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खंडवा के राही जैन ने किया MBA में टॉप, निजी कंपनी में सालाना 20 लाख पैकेज पर हुआ सेलेक्शन

खंडवा के राही जैन ने IIM रायपुर में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया. राही ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है.

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Published : Apr 30, 2019, 7:47 AM IST

राही जैन ने किया टॉप

खंडवा। IIM रायपुर में MBA की पढ़ाई पढ़ रहे खंडवा के राही जैन ने टॉप किया है. राही जैन को हाईएस्ट सीजीपीए की रैंक और गोल्ड मेडल भी मिला है. अपनी इस शानदार सफलता की बदौलत उनका चयन एक निजी कंपनी में 20 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर हुआ है. राही ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है.


खंडवा के मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले होनहार राही जैन को IIM रायपुर में 2 साल के MBA कोर्स के दौरान सबसे ज्यादा CGPA रैंक मिली है. इसी के साथ उन्हें गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया है. माता-पिता के मुताबिक राही बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया था. राही के पिता ट्रांसपोर्टर हैं. IIM देश का प्रतिष्ठित संस्थान हैं. यहां टॉप करने पर राही और उनके माता-पिता गौरवान्वित हैं.

राही जैन ने किया टॉप


बता दें राही के इस प्रदर्शन के चलते उन्हें एक निजी कंपनी में 20 लाख रुपए के पैकेज पर सेलेक्शन हुआ है. राही का कहना है कि एक छोटे शहर से बड़ी जगह बड़े संस्थान में जाने के बाद थोड़ा नर्वस था. वहां कई प्रोफेशनल लोग जॉब छोड़कर पढ़ाई के लिए आए थे. ऐसे में मैंने अपने हार्डवर्क और स्मार्ट वर्क से लक्ष्य को हासिल किया.

खंडवा। IIM रायपुर में MBA की पढ़ाई पढ़ रहे खंडवा के राही जैन ने टॉप किया है. राही जैन को हाईएस्ट सीजीपीए की रैंक और गोल्ड मेडल भी मिला है. अपनी इस शानदार सफलता की बदौलत उनका चयन एक निजी कंपनी में 20 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर हुआ है. राही ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है.


खंडवा के मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले होनहार राही जैन को IIM रायपुर में 2 साल के MBA कोर्स के दौरान सबसे ज्यादा CGPA रैंक मिली है. इसी के साथ उन्हें गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया है. माता-पिता के मुताबिक राही बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया था. राही के पिता ट्रांसपोर्टर हैं. IIM देश का प्रतिष्ठित संस्थान हैं. यहां टॉप करने पर राही और उनके माता-पिता गौरवान्वित हैं.

राही जैन ने किया टॉप


बता दें राही के इस प्रदर्शन के चलते उन्हें एक निजी कंपनी में 20 लाख रुपए के पैकेज पर सेलेक्शन हुआ है. राही का कहना है कि एक छोटे शहर से बड़ी जगह बड़े संस्थान में जाने के बाद थोड़ा नर्वस था. वहां कई प्रोफेशनल लोग जॉब छोड़कर पढ़ाई के लिए आए थे. ऐसे में मैंने अपने हार्डवर्क और स्मार्ट वर्क से लक्ष्य को हासिल किया.

Intro:खंडवा - खंडवा के राही जैन ने आईआईएम रायपुर में एमबीए की पढ़ाई में टॉप किया हैं इस दौरान उन्हें हाईएस्ट सीजीपीए की रैंक प्राप्त हुई इसी के साथ उन्हें गोल्ड मेडल भी प्राप्त हुआ हैं। अपने इस शानदार सफलता की बदौलत उनका चयन एक निजी कंपनी में 20 लाख रूपये सालाना पैकेज पर हुआ है। अपनी सफलता से वे और उनके माता पिता काफी उत्साहित हैं।


Body:खंडवा के मिडिल क्लॉस फैमिली से आने वाले होनहार राही जैन को आईआईएम रायपुर में 2 साल के एमबीए कोर्स के दौरान सबसे ज्यादा सीजीपीए रैंक मिली हैं। इसी के साथ उन्हें गोल्ड मेडल से भी प्राप्त हुआ हैं। राही बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। मेकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था। राही मिडिलक्लास फेमिली से आते हैं उनके पिताजी एक ट्रांसपोर्ट चलाते हैं।
आईआईएम देश के उन चुनिंदा संस्थानों में से एक हैं। जहां एक आम स्टूडेंट्स आईआईएम में चयन होने को बड़ी बात मानते हैं वही खंडवा के राही जैन का ना सिर्फ यहां सिलेक्शन हुआ बल्कि उन्होंने एमबीए में टॉप भी किया। यह उनके और उनके माता पिता के गर्व की बात हैं। यही नही उन्होंने अपनी इस सफलता से शहर का नाम भी रोशन किया हैं। अपनी इस शानदार सफलता पर राही जैन ने कहा कि आईआईएम रायपुर से मैंने एमबीए का कोर्स किया जहां मुझे हाईएस्ट सीजीपीए लाने के साथ गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है। अपनी सफलता की बदौलत राही का सिलेक्शन एक निजी कंपनी में 20 लाख रूपये सालाना पैकेज पर हुआ है। वे स्वयं अपनी इस उपलब्धि को बड़ा मानते हैं और वे सफलता का श्रेय अपने माता पिता और खुद के हार्डवर्क के साथ ही साथ स्मार्ट वर्क को भी देते हैं। वही उन्होंने कहा कि एक छोटे शहर से बड़ी जगह बड़े संस्थान में जाने के बाद मैं थोड़ा नर्वस था वहां कई प्रोफेशनल लोग जॉब छोड़कर पढ़ाई के लिए आए थे। ऐसे में मैंने अपने हार्डवर्क और स्मार्ट वर्क से अपने लक्ष्य को हासिल किया। इसलिए छोटे शहर से होना कोई बात नही हैं आपकी कड़ी मेहनत और लगन से ही आप सबकुछ प्राप्त कर सकते हैं और यह मैंने करके दिखाया हैं।


Conclusion:अपने बेटे की इस उपलब्धि से माता पिता दोनों बेहद खुश हैं। पिता सुशील जैन ने कहा कि वे बचपन से पढ़ाई में होशियार था। और हमेशा अव्वल आता हैं ग्रेजुएशन के दौरान भी उसे अच्छे प्रदर्शन के लिए राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल मिला था। वे अपने बेटे को सिविल सर्विस में देखना चाहते हैं। वहीं माँ सुनीता जैन ने कहा कि अपने बेटे से की सफलता से मुझे इतनी खुशी हो रही हैं कि मैं बता नही सकती। वे हमेशा से पढ़ाई में टॉपर रहा हैं।
byte - राही जैन
byte - सुशील जैन, पिता
byte - सुनीता जैन, माता

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