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किसानों की मेहनत बर्बाद, ओपन कैंप में 5 जिलों का भंडारित 63 हजार क्विंटल गेहूं सड़ा

खंडवा जिले के नागचुन स्थित ओपन कैंप में इंदौर उज्जैन, देवास, शाजापुर और धार इन 5 जिलों का 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारित किया जा रहा है. इसमें से उज्जैन और देवास जिले की 2 दर्जन समितियों का लगभग 63 हजार क्विंटल गेहूं सड़ चुका है.

Thousand Quintal Wheat Rotten
हजार क्विंटल गेहूं सड़ा
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Published : Jul 25, 2020, 5:03 PM IST

Updated : Aug 1, 2020, 3:58 PM IST

खंडवा। जिले में ओपन कैंप में 5 जिलों का 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारित किया जा रहा है. इसमें से उज्जैन और देवास जिले की 2 दर्जन समितियों का लगभग 63 हजार क्विंटल गेहूं सड़ चुका है. वहीं जिला प्रशासन कोई जवाब देने को तैयार नहीं है.

हजार क्विंटल गेहूं सड़ा

करोडों का नुकसान

दरअसल खंडवा जिले के नागचुन स्थित ओपन कैप में इंदौर उज्जैन, देवास, शाजापुर और धार इन 5 जिलों का 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारित किया जा रहा हैं. इनमें से उज्जैन और देवास की सहकारी समिति उज्जैन की शिप्रा, कमलापुर, सोनकच्छ, टोंकखुर्द, भौंरासा, पीपलरावां, आलवी, रतन खेड़ी अलरी, महीदपुर, रतनपुर सहित अन्य समितियों का करीब 63 हजार क्विंटल गेहूं परिवहन के लिए के दौरान भीगकर आया था. भीगे हुए गेहूं की कीमत तकरीबन 12.50 करोड़ रुपए बताई जा रही है. अब प्रशासन के द्वारा इनमें से अपग्रेडेशन का कार्य किया जा रहा है.

ईटीवी भारत ने दी थी लापरवाही की जानकारी

खराब गेहूं को अलग करके और उसे वापस समितियों को भिजवाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है और इस खराब हो चुके गेहूं को किस उपयोग लाया जाएगा इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है. इसके पहले ईटीवी भारत ने इसके पहले ही ओपन कैंप में भंडारित हो रहे गेहूं के बारिश में भीगकर खराब होने की आशंका व्यक्त की थी और इस ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था इसके बावजूद प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरती गई. जिसका नतीजा यह है कि आज हजारों किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं सड़कर खराब हो गया है और अब प्रशासन के द्वारा इसे खपाने की तैयारी की जा रही है. इस नुकसान से प्रशासन को करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ सकता है.

जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

जिला विपणन अधिकारी इस मामले पर बचते नजर आ रहे हैं. वहीं जिले के कलेक्टर अनय द्विवेदी द्वारा भी चुप्पी साध ली है. ईटीवी भारत ने जब उनसे इस संबंध में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. एक अनुमान के मुताबिक नुकसान हुए गेहूं से तकरीबन 6 करोड़ 30 लाख लोगों का एक समय का भोजन बन सकता था जो कि अब बारिश में खराब हो गया है. इससे पहले में खालवा ओपन कैंप में 508 मीट्रिक टन लौटाया दिया गया था. विपणन संघ ने गत दिनों खराब हुए गेहूं में खालवा के ओपन कैप से शाजापुर की उचोद समिति का 143 मीट्रिक टन, पोलायकला समिति का 164 मीट्रिक टन, नवाजखेड़ी समिति का 197 मीट्रिक टन गेहूं वापस लौटा दिया था.

खंडवा। जिले में ओपन कैंप में 5 जिलों का 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारित किया जा रहा है. इसमें से उज्जैन और देवास जिले की 2 दर्जन समितियों का लगभग 63 हजार क्विंटल गेहूं सड़ चुका है. वहीं जिला प्रशासन कोई जवाब देने को तैयार नहीं है.

हजार क्विंटल गेहूं सड़ा

करोडों का नुकसान

दरअसल खंडवा जिले के नागचुन स्थित ओपन कैप में इंदौर उज्जैन, देवास, शाजापुर और धार इन 5 जिलों का 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारित किया जा रहा हैं. इनमें से उज्जैन और देवास की सहकारी समिति उज्जैन की शिप्रा, कमलापुर, सोनकच्छ, टोंकखुर्द, भौंरासा, पीपलरावां, आलवी, रतन खेड़ी अलरी, महीदपुर, रतनपुर सहित अन्य समितियों का करीब 63 हजार क्विंटल गेहूं परिवहन के लिए के दौरान भीगकर आया था. भीगे हुए गेहूं की कीमत तकरीबन 12.50 करोड़ रुपए बताई जा रही है. अब प्रशासन के द्वारा इनमें से अपग्रेडेशन का कार्य किया जा रहा है.

ईटीवी भारत ने दी थी लापरवाही की जानकारी

खराब गेहूं को अलग करके और उसे वापस समितियों को भिजवाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है और इस खराब हो चुके गेहूं को किस उपयोग लाया जाएगा इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है. इसके पहले ईटीवी भारत ने इसके पहले ही ओपन कैंप में भंडारित हो रहे गेहूं के बारिश में भीगकर खराब होने की आशंका व्यक्त की थी और इस ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था इसके बावजूद प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरती गई. जिसका नतीजा यह है कि आज हजारों किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं सड़कर खराब हो गया है और अब प्रशासन के द्वारा इसे खपाने की तैयारी की जा रही है. इस नुकसान से प्रशासन को करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ सकता है.

जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

जिला विपणन अधिकारी इस मामले पर बचते नजर आ रहे हैं. वहीं जिले के कलेक्टर अनय द्विवेदी द्वारा भी चुप्पी साध ली है. ईटीवी भारत ने जब उनसे इस संबंध में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. एक अनुमान के मुताबिक नुकसान हुए गेहूं से तकरीबन 6 करोड़ 30 लाख लोगों का एक समय का भोजन बन सकता था जो कि अब बारिश में खराब हो गया है. इससे पहले में खालवा ओपन कैंप में 508 मीट्रिक टन लौटाया दिया गया था. विपणन संघ ने गत दिनों खराब हुए गेहूं में खालवा के ओपन कैप से शाजापुर की उचोद समिति का 143 मीट्रिक टन, पोलायकला समिति का 164 मीट्रिक टन, नवाजखेड़ी समिति का 197 मीट्रिक टन गेहूं वापस लौटा दिया था.

Last Updated : Aug 1, 2020, 3:58 PM IST
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