कटनी। कोरोना संक्रमण की दूसरी रफ्तार में जहां सैकड़ों लोग मौत के गाल में समा गए तो वहीं दो माह से लगभग व्यापार और रोजगार दोनों बंद पड़े हुए थे. किसी तरह 1 जून से unlock हुआ है, फिर भी जिले के बहुत से लोग काम की तलाश में भटकने को मजबूर हैं. ऐसा ही हाल कटनी शहर के कृषि उपज मंडी का है. यहां पर 200 से अधिक महिला मजदूर पिछले 5 दिनों से मंडी गेट तक पहुंचती हैं और उन्हें वहीं से बैरंग लौटा दिया जाता है. सोमवार को भी ऐसे ही स्थिति बनी तो महिला मजदूर गेट के सामने धरने पर बैठ गईं.
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मंडी में मजदूरी से ही चलते हैं घर
महिलाओं ने बताया कि कृषि उपज मंडी में काफी महिलाएं व्यापारियों के अनाज को साफ करने का कार्य करती है. उसी से उनके परिवार का भरण पोषण होता है. काम करने वाले मजदूरों में अधिकांश विधवा या बेसहारा महिलाएं हैं, जिनको दिनभर मजदूरी करने के बाद मिले अनाज और पैसे से अपना घर चलाना पड़ता है.
महिलाओं का कहना है कि 1 जून से मंडी खुलने के बाद मंडी सचिव ने उन्हें सोमवार से काम पर आने को कहा था, जिस पर सोमवार को जब मंडी पहुंचीं तो उन्होंने यह कहकर लौटा दिया कि कोरोना की नई गाइडलाइन आने के बाद ही मंडी के अंदर प्रवेश मिल पाएगा. ऐसे में महिला मजदूरों के सामने पेट पालने का संकट आ खड़ा हुआ है. महिलाओं का कहना है कि जब तक मंडी के अंदर काम नहीं मिलेगा, तब तक मंडी गेट के सामने ही धरना देंगे.
नई guideline आने के बाद ही मंडी में होगी एंट्री
इस पूरे मामले पर मंडी सचिव पीयूष कुमार का कहना है कि अनलॉक के बाद खुली मंडी में 40 से 50 प्रतिशत ही व्यापार हो रहा है और कोरोना की नई गाइडलाइन के अनुसार सभी से ही काम लिया जा रहा है. इसके अलावा टीका लगवा चुके लोगों को ही मंडी में प्रवेश दे रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि अधिकांश महिलाओं के साथ बच्चे भी अंदर आ जाते हैं और तीसरी लहर में उन्हें अधिक खतरा है. जिसके चलते 15 जून के बाद सरकार की नई गाइडलाइन आने के बाद ही मंडी में प्रवेश दिया जा सकेगा.