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ये कैसी अफसरशाही! कलेक्टर ने सीएम के अधिकार पर किया अतिक्रमण - खंडवा न्यूज

खंडवा कलेक्टर का एक ओर अफसरशाही का चेहरा सामने आया है. इस बार कलेक्टर ने मंत्रालय के आदेश को भी पलट दिया. कलेक्टर ने जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया, जबकि यह अधिकार जनसंपर्क मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास है.

Collector vs Chief Minister
कलेक्टर बनाम मुख्यमंत्री
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Published : May 23, 2021, 7:58 PM IST

Updated : May 23, 2021, 9:26 PM IST

खंडवा। पत्रकारों को धमकाने वाले कलेक्टर अनय द्विवेदी फिर विवादों में आ गए हैं. कलेक्टर ने जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव कर दिया. कलेक्टर की तानाशाही का यह मामला खंडवा से निकलकर भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में भी गूंज रहा है. भोपाल में जनसंपर्क के अधिकारियों ने इस मामले में मुख्यमंत्री से बात की है. मुख्यमंत्री जल्द ही इस संबंध में फैसला लेंगे.

  • मुख्यमंत्री के अधिकारों पर किया अतिक्रमण

दरअसल खंडवा कलेक्टर को तानाशाही कलेक्टर भी कहा जाता है. क्योंकि हर बार कलेक्टर अपनी मर्जी चलाते है. कई बार कलेक्टर ने शहर के पत्रकारों को भी घमकी दी है. इस बार कलेक्टर ने जिला जनसंपर्क अधिकारी (PRO) का ट्रांसफर कर उनको रिलीव कर दिया है. जबकि पीआरओ को ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ जनसंपर्क मंत्री को होता है. वर्तमान में जनसंपर्क मंत्रालय का प्रभार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास ही है. कलेक्टर ने पीआरओ का ट्रांसफर कर के सीएम चौहान के अधिकारों पर अतिक्रमण किया है. इस संबंध में जनसंपर्क आयुक्त ने भी कहा है कि ये अधिकार कलेक्टर के पास नहीं है. कलेक्टर ने ऐसा क्यों किया है इसकी पुछताछ की जाएगी.

साहब ये तो तानाशाही है! कोविड केयर सेंटर पर मीडिया प्रतिबंधित

  • कलेक्टर को नहीं है अधिकार

जनसंपर्क आयुक्त सुदामा खांडे का कहना है कि कलेक्टर को ट्रांसफर का अधिकार नहीं है, ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ शासन को है, कलेक्टर को इसका अधिकार नहीं है, मैं अभी आर्डर देखूंगा उन्होंने किस आधार पर ट्रांसफर किया है. अधिकारियों कहना है कि इस मामले को लेकर सीएम से बात हुई है, मामले पर शाम को मुख्यमंत्री फैसला लेंगे.

खंडवा। पत्रकारों को धमकाने वाले कलेक्टर अनय द्विवेदी फिर विवादों में आ गए हैं. कलेक्टर ने जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव कर दिया. कलेक्टर की तानाशाही का यह मामला खंडवा से निकलकर भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में भी गूंज रहा है. भोपाल में जनसंपर्क के अधिकारियों ने इस मामले में मुख्यमंत्री से बात की है. मुख्यमंत्री जल्द ही इस संबंध में फैसला लेंगे.

  • मुख्यमंत्री के अधिकारों पर किया अतिक्रमण

दरअसल खंडवा कलेक्टर को तानाशाही कलेक्टर भी कहा जाता है. क्योंकि हर बार कलेक्टर अपनी मर्जी चलाते है. कई बार कलेक्टर ने शहर के पत्रकारों को भी घमकी दी है. इस बार कलेक्टर ने जिला जनसंपर्क अधिकारी (PRO) का ट्रांसफर कर उनको रिलीव कर दिया है. जबकि पीआरओ को ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ जनसंपर्क मंत्री को होता है. वर्तमान में जनसंपर्क मंत्रालय का प्रभार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास ही है. कलेक्टर ने पीआरओ का ट्रांसफर कर के सीएम चौहान के अधिकारों पर अतिक्रमण किया है. इस संबंध में जनसंपर्क आयुक्त ने भी कहा है कि ये अधिकार कलेक्टर के पास नहीं है. कलेक्टर ने ऐसा क्यों किया है इसकी पुछताछ की जाएगी.

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  • कलेक्टर को नहीं है अधिकार

जनसंपर्क आयुक्त सुदामा खांडे का कहना है कि कलेक्टर को ट्रांसफर का अधिकार नहीं है, ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ शासन को है, कलेक्टर को इसका अधिकार नहीं है, मैं अभी आर्डर देखूंगा उन्होंने किस आधार पर ट्रांसफर किया है. अधिकारियों कहना है कि इस मामले को लेकर सीएम से बात हुई है, मामले पर शाम को मुख्यमंत्री फैसला लेंगे.

Last Updated : May 23, 2021, 9:26 PM IST
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