खंडवा। मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 28 पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं. इसमें जिले की मांधाता सीट भी शामिल है. इसके लिए चुनाव आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. यहां 3 नवंबर को मतदान और 9 नवंबर को मतगणना होनी है. मांधाता से पूर्व कांग्रेसी विधायक नारायण पटेल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इनाम स्वरूप उन्हें बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने एक नए चेहरे उत्तमपाल सिंह पर दांव लगाया है.
उत्तमपाल सिंह मांधाता से तीन बार विधायक रह चुके राजनारायण सिंह के बेटे हैं. राजनारायण सिंह की क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती है और वह एक राजपूत नेताओं में से आते हैं. क्षेत्र में उनके विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त है. मांधाता विधानसभा में राजपूत और गुर्जर मतदाताओं का दबदबा माना जाता है. ये दोनों वोटबैंक ही चुनाव की जीत हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
अब यहां पर कांग्रेस के उत्तमपाल सिंह और बीजेपी के नारायण पटेल में टक्कर होने जा रही है. इसके लिए दोनों ही नेताओं ने चुनावी मैदान संभाल लिया है. क्षेत्र में गांव गांव घूम कर जनसंपर्क कर रहे हैं और अपनी चुनावी बिसात बिछा रहे हैं. ईटीवी भारत ने कांग्रेस के उम्मीदवार उत्तमपाल सिंह से खास बातचीत की है. जिसमें उन्होंने तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी है.
सवाल 1 - कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए नारायण पटेल को कितनी चुनौती मानते हैं ?
जवाब - यह चुनाव बिकाऊ और टिकाऊ के बीच का चुनाव है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी का उम्मीदवार है. जो कि सत्ता और पैसे की लालच में बीजेपी के हाथों बिक गया है. उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्र वासियों के साथ विश्वासघात किया है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बड़ी मेहनत के साथ चुनाव लड़कर उन्हें जीत दिलाई थी. लेकिन वे कांग्रेस और क्षेत्र वासियों के साथ विश्वासघात करके बीजेपी में गए हैं और सभी जानते हैं कि वह बीजेपी में किस लिए गए हैं.
उन्होंने खुद भी यह स्वीकार किया है कि वे अपने स्वयं के विकास के लिए बीजेपी में गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नारायण पटेल के बीजेपी में चले जाने से अब कांग्रेस में कोई गुट नहीं बचा है सिर्फ एक ही गुट है और वह है कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस पार्टी यहां से मजबूती से चुनाव लड़ेगी और जीत दर्ज करेगी.
सवाल 2 - नारायण पटेल के अलावा कोई बीजेपी कार्यकर्ता उम्मीदवार होता तो कितनी चुनौती होती ?
जवाब - इसके लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने कहा कि जो काम नारायण पटेल ने किया है उसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार बीजेपी है क्योंकि बीजेपी ने ही उन्हें खरीदा है. इसकी गुनहगार नारायण पटेल नही बीजेपी हैं. बाबा साहब के संविधान में उपचुनाव किन परिस्थितियों में होते थे. लेकिन अब बीजेपी के लोग नई परिपाटी शुरू कर रहे हैं जो देश के संविधान के लिए बेहद खतरनाक हैं.
सवाल 3 - सीएम के वादों में कितना दम है.
जवाब - गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों पुनासा में एक जनसभा को संबोधित किया था और उसमें सिंगाजी को पर्यटन स्थल बनाए जाने और मूंदी नगर को तहसील बनाए जाने की घोषणा की थी. कांग्रेस प्रत्याशी उत्तम पाल सिंह ने सीएम की घोषणा पर कोरा वादा किया है. उन्होंने कहा कि 2016 में भी सिंगाजी को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की थी. उस पर कुछ नहीं किया. सिंगाजी को पर्यटन स्थल बनाने की जरूरत नही हैं. बल्कि वहां विकास कार्य किए जाने की जरूरत हैं. मूंदी को तहसील बनाने का कोई महत्व नहीं हैं.
सवाल 4 - कांग्रेस में गुटबाजी खत्म, सिर्फ एक कांग्रेस ही है ?
जवाब - नारायण पटेल को बीजेपी ले गई और अब कांग्रेस में गुटबाजी जैसी कोई चीज नहीं हैं. मांधाता में सिर्फ कांग्रेस ही चुनाव लड़ेगी. हम पहले से क्षेत्र में घूम घूमकर जनता के बीच जा रहे हैं.
सवाल 5 - ठाकुर वोटबैंक नहीं, सभी का वोट चाहिए ?
जवाब - क्षेत्र के ठाकुर वोटबैंक एक बड़ा फैक्टर माना जाता है. वहीं उत्तमपाल सिंह भी उसी ठाकुर समाज से आते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस को समाज के हर वर्ग का वोट मिलता है. और हम जरूर जीतेंगे.
विधानसभा की यह है स्थिति
मांधाता विधानसभा में कुल 196306 वोटर हैं. इसमें से 101774 पुरुष मतदाता हैं. और 94529 महिला मतदाता हैं. 3 अन्य मतदाता हैं. वहीं यहां कुल 293 मतदान केंद्र हैं.
आखिरकार मिल गया टिकट
लंबे इंतजार के बाद उत्तमपाल सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है. गौरतलब है कि पिछले दो बार से वे यहां कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव और 2018 के चुनाव में उत्तमपाल सिंह यहां से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे. लेकिन दोनों ही बार अरुण यादव ने अपने करीबी नारायण पटेल को यहां से टिकट दिलाया था.
इसके बाद यहां कांग्रेस में 2 गुट बन गए थे एक राजनारायण सिंह गुट, दूसरा नारायण पटेल गुट, जिसकी वजह से कांग्रेस को यहां पर भारी नुकसान झेलना पड़ा था. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को महज 1200 वोटों से जीत मिली थी. वहीं अब लंबे इंतजार के बाद उत्तमपाल सिंह को टिकट मिला हैं. वे क्षेत्र में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाकर अपनी मजबूत पकड़ को जीत में परिवर्तित करना चाहेंगे.
ठाकुर और गुर्जर मतदाता निर्णायक
मांधाता विधानसभा सीट जिले की एकमात्र सामान्य सीट है. यहां ठाकुर और गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. कांग्रेस के उम्मीदवार उत्तमपाल सिंह ठाकुर समाज से आते हैं वहीं बीजेपी के प्रत्याशी नारायण पटेल गुर्जर समाज से आते हैं ऐसे में जिस प्रत्याशी पर इन दोनों ही वोटबैंक का प्रभाव पड़ेगा वही इस उपचुनाव में जीत दर्ज कर सकेगा.