खंडवा। कोरोना संकट और सोमवती अमावस्या के मद्देनजर ओंकारेश्वर और खेड़ीघाट पर 11 और 12 अप्रैल को बाहरी लोगों को नर्मदा स्नान और प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था. रविवार को ओंकारेश्वर मार्ग पर मोरटक्का में बेरिकेड कर किसी को प्रवेश नहीं दिया गया. वहीं नर्मदा के घाट भी सुने रहे. ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी दर्शनार्थियों को अनुमति नहीं होने से मंदिर में सन्नाटा पसरा रहा. सोमवार को अमावस्या पर भी यह व्यवस्था लागू रही.
- 25 अप्रैल तक प्रवेश प्रतिबंध
एसडीएम पुनासा ने सोमवार को नए आदेश जारी कर ओंकारेश्वर मंदिर में 13 से 25 अप्रैल तक स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश को पुरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. यह कदम गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्र और नवरात्रि को देखते हुए लिया गया है. विदित हो कि कोरोना की पहले चरण में भी ओंकारेश्वर मंदिर में 20 मार्च 2020 से 16 जून 2020 तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी.
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- अमावस्या पर नहीं पहुंच सकें श्रद्धालु
सोमवती अमावस्या पर लोगों की नर्मदा स्नान के लिए भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पहले दो दिन का प्रतिबंध लगाने से रविवार और सोमवार को तीर्थनगरी में नर्मदा के घाट सुने रहें. रविवार को खेड़ीघाट पर कुछ लोग स्नान के लिए पहुंचने पर उन्हे भी रोका गया. शनिवार रात से ही ओेंकारेश्वर जाने वाले मार्ग पर बेरिकेड लगाकर बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था.