खंडवा। भवानी माता क्षेत्र में टैक्स वसूलने गए नगर निगम के राजस्व विभाग के कर्मचारी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि टैक्स मांगने पर उपभोक्ता ने उसके साथ मारपीट की और विभाग द्वारा जारी नोटिस भी फाड़कर फेंक दिया, जिससे आक्रोशित नगर निगम कर्मचारियों ने पदम नगर थाने का घेराव किया. कर्मचारियों ने मारपीट करने वाले उपभोक्ता पर केस दर्ज करने की मांग की है.
दस्तावेज दिखाने के बाद भी नहीं भरा टैक्स
राजस्व विभाग के पीड़ित कर्मचारी गणेश तिराले ने बताया कि वह भवानी माता क्षेत्र में टैक्स वसूलने गया था, इस क्षेत्र में इकरामुद्दीन की फर्नीचर की दुकान है. उसकी प्रॉपर्टी रसूल बख्श के नाम पर है. उसने आरोपी इकरामुद्दीन को 26500 रुपए टैक्स जमा करने के लिए कहा, टैक्स के सभी दस्तावेज भी दिखाए, इसके बाद भी वह टैक्स भरने के लिए राजी नहीं था. बाद में उसने आरोपी को टैक्स भरने का नोटिस दिया, जिससे आरोपी गुस्सा हो गया और विवाद करने लगा. मामला बिगड़ता देख उसने फोन कर वरिष्ठ अधिकारियाें को इस बावत बतायाा. यह देख आरोपी और भी गुस्सा हो गया, जिसके बाद उसने मोबाइल छीनकर मारपीट शुरू कर दी.
घटना से आक्रोशित निगमकर्मी
इस घटना से निगमकर्मियों में आक्रोश है, कर्मचारियों का कहना है कि निगमकर्मी पूरे समय सेवा में लगे रहते हैं. राजस्व वसूली का काम वे अकेले घूम-घूम कर करते हैं, इस घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने चाहिए और इकरामुद्दीन पर केस दर्ज होना चाहिए. अपनी मांग को लेकर उन्होंने लिखित में पदम नगर थाना प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह राठौर को ज्ञापन भी सौंपा. कर्मचारियों ने कहा कि पुलिस अगर कार्रवाई नहीं करती है तो उन्हें आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा.
विरोध में भूले कोरोना की गाइडलाइन
घटना का विरोध करते हुए पदम नगर थाने पहुंचे नगर निगम कर्मचारी कोरोना के निर्देशों का पालन करना भूल गए, दिन भर लोगों को दो गज दूरी-मास्क जरूरी का पाठ पढ़ाने वाले निगमकर्मी थाने में भीड़ लगाकर खड़े रहे, जिनमें अधिकांश ने मास्क नहीं लगाया था. इस तरह विरोध में कोरोना संक्रमण को न्योता देते हुए कर्मचारी नजर आए. हालांकि, पुलिस ने उन्हें उनकी इस गलती का एहसास जरूर कराया.
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बकायेदारों से वसूलना है 26 करोड़ टैक्स
नगर निगम को बकायादारों से करीब 26 करोड़ 12 लाख 53 हजार 53905 रुपये का टैक्स वसूलना है, इसमें 14 करोड़ 87 लाख 18296 रुपये संपत्ति कर बकाया है, जबकि 10 करोड़ 54 लाख 5584 रुपए पानी का टैक्स उपभोक्ताओं पर बकाया है. इसी तरह दुकानों के किराये के रूप में बकायादारों से 1 करोड़ 19 लाख 90025 रुपये वसूले जाने हैं. नगर निगम राजस्व कर्मचारियों के अलग-अलग दल बनाकर टैक्स वसूली करा रहा है.