खंडवा। प्रदेश भर में गुरुनानक जी की 550वीं जयंती को प्रकाश वर्ष के रूप में धूमधाम से मनाया गया . वहीं जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ओंकारेश्वर से भी गुरुनानक देव जी का गहरा नाता रहा है. खास बात यह है की 1514 में गुरुनानक जी यहां आए थे उन्होंने यहां ओंकार वाणी भी लिखी है. जो गुरुग्रंथ साहब में 929 पेज पर ओंकार वाणी का जिक्र है.
गुरुनानक जी ओंकारेश्वर आए थे यहां उन्होंने ओंकारेश्वर मंदिर के तत्कालीन महंत पंडित चतुर्दास से मुलाकात की थी. गुरुग्रंथ सभा के प्रमुख ग्रंथी गुरमत प्रचारक ज्ञानी जसवीर सिंह राणा ने बताया 50 साल पहले सिख समुदाय के बड़े कथावाचक ज्ञानी संतसिंघ मस्कीन ने इतिहास के आधार पर ओंकारेश्वर में उस स्थान की खोज की जहां गुरुनानक देव जी ने आए थे. इसके बाद संगत के सहयोग से ओंकारेश्वर में गुरुद्वारा बनवाया था.