खंडवा। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना से पूरे देश में चीन के खिलाफ आक्रोश है. इसी के चलते गुरुवार को खंडवा में बजरंग दल ने चीन का पुतला फूंका. सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच छड़प हुई थी. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद से पूरे देश में चीन का विरोध शुरू हो गया है और लोग चीनी सामान का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं.
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत व चीन के जवानों की झड़प में 20 जवानों की शहादत पर देश भर में लोगों का गुस्सा उबल पड़ा है. लोगों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पोस्टर और चीनी झंडे को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने मांग की है कि केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से चीनी सामान के आयात पर रोक लगाए. वहीं चीन की इस करतूत के बाद से ही सोशल मीडिया पर चीन का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. विभिन्न तरह के स्लोगन ट्रोल हो रहे हैं, जो टॉप ट्रेंडिंग में हैं. जिस पर लोगों का तर्क है कि यदि सरकार चीनी सामान के आयात पर रोक नहीं लगा सकती, तो लोगों को स्वयं इसका विरोध करना चाहिए.
भारतीय जवानों की शहादत से आक्रोशित लोग, बजरंग दल ने फूंका चीन का पुतला
सोमवार को चीन और भारत की सेना के बीच हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए. इसके बाद से ही देश भर में आक्रोश है. खंडवा में भी चीनी सामान के विरोध में बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया. पढ़िए पूरी खबर..
खंडवा। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना से पूरे देश में चीन के खिलाफ आक्रोश है. इसी के चलते गुरुवार को खंडवा में बजरंग दल ने चीन का पुतला फूंका. सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच छड़प हुई थी. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद से पूरे देश में चीन का विरोध शुरू हो गया है और लोग चीनी सामान का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं.
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत व चीन के जवानों की झड़प में 20 जवानों की शहादत पर देश भर में लोगों का गुस्सा उबल पड़ा है. लोगों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पोस्टर और चीनी झंडे को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने मांग की है कि केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से चीनी सामान के आयात पर रोक लगाए. वहीं चीन की इस करतूत के बाद से ही सोशल मीडिया पर चीन का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. विभिन्न तरह के स्लोगन ट्रोल हो रहे हैं, जो टॉप ट्रेंडिंग में हैं. जिस पर लोगों का तर्क है कि यदि सरकार चीनी सामान के आयात पर रोक नहीं लगा सकती, तो लोगों को स्वयं इसका विरोध करना चाहिए.