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स्लाटर हाउस के वेस्ट मटेरियल से बन रही गैस से घरों में बन रहा खाना

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Published : Jan 22, 2021, 12:00 PM IST

खंडवा में नगर निगम ने स्लाटर हाउस से निकलने वाले अपशिष्ट कि निपटाने के लिए इमलीपुरा पर बायो मीथेन गैस प्लांट लगाया है. इससे निकलने वाली गैस से घरों में खाना बनाया जाएगा. इसके तहत ट्रायल के लिए अभी दो घरों में इससे खाना बन रहा है.

Khandwa
बायो मीथेन गैस प्लांट

खंडवा। शहर में स्लाटर हाउस से निकलने वाले अपशिष्ट से अब खाना बन रहा है. खंडवा नगर निगम ने स्लाटर हाउस से निकलने वाले अपशिष्ट को ठिकाने लगाने के लिए बायो मीथेन गैस प्लांट लगाया है. इस प्लांट से निकलने वाली गैस से 55 घरों में कनेक्शन दिए जाने की योजना है. फिलहाल दो घरों में ट्रायल बतौर इसी गैस से खाना बन रहा है. इस प्लांट से स्लाटर हाउस के आसपास के लोगों को दुर्गंध से मुक्ति मिल गई और नगर निगम को इस वेस्ट मटेरियल को ठिकाने लगाने की झंझट भी खत्म हो गई.

स्वच्छता अभियान के तहत खंडवा नगर निगम ने इमलीपुरा में स्थित स्लाटर हाउस के पास बायो मिथेन गैस प्लांट लगाया है. इस प्लांट में स्लाटर हाउस से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल और अपशिष्ट से गैस बनाई जा रही है. लगभग 2 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोग इस स्लाटर हाउस की गंदी बदबू के कारण परेशान थे. नगर निगम ने यह प्लांट लगाकर स्लाटर हाउस के निकलने वाली गंदगी और वेस्ट मटेरियल को न केवल ठिकाने लगाया बल्कि इसे फायदे का सौदा भी बना लिया. इस प्लांट से निकलने वाली गैस से आसपास के 55 घरों में 300 रुपए महीना कनेक्शन दिए जाएगा. फिलहाल ट्रायल बतौर दो घरों में इसी गैस से खाना पक रहा है.

99 क्यूबिक मीटर गैस की क्षमता

प्लांट की क्षमता 90 क्यूबिक मीटर की है और लगभग 25 से 30 जानवरों का वेस्ट मटेरियल प्रतिदिन इसने खपाया जा सकता है. इस प्लांट से गैस उत्पादन शुरू हो गया है और फिलहाल ट्रायल बतौर दो घरों में इसी से खाना पक रहा है. नगर निगम ने लखनऊ की कंपनी को यह प्लांट लगाने का काम दिया है.

सस्ती मिल रही गैस

एलपीजी गैस की तुलना में ये गैस सस्ती उपलब्ध हो रही है, इससे क्षेत्र की गृहिणियां खुश है. उनका कहना है कि पहले महीने में एक टंकी एलपीजी खर्च होती थी, जिसमें 800 रुपए खर्च करना पड़ता था लेकिन अब सिर्फ 300 रुपए खर्च हो रहे है.

खंडवा। शहर में स्लाटर हाउस से निकलने वाले अपशिष्ट से अब खाना बन रहा है. खंडवा नगर निगम ने स्लाटर हाउस से निकलने वाले अपशिष्ट को ठिकाने लगाने के लिए बायो मीथेन गैस प्लांट लगाया है. इस प्लांट से निकलने वाली गैस से 55 घरों में कनेक्शन दिए जाने की योजना है. फिलहाल दो घरों में ट्रायल बतौर इसी गैस से खाना बन रहा है. इस प्लांट से स्लाटर हाउस के आसपास के लोगों को दुर्गंध से मुक्ति मिल गई और नगर निगम को इस वेस्ट मटेरियल को ठिकाने लगाने की झंझट भी खत्म हो गई.

स्वच्छता अभियान के तहत खंडवा नगर निगम ने इमलीपुरा में स्थित स्लाटर हाउस के पास बायो मिथेन गैस प्लांट लगाया है. इस प्लांट में स्लाटर हाउस से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल और अपशिष्ट से गैस बनाई जा रही है. लगभग 2 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोग इस स्लाटर हाउस की गंदी बदबू के कारण परेशान थे. नगर निगम ने यह प्लांट लगाकर स्लाटर हाउस के निकलने वाली गंदगी और वेस्ट मटेरियल को न केवल ठिकाने लगाया बल्कि इसे फायदे का सौदा भी बना लिया. इस प्लांट से निकलने वाली गैस से आसपास के 55 घरों में 300 रुपए महीना कनेक्शन दिए जाएगा. फिलहाल ट्रायल बतौर दो घरों में इसी गैस से खाना पक रहा है.

99 क्यूबिक मीटर गैस की क्षमता

प्लांट की क्षमता 90 क्यूबिक मीटर की है और लगभग 25 से 30 जानवरों का वेस्ट मटेरियल प्रतिदिन इसने खपाया जा सकता है. इस प्लांट से गैस उत्पादन शुरू हो गया है और फिलहाल ट्रायल बतौर दो घरों में इसी से खाना पक रहा है. नगर निगम ने लखनऊ की कंपनी को यह प्लांट लगाने का काम दिया है.

सस्ती मिल रही गैस

एलपीजी गैस की तुलना में ये गैस सस्ती उपलब्ध हो रही है, इससे क्षेत्र की गृहिणियां खुश है. उनका कहना है कि पहले महीने में एक टंकी एलपीजी खर्च होती थी, जिसमें 800 रुपए खर्च करना पड़ता था लेकिन अब सिर्फ 300 रुपए खर्च हो रहे है.

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