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खंडवा: भारी बारिश से उफान पर नर्मदा, निचले इलाकों में अलर्ट जारी

नर्मदा नदी उफान पर है. नर्मदा में बाढ़ के हालात को देखते हुए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए. निचली बस्तियों को खाली कराकर प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है.

खंडवा
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Published : Sep 9, 2019, 9:50 PM IST

खंडवा। मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा अपने पूरे रौद्र रूप पर है. नर्मदा में बाढ़ के हालात को देखते हुए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए. जब नर्मदा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया तो 100 साल पुराना मोरटक्का ब्रिज आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है.

भारी बारिश से उफान पर नर्मदा नदी

कई हजार क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी
मध्यप्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश के चलते नर्मदा और उससे जुड़े डैमों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. इसी के चलते इंदिरा सागर बांध के 12 गेट से 25 हजार क्यूसेक जबकि ओमकारेश्वर बांध के 18 गेट से लगभग 15,600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे नर्मदा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. पानी छोड़े जाने से निचले एरिया में हाई अलर्ट जारी किया गया है.

लोगों को पहुंचाया जा रहा सुरक्षित स्थान पर
तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर घाट जलमग्न हैं. श्रद्धालुओं का स्नान भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. नदी के पास पने आश्रम, मकान, दुकान सहित अन्य संस्थानों को खाली किया जा रहा है. नर्मदा किनारे बने मकानों की बिजली भी काट दी गयी है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.

कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया
नर्मदा का जल स्तर बढ़ने से खंडवा, खरगोन, बड़वानी सहित कई जिले हाई अलर्ट पर रखे गए हैं. जबलपुर के बरगी बांध के 21 गेट खोले जाने के बाद देर रात पानी ओंकारेश्वर बांध तक पहुंच सकता है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन पूर्ण रूप से मुस्तैद है और किसी भी तरह की कोई हानि ना हो इसको लेकर भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने सहित अन्य एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं.


जाम में फंसे यात्री हो रहे परेशान
इंदौर- इच्छापुर हाईवे पर बने मोरटक्का ब्रिज से आवागमन प्रतिबंधित करने के कारण लंबा जाम लग गया है. ट्रैफिक जाम खरगोन की ओर डायवर्ट हुआ, तो खंडवा बड़ौदा मार्ग पर भी जाम लग गया. दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. कई यात्री बसें भी फंसी हैं, जिससे यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

खंडवा। मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा अपने पूरे रौद्र रूप पर है. नर्मदा में बाढ़ के हालात को देखते हुए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए. जब नर्मदा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया तो 100 साल पुराना मोरटक्का ब्रिज आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है.

भारी बारिश से उफान पर नर्मदा नदी

कई हजार क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी
मध्यप्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश के चलते नर्मदा और उससे जुड़े डैमों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. इसी के चलते इंदिरा सागर बांध के 12 गेट से 25 हजार क्यूसेक जबकि ओमकारेश्वर बांध के 18 गेट से लगभग 15,600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे नर्मदा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. पानी छोड़े जाने से निचले एरिया में हाई अलर्ट जारी किया गया है.

लोगों को पहुंचाया जा रहा सुरक्षित स्थान पर
तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर घाट जलमग्न हैं. श्रद्धालुओं का स्नान भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. नदी के पास पने आश्रम, मकान, दुकान सहित अन्य संस्थानों को खाली किया जा रहा है. नर्मदा किनारे बने मकानों की बिजली भी काट दी गयी है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.

कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया
नर्मदा का जल स्तर बढ़ने से खंडवा, खरगोन, बड़वानी सहित कई जिले हाई अलर्ट पर रखे गए हैं. जबलपुर के बरगी बांध के 21 गेट खोले जाने के बाद देर रात पानी ओंकारेश्वर बांध तक पहुंच सकता है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन पूर्ण रूप से मुस्तैद है और किसी भी तरह की कोई हानि ना हो इसको लेकर भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने सहित अन्य एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं.


जाम में फंसे यात्री हो रहे परेशान
इंदौर- इच्छापुर हाईवे पर बने मोरटक्का ब्रिज से आवागमन प्रतिबंधित करने के कारण लंबा जाम लग गया है. ट्रैफिक जाम खरगोन की ओर डायवर्ट हुआ, तो खंडवा बड़ौदा मार्ग पर भी जाम लग गया. दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. कई यात्री बसें भी फंसी हैं, जिससे यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:खंडवा - मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा अपने पूरे रौद्र रूप पर है. नर्मदा में बाढ़ के हालात को देखते हुए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा उफान पर है. जब पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया तो 100 साल पुराना मोरटक्का का ब्रिज आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया. जिससे लंबा जाम लगा हुआ हैBody:मध्यप्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश के चलते बांध में जलस्तर में वृद्धि हो रही है. इसी के चलते इंदिरा सागर बांध के 12 गेट से 25000 हजार क्यूमेक्स पानी और ओमकारेश्वर बांध के 18 गेट से लगभग 15600 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा हैं. जिसके चलते नर्मदा नदी में जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. निचले एरिया में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. तीर्थ नगरी ओम्कारेश्वर घाट जलमग्न हो गए हैं. श्रद्धालुओं का स्नान प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके अलावा नाविकों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. आसपास बने आश्रम मकान दुकान सहित अन्य संस्थानों को खाली किया जा रहा है। नर्मदा किनारे बने मकानों एवं अन्य संस्थानों की बिजली काट दी गई है. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. निचले इलाकों और घाटों पर पुलिस प्रशासन की टीम लगा दी गई है.

Byte - ममता खेड़े, एसडीएम ओम्कारेश्वर

खंडवा, खरगोन, बड़वानी सहित कई जिले हाई अलर्ट पर रखे गए हैं. जबलपुर के बरगी बांध के 21 गेट खोले जाने के बाद देर रात पानी ओंकारेश्वर बांध तक पहुंच सकता है जिसके चलते पुलिस प्रशासन पूर्ण तरीके से मुस्तैद है और किसी भी तरह की कोई हानि ना हो इसको लेकर युद्ध स्तर पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने सहित अन्य एहतियातन कदम उठाए जा रहे है.

Byte - अनुराग सेठ, परियोजना प्रमुख इंदिरा सागर बांध

Conclusion:इंदौर इच्छापुर हाईवे पर बने इस ब्रिज से आवागमन प्रतिबंधित करने के कारण लंबा जाम लग गया है ट्रैफिक जाम खरगोन की ओर डायवर्ट हुआ तो खंडवा बड़ौदा मार्ग पर भी जाम लग गया. दोनों ओर सैकड़ों वाहन जाम में फंसे हुए हैं। कई यात्री बसें भी जाम में ही हैं और लोग परेशान हो रहे हैं.
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