खंडवा। तेज बारिश के साथ ही हुई ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. इसी तरह प्याज और उद्यानिकी फसलों को भी नुकसान हुआ. इसी के चलते भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में आज बड़ी संख्या में किसान कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. जिसमें मांग की है कि बर्बाद हुई फसल का सर्वे कराकर जल्द ही बीमा और राहत दिलायी जाए.
बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से खेतों में गेहूं और प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. खंडवा हरसूद और पंधाना ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि हुई है. जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल नहीं काटी जा सकी है. बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी करीब 70 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसी तरह प्याज की फसल भी बर्बाद हुई है. ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों का कहना है कि इससे पहले भी बेमौसम बारिश हवा, आंधी के कारण फसलें बर्बाद हुई थी. लेकिन शासन के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
वहीं किसानों की मांग को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत एक सर्वे टीम बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में रवाना कर दिया है. अपर कलेक्टर नंदा भालवे कुशरे ने कहा की रात में ही सभी तहसीलदारों को निर्देश दे दिए हैं. ओलावृष्टि से जो भी फसलों को नुकसान हुआ है उनका खसरा के हिसाब से सर्वे कर जांच रिपोर्ट तैयार की जाएंगी.