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केंद्र सरकार का दल पहुंचा खंडवा, भारी बारिश से बर्बाद हुई फसलों की ली जानकारी

खंडवा में पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण बर्बाद हुई फसलों की जानकारी लेने के लिए केंद्र सरकार का दल खंडवा पहुंचा. अधिकारियों के अंतर्विभागीय दल ने जिले के पुनासा तहसील के कई गांवों का दौरा किया.

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Published : Oct 16, 2019, 9:38 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 9:57 AM IST

भारत सरकार का अंतर्विभागीय दल पहुंचा खंडवा

खंडवा। जिले में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से क्षति के आकलन के लिए भारत सरकार के अधिकारियों का अंतर्विभागीय दल खंडवा पहुंचा. केंद्रीय दल ने पुनासा तहसील के विभिन्न गांवों का दौरा किया. साथ ही सुलगांव, नेतनगांव, मथेला और करेली गांवों के खेतों में जाकर क्षतिग्रस्त फसलों को देखा. साथ ही अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के बारे में किसानों से जानकारी भी ली.

भारत सरकार का अंतर्विभागीय दल पहुंचा खंडवा

कलेक्टर सुन्द्रियाल ने भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि लगातार वर्षा होने से किसानों को दोतरफा नुकसान हुआ है, जहां एक ओर किसानों की फसल की गुणवत्ता खराब होने के कारण फसल का मूल्य उन्हें अच्छा नहीं मिलेगा, वहीं दूसरी ओर फसल उत्पादन की मात्रा भी काफी घट गई है.

उपसंचालक कृषि ने बर्बाद हुई फसलों के बारे में दी जानकारी

उपसंचालक कृषि आरएस गुप्ता ने बताया कि जिले में खरीफ फसल के दौरान सोयाबीन 1 लाख 88 हजार 168 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी. अतिवर्षा के कारण 15 लाख 81 हजार 93 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है. जिसमें लगभग 1.12 लाख किसानों की सोयाबीन फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

कपास की फसल 63 हजार 151 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 58 हजार 151 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई और लगभग 34 हजार 745 हेक्टेयर किसानों की कपास फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

मक्का की फसल 34 हजार 123 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 25 हजार 566 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है और लगभग 20 हजार 411 किसानों की मक्का फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

मूंग, उड़द जैसे दालों की फसल 25 हजार 192 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 13 हजार 409 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई और लगभग 9,413 किसानों की मूंग, उड़द आदि फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

बता दें कि भारत सरकार के अधिकारियों के इस अंतर्विभागीय दल में गृह विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त सचिव एस.के. शाही, वित्त मंत्रालय भारत सरकार के व्यय विभाग के निर्देशक अमरनाथ सिंह एवं ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सहायक संचालक सुमित गोयल शामिल थे.

खंडवा। जिले में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से क्षति के आकलन के लिए भारत सरकार के अधिकारियों का अंतर्विभागीय दल खंडवा पहुंचा. केंद्रीय दल ने पुनासा तहसील के विभिन्न गांवों का दौरा किया. साथ ही सुलगांव, नेतनगांव, मथेला और करेली गांवों के खेतों में जाकर क्षतिग्रस्त फसलों को देखा. साथ ही अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के बारे में किसानों से जानकारी भी ली.

भारत सरकार का अंतर्विभागीय दल पहुंचा खंडवा

कलेक्टर सुन्द्रियाल ने भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि लगातार वर्षा होने से किसानों को दोतरफा नुकसान हुआ है, जहां एक ओर किसानों की फसल की गुणवत्ता खराब होने के कारण फसल का मूल्य उन्हें अच्छा नहीं मिलेगा, वहीं दूसरी ओर फसल उत्पादन की मात्रा भी काफी घट गई है.

उपसंचालक कृषि ने बर्बाद हुई फसलों के बारे में दी जानकारी

उपसंचालक कृषि आरएस गुप्ता ने बताया कि जिले में खरीफ फसल के दौरान सोयाबीन 1 लाख 88 हजार 168 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी. अतिवर्षा के कारण 15 लाख 81 हजार 93 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है. जिसमें लगभग 1.12 लाख किसानों की सोयाबीन फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

कपास की फसल 63 हजार 151 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 58 हजार 151 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई और लगभग 34 हजार 745 हेक्टेयर किसानों की कपास फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

मक्का की फसल 34 हजार 123 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 25 हजार 566 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है और लगभग 20 हजार 411 किसानों की मक्का फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

मूंग, उड़द जैसे दालों की फसल 25 हजार 192 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 13 हजार 409 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई और लगभग 9,413 किसानों की मूंग, उड़द आदि फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है.

बता दें कि भारत सरकार के अधिकारियों के इस अंतर्विभागीय दल में गृह विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त सचिव एस.के. शाही, वित्त मंत्रालय भारत सरकार के व्यय विभाग के निर्देशक अमरनाथ सिंह एवं ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सहायक संचालक सुमित गोयल शामिल थे.

Intro:खंडवा - जिले में गत दिनों हुई अतिवृष्टि से हुई क्षति के आकलन के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के अंतर्विभागीय दल ने मंगलवार को खण्डवा जिले की पुनासा तहसील के विभिन्न ग्रामों का दौरा किया और ग्राम सुलगांव, नेतनगांव, मथेला व करेली ग्रामों में खेतों में जाकर क्षतिग्रस्त फसलों को देखा और किसान से चर्चा कर अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के कारण किसानों को हुए नुकसान की जानकारी ली। भारत सरकार के अधिकारियों के इस अंतर्विभागीय दल में गृह विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त सचिव एस.के. शाही, वित्त मंत्रालय भारत सरकार के व्यय विभाग के निर्देशक अमरनाथ सिंह एवं ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सहायक संचालक सुमित गोयल शामिल हैं.





Body:ग्राम सुलगांव में किसान लखन मालवीय के खेतों में जाकर भारत सरकार के अधिकारियों के दल ने कपास की क्षतिग्रस्त फसल देखी। किसान लखन ने इस दौरान बताया कि वर्षा अधिक होने से उसका उत्पादन तो कम हुआ ही है, साथ ही फसल की गुणवत्ता भी खराब होने से उसे काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि बाजार में उसकी फसल का मूल्य काफी कम मिलेगा। लखन ने बताया कि लगातार पानी बरसने से उसने जो कीटनाशक फसलों पर कीटों से रक्षा के लिए छिड़काव किया था वह बह गया, जिससे कपास की फसल में इल्ली व सफेद मक्खी तक के प्रकोप से काफी नुकसान हुआ है। लखन ने बताया कि लगभग 15-20 दिन तक लगातार वर्षा होने से कपास की फसल की जड़े सड़ गई है।

कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने इस दौरान भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि लगातार वर्षा होने से किसानों को दो तरफा नुकसान हुआ, जहां एक और किसानों की फसल की गुणवत्ता खराब होने के कारण फसल का मूल्य उन्हें अच्छा नही मिलेगा, वही दूसरी और फसल उत्पादन की मात्रा भी काफी घट गई है।

ग्राम मथेला के किसान राजकुमार ने भारत सरकार के अधिकारियों के दल को बताया कि 2 एकड़ क्षेत्र में उसने मक्का लगाया था, जिसमें मात्र 5 से 7 क्विंटल उत्पादन होगा। जबकि इसी खेत में गत वर्ष 50 क्विंटल से अधिक उत्पादन हुआ था। किसान राजकुमार ने इस दौरान अपने सोयाबीन के खेत में भी अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति भारत सरकार के अधिकारियों के दल को दिखाई।

उप संचालक कृषि आर.एस. गुप्ता ने इस दौरान बताया कि आर्मीवार्म के प्रकोप के कारण इस बरसात में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वर्षा के कारण कीटनाशक का प्रभाव शून्य रहा, इससे फसलों को काफी क्षति हुई।

ग्राम नेतनगांव में किसान राधेश्याम मालवीय के कपास के खेत में भी भारत सरकार के अधिकारियों के दल ने जाकर फसल क्षति का जायजा लिया।
राधेश्याम ने बताया कि सफेद मक्खी के प्रकोप से कपास की गुणवत्ता बिल्कुल खराब हो गई है। सफेद मक्खी से निपटने के लिए जो कीटनाशक का छिड़काव 2-3 बार किया था वह बेकार गया, क्योंकि लगातार पानी बरसने के कारण फसलों पर कीटनाशक टिक नही सका। नेतनगांव के ही श्रीराम ने वर्षा के कारण कपास में जड़ सड़न से हुए नुकसान के बारे में भारत सरकार के अधिकारियों के दल को बताया और कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कपास का उत्पादन मात्र 10 प्रतिशत ही हुआ है।
Conclusion:उपसंचालक कृषि आरएस गुप्ता ने इस दौरान बताया कि जिले में खरीफ फसल के दौरान सोयाबीन 188168 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 158193 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 1.12 लाख किसानों की सोयाबीन फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। इसी तरह कपास की फसल 63151 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 58151 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 34745 किसानों की कपास फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। मक्का की फसल 34123 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 25566 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 20411 किसानों की मक्का फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। मूंग, उड़द इत्यादि की फसल 25192 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 13409 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 9413 किसानों की मूंग,उड़द इत्यादि फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है।
Last Updated : Oct 16, 2019, 9:57 AM IST
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