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प्रसूता ने ट्रैक्टर में जुड़वा बच्चियों को दिया जन्म, प्रसव के दौरान महिला की हुई मौत - प्रीमेच्योर बच्चियों का जन्म

आदिवासी खालवा ब्लॉक में एक गर्भवती महिला ने ट्रैक्टर में जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया. जिसके बाद महिला की मौत हो गई. जन्म लेने वाली दोनों बच्चियां प्रीमैच्योर हैं. फिलहाल दोनों का इलाज नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में चल रहा है.

नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष
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Published : Jul 3, 2019, 10:14 AM IST

खंडवा। आदिवासी खालवा ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. जहां एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई. अंबाडा गांव में प्रसव पीड़ा होने पर महिला के पति ने जननी एक्सप्रेस को इसकी सूचना दी. समय पर जननी एक्सप्रेस के नहीं पहुंचने पर पति महिला को ट्रैक्टर से पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहा था, इसी दौरान महिला ने रास्ते में ही जुड़वां बेटियों को जन्म देकर दम तोड़ दिया.

ट्रैक्टर में हुआ जुड़वा बच्चियों का जन्म

बता दें कि जन्म लेने वाली दोनों बच्चियां प्रीमैच्योर हैं. फिलहाल दोनों का इलाज नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में चल रहा है. वहीं इस मामले में जिला स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डी एस चौहान ने महिला के परिवार वालों को ही दोषी ठहराया. उनका कहना है कि आशा कार्यकर्ता द्वारा उन्हें संस्था में प्रसव करवाने के लिए कहा गया था, लेकिन घर पर पीड़ा के बाद ट्रैक्टर में महिला का प्रसव हो गया.

इस मामले पर कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल का कहना है कि इस मामले में अलग से जांच करवाएंगे. खालवा के लिए सीएसआर प्रोजेक्ट बना रहे हैं, जिसमें आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संसाधनों की समस्याओं को ठीक किया जाएगा. सभी प्रसव संस्थागत हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं. एक बड़ा मुद्दा कनेक्टिविटी को लेकर आता है जिसे भी जल्द दूर किया जाएगा.

खंडवा। आदिवासी खालवा ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. जहां एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई. अंबाडा गांव में प्रसव पीड़ा होने पर महिला के पति ने जननी एक्सप्रेस को इसकी सूचना दी. समय पर जननी एक्सप्रेस के नहीं पहुंचने पर पति महिला को ट्रैक्टर से पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहा था, इसी दौरान महिला ने रास्ते में ही जुड़वां बेटियों को जन्म देकर दम तोड़ दिया.

ट्रैक्टर में हुआ जुड़वा बच्चियों का जन्म

बता दें कि जन्म लेने वाली दोनों बच्चियां प्रीमैच्योर हैं. फिलहाल दोनों का इलाज नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में चल रहा है. वहीं इस मामले में जिला स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डी एस चौहान ने महिला के परिवार वालों को ही दोषी ठहराया. उनका कहना है कि आशा कार्यकर्ता द्वारा उन्हें संस्था में प्रसव करवाने के लिए कहा गया था, लेकिन घर पर पीड़ा के बाद ट्रैक्टर में महिला का प्रसव हो गया.

इस मामले पर कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल का कहना है कि इस मामले में अलग से जांच करवाएंगे. खालवा के लिए सीएसआर प्रोजेक्ट बना रहे हैं, जिसमें आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संसाधनों की समस्याओं को ठीक किया जाएगा. सभी प्रसव संस्थागत हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं. एक बड़ा मुद्दा कनेक्टिविटी को लेकर आता है जिसे भी जल्द दूर किया जाएगा.

Intro:खंडवा - आदिवासी खालवा ब्लॉक अपनी लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जाना जाता हैं. और एक बार भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई. दरअसल खालवा के अंबाडा गाँव में प्रसव पीड़ा होने पर महिला के पति ने जननी एक्सप्रेस को इसकी सूचना दी. काफी समय तक नहीं आने के बाद पति ने महिला को ट्रैक्टर से पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की कोशिश की. इस दौरान महिला ने रास्ते में ही जुड़वा बेटियों को जन्म देकर दम तोड़ दिया. वहीं इस मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने गैरजिम्मेदाराना बयान दिया उन्होंने मामले में महिला के परिवार वालों को ही दोषी ठहराया हैं.


Body:दरअसल घटना सोमवार शाम की हैं जब खालवा के अम्बाडा गाँव के गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई पति द्वारा 108 जननी एक्सप्रेस को बुलाया काफी समय बीत जाने पर भी जब गाड़ी नहीं तो पति ने महिला को ट्रैक्टर से ले जाने की कोशिश की. स्थानीय रोशनी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले रास्ते में ही महिला ने दो जुड़वा बच्चीयों को जन्म दिया हैं और इस बीच महिला की मौत हो गई. वहीं जन्म लेने वाली दोनों बच्चियां प्रीमेच्योर हैं. फ़िलहाल दोनों का ईलाज नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में चल रहा हैं. लेकिन विभाग की लेटलतीफी के चलते महिला को अपनी जान गवानी पड़ी. यदि समय रहते स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी गाड़ी भेज देते तो शायद महिला की जान बच सकती थी. वहीं जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डी एस चौहान ने गैर जिम्मेदार बयान दिया हैं विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही को उन्होंने महिला के माथे मढ़ दिया उनका कहना हैं आशा कार्यकर्ता द्वारा उन्हें संस्था में प्रसव करवाने के लिए कहा था लेकिन घर पर पीड़ा के बाद ट्रैक्टर में महिला का प्रसव हो गया. वहीं नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई के कृष्णा वास्केल ने कहा खालवा ब्लाक के अंबाडा गाँव की महिला ने रास्ते मे जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया दोनों का वजन 2 किलो से भी कम है और वो प्रीमेच्योर हैं. इन्हें फीडिंग करवाया जा रहा हैं. वहीं इस मामले पर कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल का कहना हैं इस मामले में अलग से जांच करवाएंगे. खालवा के लिए सीएसआर प्रोजेक्ट बना रहे हैं जिसमें आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संसाधनों की समस्याओं को ठीक किया जाएगा. लापरवाही के लिए जांच के बाद दूसरे अधिकारी को पदस्थ किया जाएगा. सभी प्रसव संस्थागत हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं. साथ एक बड़ा मुद्दा कनेक्टिविटी को लेकर आता है जिसे भी जल्द दूर किया जाएगा इससे समय पर प्रसव हो सकेगा


Conclusion:गौरतलब हैं यह मामला ऐसे समय में सामने आया हैं जब जिले को नीति आयोग द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. जाहिर हैं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही पर लगाम लगाने की जरूरत हैं. ताकि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर रोक लग सके.
note - स्पॉट से पति की बाईट रैप से भेजी हैं

byte - तन्वी सुन्द्रियाल , कलेक्टर
byte - डी एस चौहान, सीएमएचओ ( सफेद शर्ट चश्मा पहने हुए )
byte - कृष्णा वास्केल , नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई
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