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बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं पर करोड़ों देने का वादा, डाक्टर और स्टाफ की कमी को किया नजरअंदाज

कटनी में बड़ी संख्या में मरीज अपना इलाज कराने सिविल अस्पताल पहुंचते हैं. इस सिविल अस्पताल में स्टॉफ की भारी कमी है. जिसके चलते आए दिन परेशानियां देखने को मिलती हैं.

कटनी जिला अस्पताल
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Published : Jul 10, 2019, 11:37 PM IST

कटनी। मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में साल 2019- 20 का बजट पेश किया है. बजट में सरकार ने स्वास्थ्य पर भी बड़ी राशि खर्च करने का भरोसा दिया है. लेकिन यह राशि कहां खर्च की जाएगी, इसका अनुमान लगाना कठिन है. हाल ही में प्रदेश के 11 जिलों में अलग से आईसीयू का निर्माण कराया गया, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा जरूरत जिन जिलों में थी. वहां उनका लाभ नहीं मिल पाया है.


कटनी में बड़ी संख्या में मरीज अपना इलाज कराने सिविल अस्पताल पहुंचते हैं. इस सिविल अस्पताल में स्टॉफ की भारी कमी है. जिसके चलते आए दिन परेशानियां देखने को मिलती हैं. सिविल सर्जन के मुताबिक जिला अस्पताल में 50 फीसदी डॉक्टरों और 50 स्टॉफ की कमी है. जबकि वार्ड बॉय की 90 फीसदी कमी है.

जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल


ऐसे में अस्पताल को चलाने में परेशानी आती है. सिविल सर्जन का कहना है कि उन्होंने स्टाफ की कमी को लेकर कई बार शासन को पत्र भेजा. लेकिन शासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया. कटनी के अलावा इस हॉस्पिटल में 5 जिलों के और मरीज आते हैं. जिनको स्वास्थ्य सेवाएं देना बहुत कठिन है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नए बजट में सरकार ने 24 हजार करोड़ से ज्यादा की खर्च का वादा किया है. लेकिन डाक्टर और स्टाफ की कमी सरकार के इस बजट पर साफ नजर आ रही है.

कटनी। मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में साल 2019- 20 का बजट पेश किया है. बजट में सरकार ने स्वास्थ्य पर भी बड़ी राशि खर्च करने का भरोसा दिया है. लेकिन यह राशि कहां खर्च की जाएगी, इसका अनुमान लगाना कठिन है. हाल ही में प्रदेश के 11 जिलों में अलग से आईसीयू का निर्माण कराया गया, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा जरूरत जिन जिलों में थी. वहां उनका लाभ नहीं मिल पाया है.


कटनी में बड़ी संख्या में मरीज अपना इलाज कराने सिविल अस्पताल पहुंचते हैं. इस सिविल अस्पताल में स्टॉफ की भारी कमी है. जिसके चलते आए दिन परेशानियां देखने को मिलती हैं. सिविल सर्जन के मुताबिक जिला अस्पताल में 50 फीसदी डॉक्टरों और 50 स्टॉफ की कमी है. जबकि वार्ड बॉय की 90 फीसदी कमी है.

जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल


ऐसे में अस्पताल को चलाने में परेशानी आती है. सिविल सर्जन का कहना है कि उन्होंने स्टाफ की कमी को लेकर कई बार शासन को पत्र भेजा. लेकिन शासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया. कटनी के अलावा इस हॉस्पिटल में 5 जिलों के और मरीज आते हैं. जिनको स्वास्थ्य सेवाएं देना बहुत कठिन है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नए बजट में सरकार ने 24 हजार करोड़ से ज्यादा की खर्च का वादा किया है. लेकिन डाक्टर और स्टाफ की कमी सरकार के इस बजट पर साफ नजर आ रही है.

Intro:कटनी । मध्यप्रदेश शासन ने अपना बजट पेश किया है और स्वास्थ्य पर भी एक बड़ी राशि खर्च करने का भरोसा दिया है लेकिन यह राशि कहां कहां खर्च की जाएगी इसका अनुमान लगाना कठिन है हाल ही में मध्य प्रदेश के 11 जिलों में अलग से आईसीयू का निर्माण कराया गया है । लेकिन इसकी आवश्यकता सबसे ज्यादा जिन जिलों में थी वहां उनका लाभ नहीं मिल पाया ।


Body:वीओ - हम बात कर रहे हैं कटनी जिले की जहां पर तकरीबन 50 के मरीज अपना इलाज कराने के लिए कटनी सिविल अस्पताल पहुंचते हैं इस सिविल अस्पताल में 1 जिले के भी मुकम्मल स्टॉप नहीं है जिसके चलते आए दिन परेशानियां देखने को मिलती हैं । सिविल सर्जन के मुताबिक जिला अस्पताल में 50 पेटी डॉक्टरों की और 50 फ़ीसदी स्टाफ की कमी है और भाई वार्ड बॉय वाह गार्डों की भी 90 फीस दी कमी है ऐसे में अस्पताल को चलाने में कई तरह की परेशानी आती हैं । ओर वही जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के मुताबिक यहां व्यवस्था है चार चांद है लेकिन यह तमाम व्यवस्थाएं प्राइवेट अस्पतालों में ट्रेनिंग कर रही छात्र-छात्राओं से पूरी की जाती हैं। जिला अस्पताल के स्टाफ की भरोसे जिला अस्पताल को चलाना बेहद कठिन है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रदेश शासन कटनी जिला अस्पताल पर भी अपनी नजर डालेगा । वीओ 2 - सिविल सर्जन की मानत्व उन्होंने स्टाफ की कमी के लिए कई बार शासन को पत्र भेजा है लेकिन प्रशासन की तरफ से किसी तरह का कोई सकारात्मक पहलू सामने नजर नहीं आया है। जिसके चलते स्टाफ की कमी लगातार बनी हुई है । सिविल सर्जन ही मानते हैं कि कटनी जिले के अलावा इस हॉस्पिटल में 5 जिलों के और मरीज आते हैं जिनको स्वास्थ्य सेवाएं देना उनके लिए बहुत ही कठिन काम है । लेकिन लगातार स्टाफ की कमी बने रहने के बावजूद भी वह कोशिश करते हैं कि बाहर से आने वाले मरीजों को भी उतना ही लाभ दे सके जितना अपने जिले के मरीजों को दिया जाता है । लेकिन एक बात तो सच है कि जिला अस्पताल में स्टाफ की कमी कहीं ना कहीं जिला अस्पताल के प्रशासनिक कसावट को ढीली करती नजर आ रही है ।


Conclusion:फाईनल - स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नए बजट में सरकार ने 24 हजार करोड़ से ज्यादा की खर्च का वादा किया है । लेकिन डाक्टर और स्टाफ की कमी सरकार के इस बजट पर भारी नजर आ रही है । बाईट - महिला - मरीज बाईट - शांतनू - मरीज बाईट - दिलराज सिंह - मरीज बाईट - डॉ सतीश शर्मा - सिविल सर्जन
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