खंडवा। नगर निगम की साधारण सभा की बैठक एक बार फिर स्थगित हो गई. इस साधारण सभा की बैठक में वर्ष 2019-20 का बजट भी पास किया जाना था, लेकिन भारी हंगामे के बीच बजट पास नहीं हो पाया. सभा की बैठक में बीजेपी के पार्षदों ने अपनी परिषद और महापौर पर सार्वजनिक कामों में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. बीजेपी पार्षदों ने विपक्ष के साथ मिलकर इन आर्थिक अपराधों की जांच EOW से कराने की मांग की.
खंडवा नगर निगम में लगातार पिछले 20 सालों से बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली परिषद का शासन है. नगर निगम की इस परिषद का कार्यकाल भी खत्म होने को है. साधारण सभा की बैठक में हंगामे का आसार सभी को था. इस सभा में दो महीने पहले स्थगित हुई पिछली सभा के एजेंडे पर चर्चा होनी थी, जिसमें चालू वर्ष का बजट अनुमोदन भी था, लेकिन पक्ष-विपक्ष के हंगामे और आरोपों के चलते बजट पर चर्चा नहीं हो पाई.
बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद वेदप्रकाश शर्मा ने सड़क और पानी वितरण में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. विपक्ष को इन आरोपों से ताकत मिल गई. विपक्ष ने महापौर पर खुले आरोप लगाए है कि उन्होंने सांठगांठ करके निर्माण कार्यों में ठेकेदारों को निर्धारित दर से ज्यादा रेट पर काम दिए है. अध्यक्ष ने जब इस हंगामेदार माहौल को देखा तो वह भी पक्ष-विपक्ष के पार्षदों के तेवर को भांपते हुए निर्माण कार्यों में की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच कराने को राजी हो गए.