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कोरोना काल में किसानों पर दोहरी मार, मुआवजे की मांग कर रहे अन्नदाता

खंडवा में किसानों पर दोहरी मार पड़ी है, एक तो किसान कोरोना वायरस की वजह से पहले से ही परेशान हैं. तो वहीं दूसरी तरफ खरीफ सीजन में अधिक बारिश और तेज धूप की वजह से सोयाबीन, कपास, मिर्ची की फसल पूरी तरह तबाह हो गई हैं. जिसके बाद अब किसान जिला प्रशासन से नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

Crop of farmers was damaged
खराब हुई किसानों की फसल
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Published : Sep 3, 2020, 6:57 PM IST

खंडवा। कोरोना काल में किसान पहले से ही परेशान हैं. ऐसे में बारिश और खराब मौसम की वजह से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. खरीफ सीजन में अधिक बारिश और तेज धूप की वजह से सोयाबीन, कपास, मिर्ची की फसल पूरी तरह तबाह हो गई हैं. जिसके बाद अब किसान जिला प्रशासन से नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

खराब हुई किसानों की फसल

किसानों का कहना हैं कि, सोयाबीन की फसल में पीला मोजेक आ गए है. वहीं फसल के तने को कीड़े खा गए हैं. जिससे सोयाबीन का उत्पादन अब ना के बराबर होने की आशंका हैं. एक अनुमान के मुताबिक जिले में सोयाबीन की फसल लगभग 40-50 फीसदी खराब हुई हैं. वहीं मिर्ची और कपास की फसल भी नुकसान हुई हैं. किसान अशोक महाजन का कहना है कि, 6 एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी, जो पूरी तरह से खराब हो गई है. वहीं किसान ने बताया कि, उनकी सोयाबीन, मिर्च, और कपास तीनों फसलों को मिलाकर लगभग 2 लाख का नुकसान हुआ है.

Yellow crop
पीली पड़ी फसल

कृषि वैज्ञानिक की किसानों को सलाह

कृषि वैज्ञानिक आशीष बोबडे का कहना है कि, अफलन की समस्या के लिए किसान थायमिथोक्सम, लैम्बडा, सायहेलोथ्रीन को मिलाकर 50 एमएल का छिड़काव करें. वहीं पीले मोजेक कीट के लिए क्लोरो पायरोफॉस का 500 एमएल प्रति एकड़ छिड़काव करें. वहीं कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि, इन दवाइयों का छिड़काव पकने वाली फसलों पर ना करें. केवल उन फसलों पर ही करें, जिनके पकने में अभी देर हो.

किसान संघ ने दिया था धरना

पिछले दिनों जिले में किसान संघ ने खराब हुई सोयाबीन के लिए सर्वे कराने और मुआवजा दिलाने की मांग की थी. इसके लिए किसान संघ ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना भी दिया था. तब कलेक्टर अनय द्विवेदी ने किसानों को सर्वे शुरू कराने का आश्वासन दिया था. कलेक्टर ने कहा कि, समस्त जिले में फसलों का सर्वे कार्य शुरू करा दिया गया है. सर्वे कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है. 2-3 दिनों में शुरुआती आंकड़े आ जाएंगे. उनका कहना है कि, एक सप्ताह के अंदर सर्वे पूर्ण हो जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि, अत्यधिक वर्षा के कारण जिले के पुनासा और खालवा में अधिक नुकसान का अनुमान हैं. उनका कहना है कि, सर्वे का काम पूरा होते ही किसानों को मुआवजा की राशि दी जाएगी.

खंडवा। कोरोना काल में किसान पहले से ही परेशान हैं. ऐसे में बारिश और खराब मौसम की वजह से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. खरीफ सीजन में अधिक बारिश और तेज धूप की वजह से सोयाबीन, कपास, मिर्ची की फसल पूरी तरह तबाह हो गई हैं. जिसके बाद अब किसान जिला प्रशासन से नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

खराब हुई किसानों की फसल

किसानों का कहना हैं कि, सोयाबीन की फसल में पीला मोजेक आ गए है. वहीं फसल के तने को कीड़े खा गए हैं. जिससे सोयाबीन का उत्पादन अब ना के बराबर होने की आशंका हैं. एक अनुमान के मुताबिक जिले में सोयाबीन की फसल लगभग 40-50 फीसदी खराब हुई हैं. वहीं मिर्ची और कपास की फसल भी नुकसान हुई हैं. किसान अशोक महाजन का कहना है कि, 6 एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी, जो पूरी तरह से खराब हो गई है. वहीं किसान ने बताया कि, उनकी सोयाबीन, मिर्च, और कपास तीनों फसलों को मिलाकर लगभग 2 लाख का नुकसान हुआ है.

Yellow crop
पीली पड़ी फसल

कृषि वैज्ञानिक की किसानों को सलाह

कृषि वैज्ञानिक आशीष बोबडे का कहना है कि, अफलन की समस्या के लिए किसान थायमिथोक्सम, लैम्बडा, सायहेलोथ्रीन को मिलाकर 50 एमएल का छिड़काव करें. वहीं पीले मोजेक कीट के लिए क्लोरो पायरोफॉस का 500 एमएल प्रति एकड़ छिड़काव करें. वहीं कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि, इन दवाइयों का छिड़काव पकने वाली फसलों पर ना करें. केवल उन फसलों पर ही करें, जिनके पकने में अभी देर हो.

किसान संघ ने दिया था धरना

पिछले दिनों जिले में किसान संघ ने खराब हुई सोयाबीन के लिए सर्वे कराने और मुआवजा दिलाने की मांग की थी. इसके लिए किसान संघ ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना भी दिया था. तब कलेक्टर अनय द्विवेदी ने किसानों को सर्वे शुरू कराने का आश्वासन दिया था. कलेक्टर ने कहा कि, समस्त जिले में फसलों का सर्वे कार्य शुरू करा दिया गया है. सर्वे कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है. 2-3 दिनों में शुरुआती आंकड़े आ जाएंगे. उनका कहना है कि, एक सप्ताह के अंदर सर्वे पूर्ण हो जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि, अत्यधिक वर्षा के कारण जिले के पुनासा और खालवा में अधिक नुकसान का अनुमान हैं. उनका कहना है कि, सर्वे का काम पूरा होते ही किसानों को मुआवजा की राशि दी जाएगी.

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