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खरगोन: कर्फ्यू में महिलाओं को मिली दो घंटे की छूट, जरूरी सामान की खरीदी के लिए बाजार में उमड़ी भीड़

खरगोन (Khargone) में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद लगे कर्फ्यू के चौथे दिन दो घण्टे 10 से 12 बजे तक ढ़ील दी गई. कलेक्टर खरगोन ने कर्फ्यू में ढील के आदेश देते हुए सिर्फ महिलाओं को जरूरी सामान खरीदने के लिए किराना, सब्जी ,दूध और मेडिकल की दुकानों को खोलने की छूट दी थी. छूट के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं बाजार में समान खरीदने पहुंचीं. इसके लिए नगर पालिका और राजस्व अधिकारियों ने व्यवस्था बनाई थी. (MP Khargone violence update)

MP Khargone violence update
खरगोन कर्फ्यू में महिलाओं को मिली दो घंटे की छूट
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Published : Apr 14, 2022, 4:00 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 4:14 PM IST

खरगोन। रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद शहर में लगे कर्फ्यू में चौथे दिन दो घण्टे की ढ़ील दी गई. जिला प्रशासन ने खरगोन शहर में गुरूवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक महिलाओं को जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की छूट दी थी. इस छूट में महिलाओं को सिर्फ पैदल जाने की ही अनुमति दी गई. एमरजेंसी सेवाएं, किराना, सब्जी दूध और मेडिकल के लिए ही यह राहत दी गई है. इस दौरान बाहर निकली महिलाओँ ने जरूरी सामान की खरीददारी की. महिलाओं ने जल्द ही कर्फ्यू खत्म होने और शहर में शांति स्थापित होने की दुआ भी की. वहीं प्रशासन आने वाले दिनों में पड़ने वाले अंबेडकर जयंती, (Ambedkar birthday) महावीर जयंती, हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे पर भी कर्फ्यू जारी रखना चाहता है, ताकि फिर से कोई ऐसी वारदात न हो.(Women got two hours relaxatio)

दहशत में लोग: जरूरी सामान की खरीददारी के लिए जिला प्रशासन ने महिलाओं को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक ढील दी, हालांकि कर्फ्यू के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही चालू हैं. पुलिस और प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है. लोग अभी भी दहशत में हैं, हालांकि प्रशासन लगातार उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिला रहा है. इस बीच खरगोन के कुछ इलाकों से पलायन की खबरों ने सरकार की सिरदर्द बढ़ा दिया है.

MP Khargone violence update: खरगोन में कर्फ्यू जारी, आज महिलाओं को मिली दो घंटे की छूट, अब भी दहशत में लोग

रामनवमी के दिन हुई थी हिंसा: रामनवमी के दिन खरगोन में जुलूस निकाला गया. इस दौरान डी.जे बजाए जाने को लेकर विवाद हो गया. विवाद के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. जमकर पत्थरबाजी हुई. पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हिंसा के दौरान पेट्रोल बम का भी भरपूर उपयोग किया गया. कई घरों और दुकानों में भी आग लगा दी गई. हालात बिगड़ने के बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया है.

Khargone Violence video: हिंसा के खौफनाक मंजर की कहानी, जानिए पथराव में घायल एसपी सिद्धार्थ चौधरी की जुबानी

अब तक 100 लोगों की गिरफ्तारी: पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक लगभग 100 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. दंगाइयों की संपत्ति को भी जमींदोज किया जा रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर 4 आईपीएस स्तर के अधिकारी, 15 डीएसपी सहित आरएएफ की कंपनी और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

खरगोन सांप्रदायिक हिंसाः कर्फ्यू के बाद अब पलायन का दर्द, कई मकान के बाहर लिखा- यह बिकाऊ है

पलायन की खबर झूठी: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई परिवार और लोग अपना घर मकान छोड़कर शहर से पलायन करने की तैयारी में हैं. त्रिवेणी चौक इलाके में एक मकान पर लिखा नजर आ रहा है कि, यह मकान बिकाऊ है. इस मामले में जब जिलाधिकारी अनुग्रह पी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ऐसी कोई बात नहीं है, पलायन की बात पूरी तरह अफवाह है. पलायन की जो बात आ रही है. उसकी पुष्टि के लिए वे स्वयं कुछ इलाकों में पहुंची तो लोगों ने कहा कि आखिर वे अपना घर छोड़कर क्यों जाएंगे.

खरगोन हिंसा के बाद ड्रोन कैमरों से हो रही शहर की निगरानी, अलर्ट मोड पर जिला प्रशासन

दारुल कजा और दारुल इफ्ता ने भेजा ज्ञापन: दारुल कजा और दारुल इफ्ता ने पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन भेजकर कहा है, "पुलिस और दंगाइयों द्वारा मुस्लिम समाज को निशाना बनाकर उनके घरों मकान दुकान को तोड़ा और जलाया गया है, वहीं बेकसूर लोगों को जेल में ठूंसा गया, प्रशासन द्वारा बिना जांच मुस्लिम समाज के कई और दुकानें तोड़ी गईं, जिस पर 100 परिवारों को खरगोन से पलायन करना पड़ा है, यह मुस्लिम समाज के खिलाफ जुल्म है और कानून का खुला उल्लंघन." (MP Khargone violence update)(Khargoan Curfew)(Ram navami Khargoan violence)

खरगोन। रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद शहर में लगे कर्फ्यू में चौथे दिन दो घण्टे की ढ़ील दी गई. जिला प्रशासन ने खरगोन शहर में गुरूवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक महिलाओं को जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की छूट दी थी. इस छूट में महिलाओं को सिर्फ पैदल जाने की ही अनुमति दी गई. एमरजेंसी सेवाएं, किराना, सब्जी दूध और मेडिकल के लिए ही यह राहत दी गई है. इस दौरान बाहर निकली महिलाओँ ने जरूरी सामान की खरीददारी की. महिलाओं ने जल्द ही कर्फ्यू खत्म होने और शहर में शांति स्थापित होने की दुआ भी की. वहीं प्रशासन आने वाले दिनों में पड़ने वाले अंबेडकर जयंती, (Ambedkar birthday) महावीर जयंती, हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे पर भी कर्फ्यू जारी रखना चाहता है, ताकि फिर से कोई ऐसी वारदात न हो.(Women got two hours relaxatio)

दहशत में लोग: जरूरी सामान की खरीददारी के लिए जिला प्रशासन ने महिलाओं को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक ढील दी, हालांकि कर्फ्यू के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही चालू हैं. पुलिस और प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है. लोग अभी भी दहशत में हैं, हालांकि प्रशासन लगातार उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिला रहा है. इस बीच खरगोन के कुछ इलाकों से पलायन की खबरों ने सरकार की सिरदर्द बढ़ा दिया है.

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रामनवमी के दिन हुई थी हिंसा: रामनवमी के दिन खरगोन में जुलूस निकाला गया. इस दौरान डी.जे बजाए जाने को लेकर विवाद हो गया. विवाद के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. जमकर पत्थरबाजी हुई. पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हिंसा के दौरान पेट्रोल बम का भी भरपूर उपयोग किया गया. कई घरों और दुकानों में भी आग लगा दी गई. हालात बिगड़ने के बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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अब तक 100 लोगों की गिरफ्तारी: पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक लगभग 100 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. दंगाइयों की संपत्ति को भी जमींदोज किया जा रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर 4 आईपीएस स्तर के अधिकारी, 15 डीएसपी सहित आरएएफ की कंपनी और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

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पलायन की खबर झूठी: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई परिवार और लोग अपना घर मकान छोड़कर शहर से पलायन करने की तैयारी में हैं. त्रिवेणी चौक इलाके में एक मकान पर लिखा नजर आ रहा है कि, यह मकान बिकाऊ है. इस मामले में जब जिलाधिकारी अनुग्रह पी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ऐसी कोई बात नहीं है, पलायन की बात पूरी तरह अफवाह है. पलायन की जो बात आ रही है. उसकी पुष्टि के लिए वे स्वयं कुछ इलाकों में पहुंची तो लोगों ने कहा कि आखिर वे अपना घर छोड़कर क्यों जाएंगे.

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दारुल कजा और दारुल इफ्ता ने भेजा ज्ञापन: दारुल कजा और दारुल इफ्ता ने पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन भेजकर कहा है, "पुलिस और दंगाइयों द्वारा मुस्लिम समाज को निशाना बनाकर उनके घरों मकान दुकान को तोड़ा और जलाया गया है, वहीं बेकसूर लोगों को जेल में ठूंसा गया, प्रशासन द्वारा बिना जांच मुस्लिम समाज के कई और दुकानें तोड़ी गईं, जिस पर 100 परिवारों को खरगोन से पलायन करना पड़ा है, यह मुस्लिम समाज के खिलाफ जुल्म है और कानून का खुला उल्लंघन." (MP Khargone violence update)(Khargoan Curfew)(Ram navami Khargoan violence)

Last Updated : Apr 14, 2022, 4:14 PM IST
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