खंडवा। इस बार पूरे देश में कोरोना के कारण तीज त्यौहारों की रौनक फीकी पड़ गई है. श्रावण मास में शिव भक्ति का उत्साह चरम पर रहता है. श्रद्धालु कांवड़ कंधे पर लेकर अपने आराध्य देव को जल चढ़ाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर आते हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में कोरोना के चलते स्नान और कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिन श्रद्धालुओं को देवआदि के दर्शन करने हैं, वह भी पहले से ऑनलाइन बुकिंग कराकर सिर्फ दूर से दर्शन कर सकते हैंं.
कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध
कोरोना महामारी के चलते इस बार लगभग सभी जगह कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई है. ऐसे ही बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी कांवड़ यात्रा और स्नान पर जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है. यहां भगवान भोलेनाथ की सेवा करने वाले स्वामी भी इस प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहते हैं कि राष्ट्रीय धर्म सबसे पहले है, क्योंकि कोरोना महामारी से सबको बचाना है इसलिए यह जरुरी है, लेकिन जो भक्त आना चाहते हैं, वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर दर्शन का लाभ ले सकते हैं. उसके लिए उन्हें जरुरी प्रक्रिया का पालन करना होगा.
भक्तों को दर्शन की अनुमति
ओंकारेश्वर मंदिर के पंडित भी मानते हैं कि इस बार पिछले सालों की तरह इस बार उत्साह नहीं रहेगा. अभी लगभग दो हजार लोगों को भगवन ओंकारेश्वर के दर्शन कराये जा रहे हैं. श्रावण मास में इनकी संख्या बढ़ेगी, लेकिन भगवान के दर्शन भक्तों को दूर से ही करने होंगे. इसके साथ ही भक्त पवित्र घाटों पर स्नान भी नहीं कर सकते, क्योंकि स्नान को भी प्रतिबंधित किया गया है. भक्त कांंवड़ लेकर भी नहीं आ सकते हैं, क्योंकि कांवड़ यात्रा पर भी अभी कोरोना के कारण रोक लगाई गई है, लेकिन श्रावण मास को ध्यान में रख कर मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के लिए सिर्फ दर्शन व्यवस्था की है, ताकि भक्त इस पवित्र माह में भगवान के दर्शन कर सुरक्षित अपने घर लौट जाएं.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
खंडवा जिला प्रशासन श्रावण मास को लेकर पूरी तरह तैयार है. जिला प्रशासन ने ओंकारेश्वर आने वाले सभी रास्तों पर चेकिंग पॉइंट लगा दिए हैं. पुनासा एसडीएम ममता खेड़े ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. ताकि श्रावण मास में किसी तरह की भीड़ नहीं लग सके. कांवड़ यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो भी तीर्थयात्री आएंगे, उन्हें टेस्टिंग करने के बाद ही मात्र दर्शन की अनुमति मिल सकेगी. कोरोना संक्रमण के कारण पहले ही कम यात्री यहां आ रहे हैं.
भगवान भोलेनाथ की महिमा
भगवान शिव की पूजा और इस पूजा के लिए श्रावण मास सबसे शुभ और कल्याणकारी माना गया है. इस बार इस पावन मास की शुरुआत भी शुभ संयोग में यानी भगवान शिव का दिन माने जाने वाले सोमवार 06 जुलाई 2020 से शुरू हो रहा है. श्रावण मास में शिव भक्त कांवड़ यात्रा के लिए निकलते हैं. चारों तरफ भगवन शिव के नाम की गूंज सुनाई देती है. माना जाता है कि देवताओं में भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं. ऐसे में इस पावन मास में विधि-विधान से शिव का पूजन करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है. भगवान शिव के आशीर्वाद से साधक के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे फल की प्राप्ति होती है. श्रावण मास में शिव की पूजा करने से शत्रुओं का नाश तो होता है. इसके साथ ही रोग-शोक भी दूर होते हैं.