खंडवा। कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में घरों की माली हालात खराब हो रही है. ऐसे में प्रदेश का बिजली विभाग मनमानी कर रहा है . प्रदेश भर से इस बात की शिकायतें मिल रही हैं कि बिजली उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप बिल थमाए जा रहे हैं. कोरोना काल में बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिजली बिलों के रूप में झटके दे रही है. लॉकडाउन के तीन महीनों का बिल एक साथ मिलना उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दे रहा है. जो बिल पहले 100-150 रूपए प्रतिमाह आया करते थे वो अब 3000-12000 रुपए तक आ रहा है. कोरोना काल में पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे उपभोक्ताओं के लिए दो जून की रोटी कमाना कठिन हो गया है. ऐसे में इन बढ़े हुए बिजली बिलों ने आम लोगों को 440 वोल्ट का झटका दिया है.
कोरोना के बाद बिजली का झटका
लोगों का कहना है कि बाजार में सुस्ती है, कामकाज ठंडा पड़ा है, पैसों की आवक नहीं है, लेकिन बढ़ते हुए बिजली के बिलों को देखकर झटका जरूर लग रहा है. गरीब आदमी जहां पहले 100-150 रुपये का बिल चुका के ही परेशान था, उसे अब लॉकडाउन के 3 महीने का बिल, वो भी औने पौने दाम का भारी झटका दे रहा है. बिजली विभाग उन्हें 12 हजार तक के बिजली बिल थमा रहा है ऐसे में पहले से ही रोजी रोटी को लेकर परेशान आदमी इस भारी भरकम बिल को कैसे चुकाएगा.
सरकार की योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
शिवराज सरकार में संबल योजना में पात्र हितग्राहियों को 200 रूपए प्रतिमाह जो बिल आता था उसे कमलनाथ सरकार ने आधा यानि 100 रुपए प्रतिमाह कर दिया था. गरीब वर्ग के लिए सरकार ने राहत की घोषणा की है, लेकिन बिजली बिलों ने मध्यम वर्गीय लोगों की कमर तोड़ दी है. जिन लोगों के बिजली बिल 500 से 800 रूपए के बीच आता था, उन्हें अब हजारों रूपए का बिल थमाया जा रहा हैं.
सरकार पर दोष मढ़ रहा विपक्ष
इस संकट की घड़ी में लगातार बढ़ रहे बिजली के बिलों को लेकर युवा कांग्रेस ने भी पिछले दिनों बिजली कंपनी का घेराव किया था और बढ़े हुए बिजली बिलों को घटाने की मांग की गई थी. जिसके बाद खंडवा युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अंकित पाठक ने चेतावनी दी है कि अगर बढ़े हुए बिजली बिलों को माफ नहीं किया गया तो युवा कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी.
विसंगतियां दूर करने की बात कह रहे अधिकारी
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी एसआर सैमिल ने बताया कि बिजली बिलों को लेकर जो कुछ विसंगतियां हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है. उन्होंने बताया की लॉकडाउन के 3 महीने मीटर रीडिंग नहीं ली गई बल्कि पिछले साल की रीडिंग के हिसाब से एवरेज बिल दिया गया. उपभोक्ताओं को किस्तों में भुगतान करने की छूट दी गई है. हालांकि एसआर सैमिल ने बताया कि सरकार ने 30 दिनों के भीतर रीडिंग लेने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद उसे रीडिंग को घटाकर ही उपभोक्ताओं से बिल लिया जाएगा.
एमपी में चल रही है स्मार्ट मीटर-स्मार्ट बिलिंग योजना
मध्यप्रदेश में बिजली मीटर्स की खराबी और बिलिंग की गड़बड़ियों को रोकने के लिए एमपी में स्मार्ट मीटर्स लगाने की शुरुआत हुई है. इसके तहत कुछ नियम बनाए गए हैं. जिसके तहत ये मीटर लगाए जा रहे हैं.
- राज्य के 3 डिस्कॉम में लगाए जाएंगे 'स्मार्ट मीटर्स'
- 700 करोड़ का खर्च आने का है अनुमान
- बिजली बिलों की गड़बड़ियों को रोकेंगे 'स्मार्ट मीटर्स'
- एमपी में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की है योजना
- भोपाल में 4.7 लाख बिजली कनेक्शन हैं
- राजधानी भोपाल में 3.7 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की हुई शुरुआत
- ऐसे में 80% मीटर, स्मार्ट मीटर में हो जाएंगे तब्दील
- इससे बिजली विभाग के कर्मचारियों का बिलिंग में हस्तक्षेप खत्म होगा
आने वाले समय में प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. शायद इसीलिए कुछ रोज पहले इंदौर के दौरे पर गए सूबे के मुखिया ने बिजली बिल माफ करने की घोषणा की है अब देखना होगा की सीएम शिवराज की घोषणा का कितने जल्द पालन होता है और जनता को इस समस्या से निजात मिलती है. देखनी वाली बात यह भी होगी कि कांग्रेस की सस्ती बिजली का मुद्दा लोगों को कितना लुभा पाता है.