खंडवा। जिले में अतिवृष्टि से सभी फसलों को भारी नुकसान हुआ हैं. लेकिन इस साल प्याज का उत्पादन बड़ी मात्रा में प्रभावित हुआ है. भारी बारिश के चलते जिले की लगभग 15 लाख क्विंटल प्याज खराब हो चुकी है. हालात ये हैं कि किसानों के खेत में ही प्याज सड़कर खराब हो गई है, जिसके चलते प्याज उत्पादक किसानों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है.
प्रशासन के द्वारा नुकसान का सर्वे कार्य धीमी गति से चल रहा हैं. जिसके चलते प्रशासन नुकसान की स्थिति के संबंध में कुछ भी बोलने से बच रहा है. वहीं केंद्र सरकार ने प्याज की कमी को देखते हुए प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है.
किसानों का कहना है कि अतिवृष्टि से जिले में प्याज की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है, जिस वजह से प्याज के दाम भी उछाल मार रहे हैं. साथ ही प्याज का कोई स्टॉक भी नही हैं. प्रति एकड़ प्याज उत्पादन में 35-45 हजार का लागत आती है. इसमें बुआई से लेकर घर तक लाने का खर्च शामिल है. केंद्र सरकार को प्याज का आयात बंद करना चाहिए और जो निर्यात बंद किया गया है, उसे शुरु कर देना चाहिए. साथ ही अतिवृष्टि से जो प्याज कि फसलें खराब हुई हैं, उसका किसानों को मुआवजा भी मिलना चाहिए.
बता दें कि जिले में साल दर साल प्याज के रकबे में कमी आई है. साल 2017 में जहां प्याज का रकबा 8 हजार हेक्टेयर था, वहीं 2018 में 5 हजार 500 हेक्टेयर पहुंच गया है, इस साल महज 5 हजार हेक्टेयर में ही प्याज बोया गया.