खंडवा। भगवान शिव की नगरी ओंकारेश्वर में शिवरात्रि से पहले नर्मदा नदी पर बने पैदल झूला पुल का एक तार टूट जाने से हड़कंप मच गया. इस घटना के बाद पुल से आवजाही रोक दी गई है. गौर करने वाली बात यह है कि इस पुल को बने हुए करीब 18 साल हो गए हैं. ओंकारेश्वर में 18 फरवरी को शिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे, लेकिन अब श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. यह इसलिए कि नर्मदा नदी पर बने पैडल झूला पुल श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है.
दो-तीन लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद: दरअसल बुधवार को अचानक झूला पुल का एक तार टूट गया. इससे ओंकारेश्वर में हड़कंप की स्थिति है. इस घटना से प्रशासन की नींद उड़ सी गई है. उनके सामने भीड़ को नियंत्रित करने की समस्या आ गई है. यह इसलिए कि महाशिवरात्रि 18 तारीख को है. दूसरे दिन रविवार और सोमवार को सोमवती अमावस्या भी है. इस प्रकार तीन दिन में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
श्रद्धालुओं के लिए पूल को किया बंद: एनएसडीसी के महाप्रबंधक प्रसन्न कुमार दीक्षित ने बताया कि समय-समय पर प्रशासन को झूला पुल की भार क्षमता के अनुसार ही भीड़ के समय प्रवेश का पत्र लिखा गया है, पर्वों के दौरान अत्याधिक भीड़ का दबाव झूला पुल पर हो जाता है. झूला पुल का जो तार टूटा है, उसकी रिपेयरिंग के बाद ही आवाजाही झूला पुल से संभव होगी. जब तक इसे ठीक नहीं कर देते हैं तब तक के लिए झूला पुल आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा.
मधुमक्खी के छत्ते बन सकते है मुसीबत: झूला पुल पर मधुमक्खी के छत्ते लगे हुए हैं. जो किसी दिन किसी भयानक दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. विदित हो कि कुछ समय पहले गुजरात के मोरवी में झूला पुल गिरने पर ओंकारेश्वर के झूला पुल की भी जांच की गई थी. तब इसे यह पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था, लेकिन अब तार टूटने से अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. मामले में कलेक्टर अनूप सिंह का कहना है कि टेक्निकल टेस्टिंग के बाद ही झूला पुल पर से दर्शनार्थियों की आवाजाही प्रारंभ की जाएंगी. परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यकता पड़ने पर महाशिवरात्रि पर दर्शनार्थियों से ऑनलाइन दर्शन की अपील की जा सकती है.