खंडवा। सरकार ने सभी वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया है, लेकिन प्राइवेट स्कूल इस कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. कभी एडमिशन के नाम पर तो कभी स्कूल ड्रेस और किताबों के नाम पर. ऐसा ही एक मामला खंडवा में सामने आया है, जहां 'शिक्षा के अधिकार' कानून के अंतर्गत निजी सेंट जॉन्स कॉन्वेंट स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने एक छात्रा को यह कहकर स्कूल से बाहर कर दिया गया कि उसने लैस वाले जूते नहीं पहने हैं.
इस मामले की जानकारी जब बच्ची के पिता को लगी, तो उसने स्कूल प्रबंधन की मनमानी और दुर्व्यवहार का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. पीड़ित पिता ने प्रशासन से स्कूल पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है. पीड़ित पिता ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी इस घटना की शिकायत की है. पिता का कहना है कि उसकी बेटी का एडमिशन आरटीई के तहत हुआ था, लेकिन स्कूल प्रबंधन उनकी बेटी को जबरन परेशान कर शिक्षा से दूर करना चाह रहा है.
स्कूल प्रबंधन ने पीड़ित को कटघरे में खड़ा किया
इधर स्कूल प्रबंधन ने उल्टा पीड़ित को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. स्कूल संचालक अमरीश सिंह सिकरवार ने कहा कि छात्रा के पिता हर बार विवाद खड़ा करते हैं. स्कूल ने किसी बच्चे को बाहर नहीं निकाला. उन्होंने कहा कि बच्ची के पिता को बुलवाकर उसे स्कूल डेकोरम के तहत बच्चे को स्कूल भेजने को कहा गया था, लेकिन बच्ची के पिता ने ही जबरन विवाद कर मामले को तूल दिया.
शिक्षा विभाग ने स्कूल से मांगा जवाब
शिक्षा विभाग में जब इस मामले की शिकायत पीड़ित ने की, तो विभाग ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर स्कूल से इस घटना पर जवाब तलब किया. स्कूल विभाग के संदीप मीणा का कहना है कि जवाब आने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता.