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222 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने का मामलाः दिन में पुलिस पर किया हमला, रात को एसपी ऑफिस में धरने पर बैठे आदिवासी

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Published : Jul 11, 2021, 2:08 AM IST

शनिवार सुबह वन विभाग, राजस्व और पुलिस की टीम रोहिणी गांव के आसपास जंगल से आदिवासियों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. इस दौरान आदिवासियों ने प्रशासन के अमले पर हमला कर दिया था. लेकिन पुलिस ने बलपूर्वक अतिक्रमण हटा दिया. अतिक्रमण हटाने और अन्य शिकायतें लेकर आदिवासियों ने एसपी ऑफिस में घरने पर बैठ गए.

Tribals staged a sit-in in the SP office late at night
आदिवासियों ने देर रात एसपी कार्यालय में दिया धरना

खंडवा। जंगल काट कर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में बड़ी संख्या में जागृत आदिवासी दलित संगठन के झंडे लेकर आदिवासी लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यह लोग गिरफ्तार किए गए अपने छह सदस्यों को छुड़ाने आए. वन विभाग ने वन अधिनियम कानून के तहत छह आदिवासियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे इन आदिवासियों ने अपने दो लोगों के गायब होने की शिकायत भी की. एसडीएम ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्रवाई के दौरान वीडियोग्राफी की गई है. यह लोग मनगढ़ंत कहानी बनाकर कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं.

आदिवासियों ने देर रात एसपी कार्यालय में दिया धरना
  • प्रशासन ने घर से किया बेदखल- आदिवासी

दरअसल शनिवार सुबह वन विभाग, राजस्व और पुलिस ने खंडवा के रोहिणी गांव के आसपास जंगल काट कर अवैध रूप से खेती करने वाले अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी. कार्रवाई में लगभग 90 हेक्टर (222 एकड़) जमीन को इनके अतिक्रमण से मुक्त कराया. प्रशासन ने जंगल में बनाए गए अस्थाई मकानों को हटा दिया. इस कार्रवाई के विरोध में शाम को बड़ी संख्या में आदिवासी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यहां इन लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके मुर्गी, बकरी और कुछ लोग गायब है. इन लोगों का कहना है कि वह वर्षों से इसी जगह पर रहते आ रहे है. वन विभाग और पुलिस ने जबरदस्ती कार्रवाई कर घर से बेदखल किया है.

अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर हमला, 400 जवानों ने मिलकर 222 एकड़ जमीन कराई मुक्त

  • मनगढ़ंत कहानी बना रहे आदिवासी- एसडीएम

खंडवा एसडीएम ने कहा कि सभी अतिक्रमणकारी खरगोन जिले के सनावद तहसील के रहने वाले हैं. सरकारी दस्तावेजों में इनका नाम वहीं दर्ज है. कुछ लोग जमुनिया गांव में भी रहते हैं. वहां पर भी उनके मकान बने हुए हैं. यह लोग अतिक्रमण हटाने के विरोध में मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं. अतिक्रमण हटाने के दौरान कच्चे मकान खाली थे. यह लोग स्वेच्छा से उन्हें खाली छोड़ भाग गए थे. पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई है. छह लोगों पर वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है.

  • पुलिस की टीम पर आदिवासियों ने किया था हमला

रोहिणी वन परीक्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर दिया, इस दौरान उन्होंने विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की. वहीं प्रशासन की टीम ने 40 से अधिक टप्पर तोड़े, इस कार्रवाई में 400 से अधिक वन विभाग के कर्मचारी और पुलिसकर्मी मौजूद रहे.

खंडवा। जंगल काट कर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में बड़ी संख्या में जागृत आदिवासी दलित संगठन के झंडे लेकर आदिवासी लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यह लोग गिरफ्तार किए गए अपने छह सदस्यों को छुड़ाने आए. वन विभाग ने वन अधिनियम कानून के तहत छह आदिवासियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे इन आदिवासियों ने अपने दो लोगों के गायब होने की शिकायत भी की. एसडीएम ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्रवाई के दौरान वीडियोग्राफी की गई है. यह लोग मनगढ़ंत कहानी बनाकर कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं.

आदिवासियों ने देर रात एसपी कार्यालय में दिया धरना
  • प्रशासन ने घर से किया बेदखल- आदिवासी

दरअसल शनिवार सुबह वन विभाग, राजस्व और पुलिस ने खंडवा के रोहिणी गांव के आसपास जंगल काट कर अवैध रूप से खेती करने वाले अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी. कार्रवाई में लगभग 90 हेक्टर (222 एकड़) जमीन को इनके अतिक्रमण से मुक्त कराया. प्रशासन ने जंगल में बनाए गए अस्थाई मकानों को हटा दिया. इस कार्रवाई के विरोध में शाम को बड़ी संख्या में आदिवासी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यहां इन लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके मुर्गी, बकरी और कुछ लोग गायब है. इन लोगों का कहना है कि वह वर्षों से इसी जगह पर रहते आ रहे है. वन विभाग और पुलिस ने जबरदस्ती कार्रवाई कर घर से बेदखल किया है.

अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर हमला, 400 जवानों ने मिलकर 222 एकड़ जमीन कराई मुक्त

  • मनगढ़ंत कहानी बना रहे आदिवासी- एसडीएम

खंडवा एसडीएम ने कहा कि सभी अतिक्रमणकारी खरगोन जिले के सनावद तहसील के रहने वाले हैं. सरकारी दस्तावेजों में इनका नाम वहीं दर्ज है. कुछ लोग जमुनिया गांव में भी रहते हैं. वहां पर भी उनके मकान बने हुए हैं. यह लोग अतिक्रमण हटाने के विरोध में मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं. अतिक्रमण हटाने के दौरान कच्चे मकान खाली थे. यह लोग स्वेच्छा से उन्हें खाली छोड़ भाग गए थे. पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई है. छह लोगों पर वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है.

  • पुलिस की टीम पर आदिवासियों ने किया था हमला

रोहिणी वन परीक्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर दिया, इस दौरान उन्होंने विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की. वहीं प्रशासन की टीम ने 40 से अधिक टप्पर तोड़े, इस कार्रवाई में 400 से अधिक वन विभाग के कर्मचारी और पुलिसकर्मी मौजूद रहे.

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