खंडवा। जिले में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से क्षति के आकलन के लिए भारत सरकार के अधिकारियों का अंतर्विभागीय दल खंडवा पहुंचा. केंद्रीय दल ने पुनासा तहसील के विभिन्न गांवों का दौरा किया. साथ ही सुलगांव, नेतनगांव, मथेला और करेली गांवों के खेतों में जाकर क्षतिग्रस्त फसलों को देखा. साथ ही अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के बारे में किसानों से जानकारी भी ली.
कलेक्टर सुन्द्रियाल ने भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि लगातार वर्षा होने से किसानों को दोतरफा नुकसान हुआ है, जहां एक ओर किसानों की फसल की गुणवत्ता खराब होने के कारण फसल का मूल्य उन्हें अच्छा नहीं मिलेगा, वहीं दूसरी ओर फसल उत्पादन की मात्रा भी काफी घट गई है.
उपसंचालक कृषि ने बर्बाद हुई फसलों के बारे में दी जानकारी
उपसंचालक कृषि आरएस गुप्ता ने बताया कि जिले में खरीफ फसल के दौरान सोयाबीन 1 लाख 88 हजार 168 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी. अतिवर्षा के कारण 15 लाख 81 हजार 93 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है. जिसमें लगभग 1.12 लाख किसानों की सोयाबीन फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.
कपास की फसल 63 हजार 151 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 58 हजार 151 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई और लगभग 34 हजार 745 हेक्टेयर किसानों की कपास फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.
मक्का की फसल 34 हजार 123 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 25 हजार 566 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है और लगभग 20 हजार 411 किसानों की मक्का फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.
मूंग, उड़द जैसे दालों की फसल 25 हजार 192 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 13 हजार 409 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई और लगभग 9,413 किसानों की मूंग, उड़द आदि फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.
बता दें कि भारत सरकार के अधिकारियों के इस अंतर्विभागीय दल में गृह विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त सचिव एस.के. शाही, वित्त मंत्रालय भारत सरकार के व्यय विभाग के निर्देशक अमरनाथ सिंह एवं ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सहायक संचालक सुमित गोयल शामिल थे.