खंडवा। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को खंडवा जिले की मान्धाता विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे. यहां उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस के बागी नेता नारायण पटेल के समर्थन में होने वाली चुनावी सभा को संबोधित किया. सभा के लिए बकायदा जिलेभर से भीड़ एकत्रित की गई. भीड़ में पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और आम जनता के अलावा सरकारी कर्मचारियों को भी शामिल किया गया. भीड़ का हिस्सा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी बनाया गया है.
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
कोरोना काल में सोशल डिस्टेंस, मास्क लगाना और हाथ सेनिटाइज करने की सलाह दी जा रही थी. नियमों का पालन न करने वाली आम जनता से प्रशासन ने जुर्माना भी वसूला जा रहा है. वहीं प्रदेश में उप चुनाव के कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उठाई जा रही हैं. लेकिन किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं ही रही. प्रशासन मूकदर्शक बन केवल तमाशा देख रहा है.
जिलेभर से सिविल ड्रेस में भेजी गईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं
पुनासा में मुख्यमंत्री की सभा के लिए जिलेभर से भीड़ एकत्रित की गई. जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को भी शामिल किया है. इन आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सिविल ड्रेस में भेजा गया है. जबकि उनके पास विभाग की ड्रेस भी है. कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का कहना है जब हमें ले जाया रहा है तो हमारे विभाग की ड्रेस में क्यों नहीं. हमारा उपयोग केवल भीड़ बढ़ाने में हो रहा, ये गलत है.
अधिकारियों की बातों में विरोधाभास
नया हरसूद में परियोजना अधिकारी सुषमा चौरसिया का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर कार्यकर्ता, सहायिकाओं को भेजा रहा है. साथ ही ड्रेस का कलर बदलने वाला है, इसलिए सिविल ड्रेस में भेजा गया.महिला एवं बाल विकास विभाग खंडवा के डीपीओ अंशुबाला मसीह का कहना है कि चुनावी सभा के लिए हमने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं भेजने के कोई निर्देश नहीं दिए. वे अपनी मर्जी से आ सकती हैं. साथ ही विभाग की ड्रेस के कलर बदलने को लेकर अभी कोई तैयारी नहीं है. सीडीपीओ ने अपनी मर्जी से कुछ भी कह दिया.