐतिहासिक और प्राचीन मुद्राओं के कलेक्शन का अनोखा शौक है. इस शौक को रखने वाले युवक के कलेक्शन में आज कई देसी और विदेशी प्राचीन मुद्राओं के साथ भारत की शुरुआती मुद्रा कौड़ी भी शामिल है. इस अनोखे शौक को रखने वाले युवक का नाम है मिलन महाजन, जोकि खरगोन के सराफा बाजार में रहते हैं.

खरगोन के युवा को 10 साल से अनोखा शौक, 180 देशों की मुद्राओं का किया कलेक्शन

हमारे सहयोगी को मिलन महाजन बताया कि 10 साल पहले उन्होंने मुद्राओं का कलेक्शन शुरु किया था. उन्हें इस दौरान कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. जिसमें भाषाई समस्या ज्यादा थी, तो कई भाषाएं भी सीख ली. इसके अलावा परिजनों ने भी शुरुआत में कलेक्शन छोड़ने को कहा लेकिन बाद में सब मान गए.

मिलन ने बताया कि इसी शौक के चलते अब उन्हें इंदौर और पुणे में सम्मानित किया जा चुका है. हाल ही में राष्ट्रीय मुद्रा परिषद ने भी निमाड़ का संयोजक नियुक्त किया है. आज मिलन के पास भारतीय मुद्रा कौड़ी से लेकर आज के 200 रुपए के नोट के साथ 180 देशों की मुद्राएं, स्टाम्प पेपर और मुगल कालीन सील बारूद बॉक्स सहित कई एंटीक समान है. वहीं मिलन के इस काम में उनकी पत्नी शीतल भी उनका बखूबी साथ दे रही हैं.

खरगोन। शहर के एक युवक को ऐतिहासिक और प्राचीन मुद्राओं के कलेक्शन का अनोखा शौक है. इस शौक को रखने वाले युवक के कलेक्शन में आज कई देसी और विदेशी प्राचीन मुद्राओं के साथ भारत की शुरुआती मुद्रा कौड़ी भी शामिल है. इस अनोखे शौक को रखने वाले युवक का नाम है मिलन महाजन, जोकि खरगोन के सराफा बाजार में रहते हैं.

खरगोन के युवा को 10 साल से अनोखा शौक, 180 देशों की मुद्राओं का किया कलेक्शन

हमारे सहयोगी को मिलन महाजन बताया कि 10 साल पहले उन्होंने मुद्राओं का कलेक्शन शुरु किया था. उन्हें इस दौरान कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. जिसमें भाषाई समस्या ज्यादा थी, तो कई भाषाएं भी सीख ली. इसके अलावा परिजनों ने भी शुरुआत में कलेक्शन छोड़ने को कहा लेकिन बाद में सब मान गए.

मिलन ने बताया कि इसी शौक के चलते अब उन्हें इंदौर और पुणे में सम्मानित किया जा चुका है. हाल ही में राष्ट्रीय मुद्रा परिषद ने भी निमाड़ का संयोजक नियुक्त किया है. आज मिलन के पास भारतीय मुद्रा कौड़ी से लेकर आज के 200 रुपए के नोट के साथ 180 देशों की मुद्राएं, स्टाम्प पेपर और मुगल कालीन सील बारूद बॉक्स सहित कई एंटीक समान है. वहीं मिलन के इस काम में उनकी पत्नी शीतल भी उनका बखूबी साथ दे रही हैं.

Intro:एंकर
खरगोन के एक युवक को उसके शौक ने उसे नवाब बना दिया है। जी हां आपने सही सुना है। ये शख्स है खरगोन के सराफा बाजार में रहने वाले मिलन महाजन जिन्होंने अपने शौक के लिए भारतीय शुरुआती मुद्रा कौड़ी से लेकर आज के 200 रुपए के नोट के साथ कई देशों की मुद्राएं स्टम्प पेपर और मुगल कालीन सील बारूद बॉक्स सहित कई एंटीक समान है।


Body:खरगोन के सराफा बाजार में रहने वाले मिलन महाजन को अपने शौक ने शहर का नवाब बना दिया है। मिलन ने etv से खास बातचीत में बताया कि 10 पूर्व मैने शुरुआती दौर में कलेक्शन शुरू किया। तब बहुत परेशानियां आई। जिसमे भाषा की समस्या ज्यादा थी । जिसके लिए कई भाषाए सीखी । उसके बाद परिवार और अन्य लोगों ने मेरे इस शौक को मना किया। पर धीरे धीरे मान गए। आज मेरे पास शुरुआती कौड़ी से लेकर आज के दौर के 200 रुपए के साथ करार नामा स्टम्प पेपर, ज्युडिशल टिकट के साथ 180 देशों की मुद्राओं के साथ सुरमादानी बरुददानी शामिल है। इस शौक के लिए इंदौर ओर पूना में सम्मानित किया जा चुका है ओर हाल ही में मुझे राष्ट्रीय मुद्रा परिषद द्वारा निमाड़ का संयोजक नियुक्त किया है। संकलन के उद्देश्य को लेकर कहा कि संकलन को लेकर मेरा ये मानना है कि हमारे गौरवशाली इतिहास और देश क़ि संस्कृति को आने वाली पीढ़ियां जान सके।
बाइट-मिलन महजन संकलन करता
कहते है कि एक सफल पुरूष के पीछे किसी महिला का हाथ होता ऐसा ही कुछ मिलन के साथ भी हुआ है। मिलन की सफलता के पीछे उनकी पत्नी का साथ है। मिलन की पत्नी शीतल ने बताया कि मैं इसके बारे में ज्यादा तो जानती नही हूं। मिलन के इस अनोखे शौक के लिए गर्व होता है। मैं उनके काम मे हमेशा सहयोगी बनकर साथ रहती हूं। उन्हें भाषाओं के ज्ञान के लिए कई भाषाए सीखी है।मैं बच्चे और हमारे पेरेंट्स सभी खुश है।
बाइट-शीतल महाजन पत्नी


Conclusion:
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