खंडवा। मध्य प्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट पर आज मतदान होना है. बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खाली हुई सीट पर बीजेपी की तरफ से नंदकुमार सिंह चौहान के करीबी ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने यहां से वरिष्ठ नेता राजनारायण सिंह पुरनी को अपना प्रत्याशी बताया है. इस सीट पर जीत हार से लोकसभा में दोनों पार्टियों की मौजूदा स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं होगा, लेकिन फिर भी ये सीट जीतना बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही साख का सवाल है.
खंडवा में जीत के लिए कई फैक्टर काम करते हैं. खंडवा सीट पर एससी/एसटी तथा ओबीसी वोटर निर्णायक होंगे. इस क्षेत्र में 6 लाख से ज्यादा आदिवासी वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. खंडवा लोकसभा सीट पर ज्यादातर बुरहानपुर क्षेत्र का उम्मीदवार ही जीतता रहा है, इसलिए बीजेपी ने यहां से ज्ञानेश्वर पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया है. सामान्य सीट पर ज्ञानेश्वर पाटिल को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने यहां से ओबीसी कार्ड खेला है. वहीं कांग्रेस ने सामान्य वर्ग से आने वाले राजनारायण सिंह पुरनी को अपनी प्रत्याशी बनाया है.
यह है जातीय समीकरण
जातीय समीकरण | |
सामान्य | 3,62,600 |
ओबीसी | 4,76,280 |
एससी/एसटी | 7,68,320 |
अल्पसंख्यक | 2,86,160 |
अन्य | 1500 |
कुल मतदाता
लोकसभा क्षेत्र में कुल 19 लाख 68 हजार मतदाता है. इनमें से पांच लाख 16 हजार मतदाता पिछड़ा वर्ग के हैं. अगर जातिगत समीकरण की बात करें, तो एसटी-एससी वर्ग के मतदाता अधिक है. इनकी संख्या सात लाख 68 हजार हैं. साथ ही इस लोकसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या में 20 प्रतिशत सामान्य वर्ग, 26 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग, 38 प्रतिशत एसटी-एससी और 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक व अन्य जाति के लोग हैं. कोरोना की दूसरी लहर में खंडवा लोकसभा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का निधन हो गया है. इससे यह सीट खाली हो गई.
खंडवा लोकसभा उपचुनाव | |
कुल विधानसभा | 08 |
कुल मतदाता | 19,68,436 |
पुरुष वोटर्स | 9,89,451 |
महिला वोटर्स | 9,49,862 |
अन्य | 90 |
खंडवा सीट पर पिछले 5 आम चुनावों में 4 बार बीजेपी जीती है. चारों बार यहां से नंदकुमार सिंह चौहान संसद पहुंचे. 2009 में कांग्रेस के अरुण यादव ने यहां से जीत दर्ज की थी. खंडवा लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें खंडवा, बुरहानपुर, नेपानगर, पंधाना, मांधाता, बड़वाह, भीकनगांव और बागली शामिल हैं. ये सीटें भी चार जिलों खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और देवास जिलों में बंटी हैं. इस लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से 3 पर बीजेपी, 4 पर कांग्रेस और 1 सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी का कब्जा है.
ये हैं मुख्य मुद्दे
कोई बड़ा उद्योग नहीं लगा, दाल मिल, जीनिंग फैक्ट्री बंद
इंदौर-इच्छापुर फोरलेन राजमार्ग अधूरा
खंडवा रिंग रोड, बायपास अधूरा
बुरहानपुर के 10-12 हजार पावरलूम बंद
नर्मदा जल योजना का लाभ नहीं मिला
बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, बेरोजगारी की समस्या