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अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ दुष्कर्म का मामला, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, एक हजार रुपए जुर्माना

अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी कालू को दस साल और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

Khandwa 3rd Additional Sessions Court
खंडवा तृतीय अपर सत्र न्यायालय
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Published : Sep 28, 2021, 11:11 PM IST

खंडवा। अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर युवक कालू को मंगलवार को दस साल की सजा दी गई. यह फैसला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सूजरसिंग राठौड़ ने दिया. कालू पर दस साल की सजा के साथ एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. शासन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने की.

भाई के सामने किया था महिला से दुष्कर्म

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि अर्ध विक्षिप्त महिला की शादी 10-15 वर्ष पहले उसके माता पिता ने खंडवा में की थी. लेकिन शादी के दुसरे दिन ससुराल वाले उसके विक्षिप्त होने की वजह से उसे मायके छोड़ दिया. जिसके बाद वह लेने नहीं आए. गांव में नदी के उस पार खोली में अर्ध विक्षिप्त महिला रह रही थी. उसका परिवार गांव में रहता था. महिला की देखरेख उसका भाई करता था. वह उसे घर से खाना लाकर देता था.

7 फरवरी 2014 को रात करीब 8:30 बजे भाई अर्ध विक्षिप्त बहन को खाना देने उसकी खोली पर गया था. यहां खोली में बहन के नहीं मिलने पर वह उसे आसपास तलाशने लगा. खोली के पिछे स्थित गोदाम में उसकी बहन के साथ दोषी कालू पुत्र अंबालाल निवासी ग्राम बरखेड़ी दुष्कर्म कर रहा था. जिस पर वह चिल्लाया तो कालू उसे धमका कर वहां से भाग गया. इस मामले में पंधाना पुलिस ने कालू पर दुष्कर्म की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया था.

भ्रष्टाचार पर सख्त हुई सरकार, सहकारी बैंक में गबन का मामला 4 सीईओ सहित 14 कर्मचारी सस्पेंड

कालू के चेहरे पर थे खरोच के निशान

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में उल्लेखित किया गया है कि अभियोक्त्री अशिक्षिप्त और दुर्बल मस्तिष्क की है. अभियुक्त द्वारा उसकी सहमति से भी सहवास किया हो तब भी वह बलात्कार का अपराधी है. मंदबुद्धि की मनोदशा इस योग्य नहीं है कि अपनी सहमति दे सके. उसके साथ किया गया बलात्कार सहमति से नहीं माना जा सकता है. वह उसका मस्तिष्क शारीरिक शोषण हस्तगत प्रकरण में अभियोक्त्री विकृचित्त होकर गंभीर मंदबुद्धि रोग से ग्रसित है.

इसके साथ ही आरोपी कालू के मेडिकल परीक्षण में चिकित्सक के द्वारा उसके चेहरे पर दांयी और बांयी आंख के पास खरोच के निशान भी पाए गए. चिकित्सक के द्वारा आरोपी के चेहरे पर खरोच के निशान घटना समय के होना बताया गया. इसके साथ ही पुलिस के द्वारा एफएसएल जांच भी करवाई गई थी, जिसमें भी अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ बलात्कार होना पुष्टि हुई है. इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी को बलात्कार कर दोषी पाते हुए दस साल की सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया.

खंडवा। अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर युवक कालू को मंगलवार को दस साल की सजा दी गई. यह फैसला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सूजरसिंग राठौड़ ने दिया. कालू पर दस साल की सजा के साथ एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. शासन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने की.

भाई के सामने किया था महिला से दुष्कर्म

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि अर्ध विक्षिप्त महिला की शादी 10-15 वर्ष पहले उसके माता पिता ने खंडवा में की थी. लेकिन शादी के दुसरे दिन ससुराल वाले उसके विक्षिप्त होने की वजह से उसे मायके छोड़ दिया. जिसके बाद वह लेने नहीं आए. गांव में नदी के उस पार खोली में अर्ध विक्षिप्त महिला रह रही थी. उसका परिवार गांव में रहता था. महिला की देखरेख उसका भाई करता था. वह उसे घर से खाना लाकर देता था.

7 फरवरी 2014 को रात करीब 8:30 बजे भाई अर्ध विक्षिप्त बहन को खाना देने उसकी खोली पर गया था. यहां खोली में बहन के नहीं मिलने पर वह उसे आसपास तलाशने लगा. खोली के पिछे स्थित गोदाम में उसकी बहन के साथ दोषी कालू पुत्र अंबालाल निवासी ग्राम बरखेड़ी दुष्कर्म कर रहा था. जिस पर वह चिल्लाया तो कालू उसे धमका कर वहां से भाग गया. इस मामले में पंधाना पुलिस ने कालू पर दुष्कर्म की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया था.

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कालू के चेहरे पर थे खरोच के निशान

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में उल्लेखित किया गया है कि अभियोक्त्री अशिक्षिप्त और दुर्बल मस्तिष्क की है. अभियुक्त द्वारा उसकी सहमति से भी सहवास किया हो तब भी वह बलात्कार का अपराधी है. मंदबुद्धि की मनोदशा इस योग्य नहीं है कि अपनी सहमति दे सके. उसके साथ किया गया बलात्कार सहमति से नहीं माना जा सकता है. वह उसका मस्तिष्क शारीरिक शोषण हस्तगत प्रकरण में अभियोक्त्री विकृचित्त होकर गंभीर मंदबुद्धि रोग से ग्रसित है.

इसके साथ ही आरोपी कालू के मेडिकल परीक्षण में चिकित्सक के द्वारा उसके चेहरे पर दांयी और बांयी आंख के पास खरोच के निशान भी पाए गए. चिकित्सक के द्वारा आरोपी के चेहरे पर खरोच के निशान घटना समय के होना बताया गया. इसके साथ ही पुलिस के द्वारा एफएसएल जांच भी करवाई गई थी, जिसमें भी अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ बलात्कार होना पुष्टि हुई है. इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी को बलात्कार कर दोषी पाते हुए दस साल की सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया.

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