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90 सालों से मनाई जा रही गुरु-शिष्य परंपरा पर लगा 'कोराना ग्रहण', दादाजी धूनीवाले धाम 10 जुलाई तक बंद

खंडवा का दादाजी धूनीवाले धाम अपनी गुरु-शिष्य परंपरा के लिए मशहूर है. गूरू पूर्णिमा के दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का मेला लगाता है. लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते ये मंदिर 10 जुलाई तक बंद रहेगा और भव्य आयोजन नहीं होगा. जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने मिलकर ये फैसला किया है.

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दादाजी धूनीवाले धाम 10 जुलाई तक रहेगा बंद
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Published : Jun 13, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 8:17 PM IST

खंडवा। निमाड़ का तीर्थ और अपनी गुरु-शिष्य परंपरा के लिए जिले का दादाजी धूनीवाले धाम मशहूर है. यहां गुरु पूर्णिमा का पर्व हर साल बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इसका मुख्य कारण दादाजी धूनीवाले हैं. जिनकी गुरु- शिष्य परंपरा को न सिर्फ खंडवावासी, बल्कि पूरे देश के लाखों अनुयायी मानते हैं. लेकिन इस साल 4 जुलाई को आने वाली गुरू पूर्णिमा कोरोना के चलते बड़ी ही सादगी से मनाई जाएगी. मौजूदा हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है कि, मंदिर 10 जुलाई तक बंद रहेगा.

दादाजी धूनीवाले धाम 10 जुलाई तक रहेगा बंद

करीब 90 सालों से चल रही है पंरपरा

गुरु-शिष्य की ये परंपरा साल 1931 से चली आ रही है. धूनीवाले दादाजी और हरिहर भगवान (छोटे दादाजी) के बीच गुरु शिष्य का संबंध था. तभी से गुरू पूर्णिमा के दिन उनके अनुयायी धूनीवाले दादाजी को अपना गुरू मानकर उनकी समाधि पर शीश झुकाने आते है. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर उनकी समाधि पर 2-3 लाख अनुयायियों का आगमन होता हैं. यूं तो देशभर से दादाजी के अनुयायी यहां आते हैं, लेकिन इनमें ज्यादातर तादाद महाराष्ट्र से आने वाले अनुयायियों की होती है.

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दादाजी धूनीवाले धाम

जिला प्रशासन ने किया मंदिर बंद रखने फैसला

90 साल में पहली बार इस साल कोरोना संक्रमण के चलते यहां गुरू पूर्णिमा का पर्व बेहद सादगी से मनाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने जिन शहरों से दादाजी के अनुयायी बड़ी संख्या में आते हैं, वहां के जिला प्रशासन को पत्र लिखकर लोगों से इस बार नहीं आने की अपील की है. जिला प्रशासन ने दादाजी के अनुयायियों की श्रद्धा और सहूलियत को देखते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए से दादा जी के दर्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ ही गुरु पूर्णिमा के दिन कोई भी व्यक्ति जिले के बाहर से अंदर ना आ पाए, इसके लिए जिले की सीमाओं को सील किया जाएगा और किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. कलेक्टर अनय द्विवेदी ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है.

मंदिर प्रशासन की भी सहमति

धूनीवाले दादाजी धाम ट्रस्ट के सदस्य रोचक नागौरी ने बताया कि इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धालुओं के बिना होगा. कोई भी श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा. प्रशासन के आदेश अनुसार आगामी 10 जुलाई तक मंदिर बंद रहेगा. गुरु पूर्णिमा का पर्व 4 से 5 जुलाई के बीच मनाया जाएगा, जिसमें सिर्फ मंदिर से जुड़े हुए लोग ही मौजूद रहेंगे. हालांकि जैसे हर रोज शाम की आरती लाइव टेलीकास्ट की जाती है, वैसी ही सोशल साइट्स प्लेटफॉर्म के जरिए इस आयोजन का भी प्रसारण किया जाएगा. उन्होंने बताया की, सभी श्रद्धालुओं को इस आदेश से अवगत करा दिया गया है.

बता दें कि, खंडवा में दादाजी धूनीवाले धाम 22 एकड़ के परिसर में बना हुआ हैं. यहां धूनीवाले दादाजी और उनके शिष्य हरिहर भोले भगवान (छोटे दादाजी) की समाधि है. साथ ही यहां दादाजी की धूनी भी अनवरत जलती रहती हैं. दादाजी को धूनी से बड़ा प्रेम था. इसलिए ये धूनी साल के 365 दिन जलती रहती हैं. यहां गुरु पूर्णिमा और दिसंबर में दादाजी की बरसी पर भारी भीड़ जुटती हैं. पूरे शहर में मेला सा लग जाता है. लेकिन कोरोना काल के चलते फिलहाल गुरुपूर्णिमा पर श्रद्धालुओं के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

खंडवा। निमाड़ का तीर्थ और अपनी गुरु-शिष्य परंपरा के लिए जिले का दादाजी धूनीवाले धाम मशहूर है. यहां गुरु पूर्णिमा का पर्व हर साल बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इसका मुख्य कारण दादाजी धूनीवाले हैं. जिनकी गुरु- शिष्य परंपरा को न सिर्फ खंडवावासी, बल्कि पूरे देश के लाखों अनुयायी मानते हैं. लेकिन इस साल 4 जुलाई को आने वाली गुरू पूर्णिमा कोरोना के चलते बड़ी ही सादगी से मनाई जाएगी. मौजूदा हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है कि, मंदिर 10 जुलाई तक बंद रहेगा.

दादाजी धूनीवाले धाम 10 जुलाई तक रहेगा बंद

करीब 90 सालों से चल रही है पंरपरा

गुरु-शिष्य की ये परंपरा साल 1931 से चली आ रही है. धूनीवाले दादाजी और हरिहर भगवान (छोटे दादाजी) के बीच गुरु शिष्य का संबंध था. तभी से गुरू पूर्णिमा के दिन उनके अनुयायी धूनीवाले दादाजी को अपना गुरू मानकर उनकी समाधि पर शीश झुकाने आते है. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर उनकी समाधि पर 2-3 लाख अनुयायियों का आगमन होता हैं. यूं तो देशभर से दादाजी के अनुयायी यहां आते हैं, लेकिन इनमें ज्यादातर तादाद महाराष्ट्र से आने वाले अनुयायियों की होती है.

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दादाजी धूनीवाले धाम

जिला प्रशासन ने किया मंदिर बंद रखने फैसला

90 साल में पहली बार इस साल कोरोना संक्रमण के चलते यहां गुरू पूर्णिमा का पर्व बेहद सादगी से मनाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने जिन शहरों से दादाजी के अनुयायी बड़ी संख्या में आते हैं, वहां के जिला प्रशासन को पत्र लिखकर लोगों से इस बार नहीं आने की अपील की है. जिला प्रशासन ने दादाजी के अनुयायियों की श्रद्धा और सहूलियत को देखते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए से दादा जी के दर्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ ही गुरु पूर्णिमा के दिन कोई भी व्यक्ति जिले के बाहर से अंदर ना आ पाए, इसके लिए जिले की सीमाओं को सील किया जाएगा और किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. कलेक्टर अनय द्विवेदी ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है.

मंदिर प्रशासन की भी सहमति

धूनीवाले दादाजी धाम ट्रस्ट के सदस्य रोचक नागौरी ने बताया कि इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धालुओं के बिना होगा. कोई भी श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा. प्रशासन के आदेश अनुसार आगामी 10 जुलाई तक मंदिर बंद रहेगा. गुरु पूर्णिमा का पर्व 4 से 5 जुलाई के बीच मनाया जाएगा, जिसमें सिर्फ मंदिर से जुड़े हुए लोग ही मौजूद रहेंगे. हालांकि जैसे हर रोज शाम की आरती लाइव टेलीकास्ट की जाती है, वैसी ही सोशल साइट्स प्लेटफॉर्म के जरिए इस आयोजन का भी प्रसारण किया जाएगा. उन्होंने बताया की, सभी श्रद्धालुओं को इस आदेश से अवगत करा दिया गया है.

बता दें कि, खंडवा में दादाजी धूनीवाले धाम 22 एकड़ के परिसर में बना हुआ हैं. यहां धूनीवाले दादाजी और उनके शिष्य हरिहर भोले भगवान (छोटे दादाजी) की समाधि है. साथ ही यहां दादाजी की धूनी भी अनवरत जलती रहती हैं. दादाजी को धूनी से बड़ा प्रेम था. इसलिए ये धूनी साल के 365 दिन जलती रहती हैं. यहां गुरु पूर्णिमा और दिसंबर में दादाजी की बरसी पर भारी भीड़ जुटती हैं. पूरे शहर में मेला सा लग जाता है. लेकिन कोरोना काल के चलते फिलहाल गुरुपूर्णिमा पर श्रद्धालुओं के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

Last Updated : Jun 13, 2020, 8:17 PM IST
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