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6वें दिन भी पानी में खड़े हैं नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्य, बांध का जलस्तर बढ़ाने का कर रहे विरोध

डूब प्रभावितों का पूर्ण विस्थापन सुनिश्चित करने के बाद ही बांध का जलस्तर बढ़ाने पर कोई निर्णय करने की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों का जल सत्याग्रह 6वें दिन भी जारी है.

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Published : Oct 30, 2019, 12:33 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 1:41 PM IST

नर्मदा बचाओ आंदोलन का जल सत्याग्रह

खंडवा। ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने के खिलाफ नर्मदा बचाओ आंदोलन टीम का जल सत्याग्रह 6वें दिन भी जारी है. एनएचडीसी ने ओम्कारेश्वर बांध के जलस्तर को 193 मीटर से बढ़ाकर 196 मीटर कर दिया गया था, जिसका विरोध नर्मदा बचाओ आंदोलन टीम के सदस्य कर रहे हैं.

नर्मदा बचाओ आंदोलन का जल सत्याग्रह

नर्मदा बचाओ आंदोलन के आलोक अग्रवाल और डूब प्रभावित गांव कामनखेड़ा के लोग पानी में रहकर विरोध जाहिर कर रहे हैं. सत्याग्रहियों ने प्रशासन से पहले प्रभावितों का विस्थापन कार्य पूरा करने के बाद ही बांध का जलस्तर बढ़ाने पर कोई निर्णय लेने की मांग की है. इस बीच विस्थापितों ने दीपावली और भाई दूज का त्योहार भी पानी में रहकर ही मनाया.

मांधाता विधायक नारायण पटेल सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे और विस्थापितों की समस्याएं सुनी. साथ ही विस्थापितों की बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया है. वहीं लगातार पानी में रहने से जल सत्याग्रहियों का स्वास्थ्य खराब होने लगा है. सत्याग्रहियों का कहना है कि जल सत्याग्रह को व्यापक समर्थन मिल रहा है. खरगोन जिले के महेश्वर बांध प्रभावितों के एक समूह ने सत्याग्रह स्थल पहुंचकर अपना समर्थन दिया है. इसी प्रकार धार जिले के बरखेड़ा बांध क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोगों ने सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर विस्थापितों के संघर्ष को समर्थन दिया है.

खंडवा। ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने के खिलाफ नर्मदा बचाओ आंदोलन टीम का जल सत्याग्रह 6वें दिन भी जारी है. एनएचडीसी ने ओम्कारेश्वर बांध के जलस्तर को 193 मीटर से बढ़ाकर 196 मीटर कर दिया गया था, जिसका विरोध नर्मदा बचाओ आंदोलन टीम के सदस्य कर रहे हैं.

नर्मदा बचाओ आंदोलन का जल सत्याग्रह

नर्मदा बचाओ आंदोलन के आलोक अग्रवाल और डूब प्रभावित गांव कामनखेड़ा के लोग पानी में रहकर विरोध जाहिर कर रहे हैं. सत्याग्रहियों ने प्रशासन से पहले प्रभावितों का विस्थापन कार्य पूरा करने के बाद ही बांध का जलस्तर बढ़ाने पर कोई निर्णय लेने की मांग की है. इस बीच विस्थापितों ने दीपावली और भाई दूज का त्योहार भी पानी में रहकर ही मनाया.

मांधाता विधायक नारायण पटेल सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे और विस्थापितों की समस्याएं सुनी. साथ ही विस्थापितों की बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया है. वहीं लगातार पानी में रहने से जल सत्याग्रहियों का स्वास्थ्य खराब होने लगा है. सत्याग्रहियों का कहना है कि जल सत्याग्रह को व्यापक समर्थन मिल रहा है. खरगोन जिले के महेश्वर बांध प्रभावितों के एक समूह ने सत्याग्रह स्थल पहुंचकर अपना समर्थन दिया है. इसी प्रकार धार जिले के बरखेड़ा बांध क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोगों ने सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर विस्थापितों के संघर्ष को समर्थन दिया है.

Intro:खंडवा - ओम्कारेश्वर बांध के जलस्तर बढ़ाए जाने को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के जल सत्याग्रह का आज छटवा दिन हैं. एनएचडीसी द्वारा ओम्कारेश्वर बांध के जलस्तर को 193 से 196 मीटर का नर्मदा बचाओ आंदोलन विरोध रहा हैं. इसके चलते नर्मदा बचाओ आंदोलन के आलोक अग्रवाल और डूब प्रभावित गाँव कामनखेड़ा के लोगों द्वारा 21 अक्टूबर से जल सत्याग्रह शुरू किया गया था. इन्होंने अपनी दिवाली और भाईदूज पानी में रहकर ही मनाई. सत्याग्रहियों की प्रशासन से मांग हैं कि सरकार पहले 2000 विस्थापितों का विस्थापन कार्य पूर्ण करें उसके बाद ही बांध का जलस्तर बढ़ाने पर कोई निर्णय लिया जाए.

Body:नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा जिले के कामनखेड़ा गाँव में बीते पांच दिनों से जल सत्याग्रह किया जा रहा हैं. लेकिन प्रशासन अभी तक इस मसले को सुलझाने में नाकाम साबित हुआ हैं सत्याग्रह किसी भी हाल में अपनी मांगों से हटने को तैयार नहीं हैं. इस बीच विस्थापितों ने दीपावली और भाई दूज का त्यौहार भी पानी में रहकर ही मनाया. महिलाओं ने पानी मे जाकर सत्याग्रहियों को तिलक लगाया. इस बीच कामनखेड़ा गाँव के कुछ घरों में बांध के बढ़ते जलस्तर से पानी घुसने लगा है जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं.

वहीं सत्याग्रह के पांचवे दिन स्थानीय मांधाता विधायक नारायण पटेल सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे और विस्थापितों से उनकी समस्याएं सुनी. नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख आलोक अग्रवाल ने द्वारा विधायक को बताया कि लगभग 2000 विस्थापितों का पुनर्वास होना बाकी है और कानूनन जब तक पुनर्वास पूरा नहीं हो जाता बांध में पानी नहीं भरा जा सकता है. उन्होंने उनसे आग्रह किया है कि वह सरकार के समक्ष विस्थापितों की यह मांग रखें कि बांध का जलस्तर वापस 193 मीटर लाया जाए ताकि डूब क्षेत्र के तमाम गांव को परेशानियों से मुक्ति मिल सके और उसके बाद विस्थापितों के साथ संयुक्त प्रक्रिया चलाकर जल्द से जल्द समस्त पुनर्वास पूरा किया जाए. पुनर्वास पूरा होने के बाद ही बांध में पानी भरा जाए. विधायक नारायण पटेल ने आश्वासन दिया कि वह तत्काल ही विस्थापितों की बात सरकार तक पहुंचाएंगे.

Conclusion:खराब होने लगा जल सत्याग्रहियों का स्वास्थ्य
पांच दिन लगातार पानी में रहने से जल सत्याग्रहियों का स्वास्थ्य खराब होने लगा है. सत्याग्रहियों के अनुसार उनके शरीर में दर्द व खुजली की समस्या हो रही है, धीरे धीरे चमड़ी भी गल रही है.

सत्याग्रह को व्यापक समर्थन
सत्याग्रहियों के अनुसार जल सत्याग्रह को सभी ओर से व्यापक समर्थन मिल रहा है आस पास के क्षेत्रों के साथ साथ अलग-अलग बांधों से समर्थन में लोग आ रहे हैं. खरगोन जिले के महेश्वर बांध प्रभावितों के एक समूह ने सत्याग्रह स्थल पहुंचकर अपना समर्थन व्यक्त किया. इसी प्रकार धार जिले के बरखेड़ा बांध क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोगों ने सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर विस्थापितों के संघर्ष में शक्ति प्रदान की.
Last Updated : Oct 30, 2019, 1:41 PM IST
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