खंडवा। भारत विकास परिषद और अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा एक अनूठे 151 जोड़ों की शादी का आयोजन किया था, जहां नाती-पोते, माता-पिता से लेकर दादा-दादी और नाना-नानी ने फिर से सात फेरे लिए. इस दौरान एक डॉक्टर दंपत्ति डॉक्टर शिव शंकर गुर्जर और डॉक्टर प्रीति गुर्जर ने भी फिर से सात फेरे लिए, उन्होंने कहा कि यह यादगार पल है, जिसे वे कभी नहीं भुलेंगे. वहीं रिटायर्ड इंजीनियर विनोद गंगवाल व करीब 10 दुल्हों ने इस अवसर पर बारात भी निकाली, घोड़ी चढ़कर वे शादी समारोह में पहुंचे. एलआईसी के विकास अधिकारी मनीष शुक्ला व पत्नी शिवा शुल्ला ने कहा कि जब उन्हें इस आयोजन के बारे में पता चला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने वही जोड़ा पहना जो करीब 25 साल पहले शादी के दौरान पहना था, शादी की सभी पुरानी यादें ताजा हो गईं. (Ek Vivaah Aisa Bhi)
जमकर नाचे बाराती: इस अनूठी शादी के गवाह बने बारातियों ने जमकर डांस किया, कोई अपने माता-पिता तो काई अपने दादा-दादी और नाना-नानी की शादी को लेकर उत्साहित था. सभी ने जमकर इस शादी का आनंद उठाया, सनत-चित्रा श्रीमली ने कहा कि, "समाज को इस तरह से आयोजन की आवश्यकता है, इससे समाज में उर्जा का संचार तो होगा ही, साथ ही जागरूकता भी आएगी." इधर आयोजनकर्ताओं ने इस अनूठे आयोजन को लेकर किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी, नवकार नगर स्थित गार्डन को आकर्षक रूप से सजाया गया. (grandsons dance in marriage viral)
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परिवार की परिभाषा को बताने के लिए आयोजन किया: भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अजय लाड़ ने बताया कार्यक्रम का उद्देश्य गृहस्थ जीवन में बढ़ रही दूरियों चिंता का विषय हो गई है, वर्तमान समाज का पतन इतना हो गया है कि माता-पिता, दादा-दादी का बटवारा होने लगा है. परिवार में नित्य लड़ाई झगड़े मन मुटाव, ईष्या-द्वेष, पक्षपात दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं, हमारे परिवारों में स्नेह, मान-सम्मान, त्योग, सहकार का सर्वथा अभाव हो गया है. संयुक्त परिवार अब उंगलियों पर गिने जा सकते हैं, आज परिवार की परिभाषा बदल गई है. पति-पत्नी बस यही परिवार माना जाने लगा है, इन्हीं विषयों को ध्यान में रखते हुए खंडवा शहर के सामाजिक कार्यकर्ता, प्रतिनिधि, समाजसेवी व अन्य 151 दंपतियों ने पुन: सात फेरे लेकर गृहस्थ जीवन के सात वचनों को याद दिलाने का प्रयास किया है. (khandwa 151 elder couples again took sath phere)