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कोरोना के बीच मजदूरों के लिए संजीवनी बना मनरेगा, 5116 मेड़ बंधान को मिली स्वीकृति - मजदूरों को मनरेगा के तहत मिल रहा काम

कोरोना महामारी के बीच मनरेगा कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 5116 मेड़ बंधान की स्वीकृति मिली है.

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मनरेगा योजना के तहत मिला रोजगार
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Published : Jun 25, 2020, 12:55 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 4:44 PM IST

कटनी । वैश्विक महामारी कोरोना के चलते मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है. मनरेगा कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. इससे गांव की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है. शासन के दिशा निर्देशों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है.

मनरेगा योजना के तहत मिला रोजगार

कटनी जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 5116 मेड़ बंधान की स्वीकृति मिली है. जिसमें 2,662 फैमिली मास्टर के जरिए ग्राम के मजदूरों को काम मिल रहा है, यही वजह है कि मजदूरों के लिए ये योजना संजीवनी साबित हो रही है.

मजदूरों का कहना है कि इसी तरह जिले में काम मिलता रहे तो कोई ग्रामीण पलायन नहीं करेंगे. सरकार से मजदूरों की यही मांग है कि महात्मा गांधी मनरेगा योजना की तरह अन्य योजनाओं पर काम मिले.

जिला पंचायत सीईओ जगदीश चंद्र गांव ने बताया कि ग्राम पंचायतों में व्यापक संख्या में मनरेगा योजना के तहत कार्य शुरू कराए गए हैं. योजना में मेड बंधान के कार्य तेजी गति से जारी हैं, लेकिन बरसात की वजह से कुछ जगह व्यवधान भी हो रहा है.

सीईओ का कहना है कि जहां पर कृषि कार्य शुरू हो जाएंगे, वहां पर काम नहीं हो पाएंगे. ग्राम पंचायत लेवल पर सभी अनुसूचित जनजाति वाले एरिया हैं, उनमें एपीओ मनरेगा को निर्देश दिए हैं कि जिसने ज्यादा से ज्यादा हितग्राही हैं उनके मेड बंधान के काम शुरू किए जाएं. सीईओ ने यह भी बताया कि मेड बंधान से धान की खेती को अधिक लाभ मिलता है और 161 हजार एकड़ का एरिया कृषि विभाग का है.

कटनी । वैश्विक महामारी कोरोना के चलते मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है. मनरेगा कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. इससे गांव की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है. शासन के दिशा निर्देशों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है.

मनरेगा योजना के तहत मिला रोजगार

कटनी जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 5116 मेड़ बंधान की स्वीकृति मिली है. जिसमें 2,662 फैमिली मास्टर के जरिए ग्राम के मजदूरों को काम मिल रहा है, यही वजह है कि मजदूरों के लिए ये योजना संजीवनी साबित हो रही है.

मजदूरों का कहना है कि इसी तरह जिले में काम मिलता रहे तो कोई ग्रामीण पलायन नहीं करेंगे. सरकार से मजदूरों की यही मांग है कि महात्मा गांधी मनरेगा योजना की तरह अन्य योजनाओं पर काम मिले.

जिला पंचायत सीईओ जगदीश चंद्र गांव ने बताया कि ग्राम पंचायतों में व्यापक संख्या में मनरेगा योजना के तहत कार्य शुरू कराए गए हैं. योजना में मेड बंधान के कार्य तेजी गति से जारी हैं, लेकिन बरसात की वजह से कुछ जगह व्यवधान भी हो रहा है.

सीईओ का कहना है कि जहां पर कृषि कार्य शुरू हो जाएंगे, वहां पर काम नहीं हो पाएंगे. ग्राम पंचायत लेवल पर सभी अनुसूचित जनजाति वाले एरिया हैं, उनमें एपीओ मनरेगा को निर्देश दिए हैं कि जिसने ज्यादा से ज्यादा हितग्राही हैं उनके मेड बंधान के काम शुरू किए जाएं. सीईओ ने यह भी बताया कि मेड बंधान से धान की खेती को अधिक लाभ मिलता है और 161 हजार एकड़ का एरिया कृषि विभाग का है.

Last Updated : Jun 25, 2020, 4:44 PM IST
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