खंडवा। मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा अपने पूरे रौद्र रूप पर है. नर्मदा में बाढ़ के हालात को देखते हुए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए. जब नर्मदा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया तो 100 साल पुराना मोरटक्का ब्रिज आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है.
कई हजार क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी
मध्यप्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश के चलते नर्मदा और उससे जुड़े डैमों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. इसी के चलते इंदिरा सागर बांध के 12 गेट से 25 हजार क्यूसेक जबकि ओमकारेश्वर बांध के 18 गेट से लगभग 15,600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे नर्मदा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. पानी छोड़े जाने से निचले एरिया में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
लोगों को पहुंचाया जा रहा सुरक्षित स्थान पर
तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर घाट जलमग्न हैं. श्रद्धालुओं का स्नान भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. नदी के पास पने आश्रम, मकान, दुकान सहित अन्य संस्थानों को खाली किया जा रहा है. नर्मदा किनारे बने मकानों की बिजली भी काट दी गयी है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.
कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया
नर्मदा का जल स्तर बढ़ने से खंडवा, खरगोन, बड़वानी सहित कई जिले हाई अलर्ट पर रखे गए हैं. जबलपुर के बरगी बांध के 21 गेट खोले जाने के बाद देर रात पानी ओंकारेश्वर बांध तक पहुंच सकता है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन पूर्ण रूप से मुस्तैद है और किसी भी तरह की कोई हानि ना हो इसको लेकर भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने सहित अन्य एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं.
जाम में फंसे यात्री हो रहे परेशान
इंदौर- इच्छापुर हाईवे पर बने मोरटक्का ब्रिज से आवागमन प्रतिबंधित करने के कारण लंबा जाम लग गया है. ट्रैफिक जाम खरगोन की ओर डायवर्ट हुआ, तो खंडवा बड़ौदा मार्ग पर भी जाम लग गया. दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. कई यात्री बसें भी फंसी हैं, जिससे यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.