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नागिन के डसने से 4 लोगों की मौत, नाग देवता का प्रकोप बता रहे ग्रामीण - 4 लोगों की मौत

खंडवा के आरुद गांव में एक नागिन 10 दिनों में 10 लोगों को डस चुकी है. जिनमें 4 लोग और 2 पशुओं की मौत हो गई है. ग्रामीण इसे नाग देवता का प्रकोप मानकर मंदिरों में उन्हें मनाने में लगे हैं.

नागिन के डसने से 4 लोगों की मौत
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Published : Jun 11, 2019, 11:22 PM IST

खंडवा| इन दिनों एक नागिन आरुद गांव के लोगों पर कहर ढा रही है. पिछले 10 दिनों में नागिन 10 लोगों को डस चुकी हैं. जिनमें 4 लोग और 2 पशुओं की मौत हो गई है. गांव में नागिन का खौफ इस कदर है कि हर पल लोग खौफ के साये में जी रहे हैं. इन सब के बीच गांव में पूजा पाठ का दौर शुरू हो चुका हैं, ग्रामीण इसे नाग देवता का प्रकोप मानकर मंदिरों में उन्हें मनाने में लगे हैं.

नागिन के डसने से 4 लोगों की मौत
  • खंडवा जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर पंधाना तहसील का आरुद गांव इन दिनों चर्चा में हैं.
  • पिछले कुछ दिनों से आरुद गांव में एक नागिन ने ऐसा कहर बरपाया है कि इस गांव के लोग अब डर के साए में जी रहे हैं.
  • गांव में पहले व्यक्ति अखिलेश प्रजापति थे जिन्हें नागिन ने काटा था, उन्होंने बताया वे पानी पी रहे थे तभी नागिन ने उन्हें पैर पर काट लिया.
  • ग्रामीण इसे नाग देवता का प्रकोप मान रहे हैं और इससे बचने के लिए वे नाग देवता की पूजा पाठ करने में जुटे हुए हैं.
  • महिलाएं भजन कर रही हैं, ताकि आगे से यहां कोई अनहोनी ना हो और उनके गांव में फिर से शांति कायम हो जाए.
  • भय और दहशत के माहौल के बीच ग्रामीणों को अभी तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है.

खंडवा| इन दिनों एक नागिन आरुद गांव के लोगों पर कहर ढा रही है. पिछले 10 दिनों में नागिन 10 लोगों को डस चुकी हैं. जिनमें 4 लोग और 2 पशुओं की मौत हो गई है. गांव में नागिन का खौफ इस कदर है कि हर पल लोग खौफ के साये में जी रहे हैं. इन सब के बीच गांव में पूजा पाठ का दौर शुरू हो चुका हैं, ग्रामीण इसे नाग देवता का प्रकोप मानकर मंदिरों में उन्हें मनाने में लगे हैं.

नागिन के डसने से 4 लोगों की मौत
  • खंडवा जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर पंधाना तहसील का आरुद गांव इन दिनों चर्चा में हैं.
  • पिछले कुछ दिनों से आरुद गांव में एक नागिन ने ऐसा कहर बरपाया है कि इस गांव के लोग अब डर के साए में जी रहे हैं.
  • गांव में पहले व्यक्ति अखिलेश प्रजापति थे जिन्हें नागिन ने काटा था, उन्होंने बताया वे पानी पी रहे थे तभी नागिन ने उन्हें पैर पर काट लिया.
  • ग्रामीण इसे नाग देवता का प्रकोप मान रहे हैं और इससे बचने के लिए वे नाग देवता की पूजा पाठ करने में जुटे हुए हैं.
  • महिलाएं भजन कर रही हैं, ताकि आगे से यहां कोई अनहोनी ना हो और उनके गांव में फिर से शांति कायम हो जाए.
  • भय और दहशत के माहौल के बीच ग्रामीणों को अभी तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है.
Intro:खंडवा - खंडवा के आरुद गाँव में इन एक दिनों नागिन का खौफ व्याप्त हैं। यहां पिछले 10 दिनों में नागिन 10 लोगों को ढस चुकी हैं। जिनमें 4 लोग और 2 पशुओं की मौत हो चुकी हैं। गाँव में नागिन का खौफ इस कदर हैं कि लोग हर पल लोग अपनी नजर इधर उधर घुमाते रहते हैं। कि कही वो नागिन न आ जाए। वहीं इस सब के बीच गाँव में पूजा पाठ का दौर शुरू हो चुका हैं। ग्रामवासी इसे नाग देवता का प्रकोप मानकर मंदिरों में उन्हें मनाने में लगे हैं। वहीं जानकर इसे अंधविश्वास मान रहे हैं।


Body:जिला मुख्यालय से करीबन 30 किलोमीटर दूर पंधाना तहसील के आरुद गाँव इन दिनों चर्चा में हैं ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ पिछले कुछ दिनों में एक नागिन ने ऐसा कहर बरपाया हैं कि इस गाँव के लोग अब डर के साए में जी रहे हैं। आरुद गाँव में पिछले 10 दिनों में नागिन 10 लोगों को ढस चुकी हैं जिनमें से 4 की मौत भी हो गई हैं और शेष का ईलाज चल रहा हैं। इंसान ही नहीं इस नागिन ने भैंस और गाय के बछड़े को भी ढस लिया जिससे उनकी भी मौत हो गई। वहीं गाँव में पहले व्यक्ति अखिलेश प्रजापति थे जिन्हें नागिन ने काटा था उन्होंने बताया वे पानी पी रहे हैं तभी नागिन ने उन्हें पैर पर काट लिया हालांकि उनका जहर तुरंत उतार लिया गया और वे बच गए। भय के माहौल में जी रहे ग्रामवासी इसे नाग देवता का प्रकोप मान रहे हैं और इससे बचने के लिए वे नाग देवता की पूजा पाठ करने में जुट गए प्रसादी बांटी जा रही हैं। महिलाएं भजन कर रही हैं। ताकि आगे से यहां कोई अनहोनी ना हो और उनके गाँव में फिर से शांति कायम हो जाए। वहीं सर्प जानकार इसे अंधविश्वास मान रहे हैं। उनका कहना हैं टीवी फिल्मों में जिस तरह नाग नागिन की कहानियां दिखाई गई है उससे लोगों में अंधविश्वास बढ़ गया है। जबकि सांप के बारे में समाज में सही जानकारी देनी चाहिए जिससे लोग जागरूक हो। उनका मानना हैं कि सामान्यतः सांप पहले से किसी को नही काँटते है यदि गलती से उस पर पैर रख दिया जाए तब अपनी सुरक्षा में वो काट सकता हैं। सांप के काटने के तुरंत बाद अस्पताल ले जाकर एंटी वेनम लगवाए ना कि किसी ओझा या बाबा के चक्कर में आकर झांड़फूंक कराएं।


Conclusion:भय और दहशत के माहौल के बीच ग्रामीणों को अब कोई सरकारी सहायता नही मिली हैं जागरूकता के आभाव में ग्रामीण अभी भी अंधविश्वास पर विश्वास कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों का विश्वास हैं उनके इस तरह के अनुष्ठान से नाग देवता उन्हें बख्श दे और गाँव में फिर से सब ठीक हो सकता हैं।

byte - अखिलेश प्रजापति, पीड़ित
byte - मीरा बाई , ग्रामवासी
byte - मनोज कुशवाह, ग्रामवासी
byte - संजय राठी, सर्प जानकार
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