खंडवा। प्रदेश में डिब्बा ट्रैडिंग के नाम पर अवैध कारोबार चल रहा है. तेज गति से बढ़ रहे अवैध कारोबार को रोकने के लिए पुलिस पुरी तरह से तैयार नहीं है, लेकिन अब पुलिसकर्मियों को इस तरह के मामलों को ट्रेस करने के लिए एक्सपर्ट किया जाएगा. यह बात विशेष डीजीपी वित्तीय अपराध एवं फाइनेंशियल अपराध, अभियोजन और सायबर सेल आरके मिश्रा ने सोमवार को जिले के दौरे के अवसर पर कही.
पुलिस कंट्रोल रूम में डीजीपी मिश्रा ने पुलिस अधिकारी और बैंक अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि '1991 के बाद देश में अलग तरह की अर्थ व्यवस्था आई, इसके साथ ही कंपनी, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई. अब सायबर युग आ गया है, इसके चलते अधिकांश रुप से रुपयों का लेन-देन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हाे रहा है. इस तरह से ऑनलाइन हो रहे लेन-देन में लापरवाही बरतने वाले लोग ठगी शिकार हो रहे हैं.'
इस तरह के अपराधों के बारे में डीजीपी मिश्रा ने बैंक अधिकारी और पुलिसकर्मियों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चिटफंड, सूदखोरी और इस तरह के अपराध अधिक हाेने लगे हैं. लोगों को इसके बारे में पता नहीं चल पाता और वे ठगी का शिकार हो जाते हैं. इस अवसर पर बैठक में जिले में दर्ज हुए फाइनेंशियल और सायबर अपराधों पर समीक्षा की गई. बैठक से पूर्व पुलिस कंट्रोल रूम में डीजीपी मिश्रा का पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलावा, नगर पुलिस अधीक्षक ललित गठरे और अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे. पुलिसकर्मियों ने डीजीपी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया.
थाना स्तर पर दिया जाएगा प्रशिक्षण
थाना स्तर पर सायबर क्राइम व फाइनेंशियल क्राइम से निपटने के लिए थाना प्रभारी और विवेचकों को मजबूत किया जाएगा. इसकी तैयारी शुरू हो गई है. पुलिसकर्मियों को इस तरह का अपराध ट्रैक करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. विशेष डीजीपी मिश्रा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को मजबूत किया जा रहा है, ताकि लोग इस तरह के अपराध का शिकार न हों. अगर किसी के साथ इस तरह का अपराध हो भी जाता है तो उसे न्याय दिलाया जाए, ठगी के रुपयों की रिकवरी हो सके. डीजीपी मिश्रा ने कहा कि हवाला कारोबारी व अन्य व्यवसायियों की संपत्ति की जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं.