खंडवा। पूरी दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना ग्रहण लगा हुआ है. इससे बस सेवा भी खासी प्रभावित हुई है. प्रदेश में लोक परिवहन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. वहीं मध्य प्रदेश की सरकार ने पूरी क्षमता से बसों को चलाने के निर्देश बस मालिकों को दिए हैं. साथ ही अप्रैल से लेकर अगस्त तक टैक्स माफी करने की बात भी कही है. इसके बावजूद प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर बसों का संचालन प्रभावी नहीं हो पाया है. बस मालिक किराया वृद्धि की मांग कर रहे हैं, दूसरी ओर चालक परिचालक भी शासन से अपनी विभिन्न मांगों के लिए गुहार लगा रहे हैं.
जिले के चालक परिचालक एसोसिएशन के सचिव खुर्शीद अली ने बताया कि 6 महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन के बाद बंद हुए बस चालन से चालक परिचालक की स्थिति बेहद खराब हो गई है. घर में दो वक्त की रोटी रोटी भी नहीं है. एक ड्राइवर साथी ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश तक की है. ऐसे में हम सरकार से तीन प्रमुख मांग कर रहे हैं.
- 7 हजार रूपए प्रति माह के हिसाब से 6 महीने का वेतन दिया जाए
- प्रति व्यक्ति 10 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए
- चालक परिचालक बोर्ड का गठन किए जाने की मांग
इन 3 मांगों के लिए पूरे प्रदेश से चालक परिचालक एसोसिएशन के 5 हजार सदस्य 22 सितंबर को राजधानी भोपाल में विधानसभा पहुंचकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं.
बस मालिक इंद्रजीत राजपाल ने बताया कि अप्रैल से बसों का संचालन बंद है. हमने मांग की है कि सरकार अप्रैल से अगस्त तक का टैक्स माफ करे. क्योंकि बसों के संचालन पर सरकार ने ही रोक लगाई थी. वहीं सरकार ने हमारी इस मांग को मान लिया है. वहीं डीजल के भाव लॉकडाउन के पहले से कई गुना तक बढ़ गए हैं. ऐसे में पुराने किराए में बसों का संचालन से हम घाटे में हैं. इसलिए किराया बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.
प्रति किलोमीटर 1 रुपया 30 पैसा के हिसाब से किराया लेने की मांग की है. इसको लेकर सरकार और बस मालिक मंथन कर रहे हैं. इधर दूसरी ओर बस मालिकों का कहना है कि फिलहाल श्राद्ध पक्ष और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग यात्रा करने से बच रहे हैं. इसलिए यात्रियों की संख्या ना के बराबर हैं.
जिले से 350 बसों का संचालन
जिले में लगभग 25 बस मालिकों की लगभग 350 बसें खंडवा से आस-पड़ोस के जिलों में चलती हैं. खंडवा से खरगोन का 90 किलोमीटर का किराया फिलहाल 90 रूपए है. वहीं बुरहानपुर का 70 किलोमीटर का सफर 70 में पूरा होता है, वहीं इंदौर का 130 किलोमीटर का सफर 130 में पूरा होता है. फिलहाल किराए की दर 1 रुपया प्रति किलोमीटर के हिसाब से है. जिसे बस मालिक प्रति किलोमीटर 1.30 पैसा करने की बात कह रहे हैं. ऐसे में यदि किराया बढ़ता है तो आम यात्रियों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा.
प्रदेश में पहले बस मालिकों के द्वारा टैक्स माफ करने की मांग के बाद अब किराया बढ़ाने की मांग की जा रही है. वहीं दूसरी ओर चालक परिचालक भी अपनी प्रमुख मांगों के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में अब आने वाला समय ही बताएगा कि सरकार बस मालिकों और चालक परिचालक दोनों के बीच कितने बेहतर तरीके से सामंजस्य बिठाकर प्रदेश में बसों का संचालन सुचारु करवाता है.