खंडवा। कोरोना वायरस का संक्रमण देशभर में लगातार फैलता ही जा रहा है. इसके अलावा रोजाना इस वायरस से लोगों के संक्रमित होने के मामले दर्ज हो रहे हैं. वहीं कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा न फैले इसलिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. जिसके चलते लोगों के सामने समस्याएं आ खड़ी हुई हैं. इसी कड़ी में कामगार युवाओं और मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. पुणे, सूरत, जलगांव जैसे शहरों से अपने घर लौट रहे कामगार युवाओं से ETV भारत ने बात की.
मध्य प्रदेश के अलावा कई राज्यों के कामगार युवा पुणे, सूरत, जलगांव जैसे शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं. ये लोग पहले तो गंतव्य के लिए पैदल ही चल पड़े फिर किसी न किसी वाहन से मदद लेकर इस फासले को कम किया.
ये भी पढ़ें- पलायन कर आने वाले मजदूरों की मदद के लिए तैयार प्रशासन, जांच के बाद भेजा जा रहा घर
युवाओं ने बातचीत के दौरान बताया कि लॉकडाउन के बाद उनके काम पर काफी असर पड़ा है. सभी कारखाने और उद्दोग बंद हो चुके हैं. जिसका असर सीधे उनकी रोजी-रोटी पर पड़ा है. जिस वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का तो सामना करना पड़ ही रहा है, साथ ही साथ खाने के लिए भी मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं. युवाओं का कहना है कि उन्हें ज्यादा समस्याएं तो नहीं आ रही हैं लेकिन पैसे और खाने के कारण ये करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें-लॉकडाउनः गरीबों के लिए मसीहा बन रही पुलिस, बांट रहे खाने के पैकेट
युवाओं ने बताया कि इन सब मुसीबतों के अलावा उनके घरवालें भी उन्हें बुला रहे हैं. ऐसे में परिवहन का साधन न होने के बावजूद वे पैदल चलकर ही अपने गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वे लोगों से मदद मांग कर खंडवा तक पहुंचे हैं. वहीं प्रशासन ने भी उन्हें वाहन उपलब्ध कराने की बात कही है.