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MP Khandwa दहेज प्रताड़ना के दौरान बहू को जिंदा जलाकर मार डाला, सास को भुगतनी होगी उम्रकैद - सास को भुगतनी होगी उम्रकैद

दहेज प्रताड़ना के दौरान अपनी बहू को जिंदा जलाने वाली सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इस मामले में सबूतों के अभाव में महिला के पति व ससुर को बरी कर दिया गया है. ये मामला मामला करीब तीन साल पहले का है.

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बहू को जिंदा जलाकर मार डाला सास को भुगतनी होगी उम्रकैद
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Published : Jan 28, 2023, 7:54 PM IST

खंडवा। दहेज में सेल्फ स्टार्ट बाइक, एलइडी और बिजली का चूल्हा न लाने पर सास ने बहू को जिंदा जला दिया था. घासलेट डालकर आग लगा दी थी. इस तरह बेहरमी से बहू का जलाने वाली सास को अब उम्रभर जेल में रहना होगा. करीब तीन साल पुराने इस मामले में बहू को उसके परिवार को न्याय मिला है. न्यायालय ने सास को आजीवन कारावास से दंडित किया. यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरसूद आशीष दवंडे ने दिया. मामला किल्लौद थाना क्षेत्र के ग्राम धनवानी का है.

परिजनों को बताई थी व्यथा : बता दें कि 17 जुलाई 2019 को ग्राम धनवानी निवासी निलोफर ने अपने भाई शाकिर को फोन लगाकर बताया कि ससुराल वाले उसका इलाज नहीं करवा रहे. उसके पेट में दर्द हो रहा है. उसे दहेज के लिए परेशान किया जा रहा है. इसके बाद शाकिर अपनी बहन निलोफर से मिलने उसके घर पहुंचा. जाकिर ने देखा कि उसकी बहन पूरी तरह से जली हुई थी. उसने बहन से पूछा तो उसने बताया कि दहेज न लाने की बात पर से उसके साथ सास और पति ने मारपीट की. इसके बाद उसके उस पर घासलेट डालकर आग लगा दी.

उपचार के दौरान मौत : जाकिर ने अपनी बहन को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया. साथ ही पुलिस को घटना की जानकारी दी. उसने बहन से हुई बातचीत का वीडियो भी मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था. निलोफर को गंभीर हालत में किल्लौद अस्पताल से खंडवा के जिला अस्पताल रेफर किया गया. यहां तहसीलदार ने उसके बयान दर्ज किए थे. इसके बाद उसे खंडवा से इंदौर एमवाय में रेफर किया गया. यहां 18 जुलाई 2019 को सुबह उपचार के दौरान निलोफर की मौत हो गई थी. किल्लौद पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच की. पुलिस ने भाई जाकिर और रिश्तेदार शाकिर, शाहरूख और सबीना बी के बयान दर्ज किए.

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सबूतों के अभाव में पति व ससुर बरी : इसके साथ ही मर्ग जांच में भी यह बात स्पष्ट हो गई की निलोफर की हत्या की गई है. उसे जलाकर मार दिया गया. इसके बाद किल्लौद थाने में 21 अगस्त 2019 को धारा 302, 304बी और 34 मे प्रकरण दर्ज किया था. इस मामले में न्यायालय ने सबूतों के अभाव में निलोफर के पति 30 वर्षीय इकलाख और 54 वर्षीय ससुर इकबाल को बरी कर दिया. शासन की ओर से मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजन रविंद्र पंवार ने की. ज्ञात हो कि 2 मई 2019 को ग्राम धनवानी निवासी 22 वर्षीय निलोफर की शादी इकलाख पुत्र इकबाल से हुई थी. उसकी शादी को दो माह ही हुए थे कि उसे दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा. सेल्फ स्टार्ट बाइक, बिजली का चूल्हा और एलइडी टीवी के लिए प्रताड़ित किए जाने लगा. सास शकीला बी उस ताने देन लगी. उसे कहा जाता कि पिता के घर जा और उनकी डिमांड पूरी कर. निलोफर उन्हें मना करती तो सास उसके साथ मारपीट करती थी.

खंडवा। दहेज में सेल्फ स्टार्ट बाइक, एलइडी और बिजली का चूल्हा न लाने पर सास ने बहू को जिंदा जला दिया था. घासलेट डालकर आग लगा दी थी. इस तरह बेहरमी से बहू का जलाने वाली सास को अब उम्रभर जेल में रहना होगा. करीब तीन साल पुराने इस मामले में बहू को उसके परिवार को न्याय मिला है. न्यायालय ने सास को आजीवन कारावास से दंडित किया. यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरसूद आशीष दवंडे ने दिया. मामला किल्लौद थाना क्षेत्र के ग्राम धनवानी का है.

परिजनों को बताई थी व्यथा : बता दें कि 17 जुलाई 2019 को ग्राम धनवानी निवासी निलोफर ने अपने भाई शाकिर को फोन लगाकर बताया कि ससुराल वाले उसका इलाज नहीं करवा रहे. उसके पेट में दर्द हो रहा है. उसे दहेज के लिए परेशान किया जा रहा है. इसके बाद शाकिर अपनी बहन निलोफर से मिलने उसके घर पहुंचा. जाकिर ने देखा कि उसकी बहन पूरी तरह से जली हुई थी. उसने बहन से पूछा तो उसने बताया कि दहेज न लाने की बात पर से उसके साथ सास और पति ने मारपीट की. इसके बाद उसके उस पर घासलेट डालकर आग लगा दी.

उपचार के दौरान मौत : जाकिर ने अपनी बहन को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया. साथ ही पुलिस को घटना की जानकारी दी. उसने बहन से हुई बातचीत का वीडियो भी मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था. निलोफर को गंभीर हालत में किल्लौद अस्पताल से खंडवा के जिला अस्पताल रेफर किया गया. यहां तहसीलदार ने उसके बयान दर्ज किए थे. इसके बाद उसे खंडवा से इंदौर एमवाय में रेफर किया गया. यहां 18 जुलाई 2019 को सुबह उपचार के दौरान निलोफर की मौत हो गई थी. किल्लौद पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच की. पुलिस ने भाई जाकिर और रिश्तेदार शाकिर, शाहरूख और सबीना बी के बयान दर्ज किए.

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